विस्फोट स्थल से 40 मीटर दूरी पर भाजपा कार्यालय और 100 मीटर पर कडु मलेश्वरा मंदिर होने के कारण इस जगह को काफी सोच-समझकर चुना गया था लेकिन चुनाव में टिकट बंटवारे का काम खत्म हो जाने कारण नेता और कार्यकर्ता अपने इलाके में चले गए थे इसलिए वहां भीड़ कम थी।
हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में हुए बम धमाके में आइएम मॉड्यूल की पहचान के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इस संभावना से इन्कार नहीं किया है कि आइएम के लापता आतंकियों का इस ब्लास्ट में हाथ हो सकता है।
अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए यासिन भटकल खुद बम बनाता और प्लांट करता है। इससे पहले भी वह हैदराबाद के गोकुल चाट भंडार व लुम्बिनी पार्क व दिलसुखनगर विस्फोट, पुणे के जर्मन बेकरी ब्लास्ट में खुद बम प्लांट कर चुका है।
बेंगलूर में अब तक चार आतंकी वारदात हो चुके हैं। सबसे पहले 2005 में आइआइसी पर हमला हुआ था। उसके बाद 2008 में सीरियल ब्लास्ट, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर धमाका और अब मालेश्वरम में धमाका।
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