आर नारायण
भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती उत्तर विधानसभा चुनाव में उसकी जीत हो। वहीं उसे अब तक वरद हस्त देने वाले राष्ट्रीय स्वयं संघ ने भी कह दिया कि भाजपा का सफाया ही हो जाए तो अच्छा रहेगा। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के एक मंत्री ने तो दो टूक कह दिया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी रहेगी और भाजपा तीसरे नंबर पर रहेगी।
मजे की बात यह कि भाजपा ने पार्टी छोड़ गई नेता उमा भारती को मध्यप्रदंश से बुला कर न केवल उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाया है बल्कि चरखारी से चुनाव भी लड़वा दिया है। ये वही उमा भारती हैं जिन्होंने कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की सरकार को हटाकर मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाई थी। उन्हें कुछ ही दिन में सड़क का रास्ता दिखा दिया गया था।
अब उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए उमा भारती सहित भाजपा के तमाम नेता दिन रात एक कर रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर का कहना है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी नंबर एक पर रहेगी। वे अबी वहां से चुनाव प्रचार कर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा 80 से 90 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रहेगी। भाजपा में वापसी के बाद पार्टी ने उमा को चरखारी से उम्मीदवार बनाकर मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उत्तर प्रदेश में लगातार चुनावी दौरे कर रहे हैं। उनका भी दावा है कि उप्र में भाजपा सरकार बनाएगी। लेकिन गौर के बयान ने अलग ही माहौल बना दिया है।
गौर ने बताया कि भाजपा की सीटें तीस से लेकर चालीस तक बढ़ सकती हैं।
उधर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत के प्रचारक कहते हैं, 'उमा का उत्तर प्रदेश लाया जाना भाजपा के दिग्गजों को संघ का संदेश है। अब दिग्गजों के इलाकों में सीटों की घट-बढ़ के आंकड़ों का इंतजार है, जो बेहतर हों तो अच्छा है। बदतर हों तो और भी अच्छा।
उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के मुद्दे के बूते भाजपा ने सरकारें बनाईं और धीरे-धीरे 50 सीटों पर जा सिमटी। मंदिर का मुद्दा मूल रूप से संघ का है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है, 'सीटें बढ़ें तो अच्छा है। बिल्कुल ही साफ हो जाएं तो बहुत ही अच्छा।' संघ का मानना है कि पार्टी से ज्यादा परिजनों को बढ़ाने में लगे रहे नेताओं के कारण ही दुर्गति हुई।
लालजी टंडन ने लखनऊ से बेटे गोपाल को टिकट दिलाया। पूर्व अध्यक्ष रमापतिराम त्रिपाठी और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने भी बेटों को आगे किया।
19 फरवरी को राज्य के 11 जिलों की 56 सीटों पर मतदान होगा। उसी दिन भाजपा नेता कलराज मिश्रा की राजनीतिक किस्मत का भी फैसला होगा, जो पूर्वी लखनऊ से उम्मीदवार हैं। ऐसे में भाजपा नेता और संघ की टिप्पणी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
संघ ने चुनाव आयोग को लिख दिया है कि भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र से राम मंदिर का जिक्र हटवाया जाए। चुनाव आयोग को भी अल्पसंख्यकों को आरक्षण का मुद्दा सांप्रदायिक लगता है, राम मंदिर का नहीं। जबकि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जातियों को आरक्षण पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि इनमें ज्यादातर हिंदू हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें