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Founder Editor(Print): late Shyam Rai Bhatnagar (journalist & freedom fighter) International Editor : M. Victoria Editor : Ashok Bhatnagar *
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22 अप्रैल 2013

गुड़िया रेप कांड पर लोकसभा में जमकर हंगामा


नई दिल्ली। दिल्ली में पांच वर्ष की बच्ची गुड़िया से रेप की घटना की गूंज सोमवार को लोकसभा में भी सुनाई दी। विपक्ष ने इस मुद्दे पर जमकर सरकार की आलोचना की। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यहां इस मुद्दे को उठाते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी इसको जघन्य अपराध बताते हुए बच्ची के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
गुड़िया रेप कांड पर लोकसभा में जमकर हंगामासंसद सत्र के पहले दिन सदन में इस मामले को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट दिखाई दिया। सांसदों के शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा के बाहर समाजवादी पार्टी समेत कांग्रेस के सदस्यों ने भी इस अपराध के खिलाफ एक स्वर में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। कांग्रेसी सांसद गिरिजा व्यास इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर से जिम्मेदारी की शुरुआत करने की बात कहकर भूचाल ला दिया है।
व्यास ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सही तरह से काम न करके अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा है। इसके लिए जिम्मेदारी तय करनी जरूरी है, जिसकी शुरुआत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से ही होनी चाहिए। वहीं समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग की है। ऐसी ही मांग पिछले वर्ष 16 दिसंबर को फिजियोथेरेपिस्ट युवती से हुए गैंगरेप के बाद भी उठी थी। उस वक्त दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने खुद इस मुद्दे को उठाया था।

प्रदर्शनकारियों से डरी दिल्ली सरकार, बंद किए तीन मेट्रो स्टेशन


प्रदर्शनकारियों से डरी दिल्ली सरकार, बंद किए तीन मेट्रो स्टेशननई दिल्ली। गुड़िया रेप कांड से एक बार फिर देश की राजधानी में लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। सरकार को एक बार फिर से पिछले वर्ष 16 दिसंबर के बाद हुए प्रदर्शनों की तरह ही आसार बनते दिखाई दे रहे हैं। लिहाजा सुरक्षा का हवाला देते हुए एहतियातन दिल्ली मेट्रो के तीन स्टेशन अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिए हैं।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम के प्रवक्ता ने बताया कि रेसकोर्स और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशनों को सुबह सवा दस बजे से अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। इन स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकेगी और यात्री न तो स्टेशन में प्रवेश कर सकेंगे और न ही बाहर जा सकेंगे। गुड़िया रेप कांड के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचने से रोकने के लिए रेसकोर्स स्टेशन को भी बंद किया गया है। रेसकोर्स मेट्रो स्टेशन को कल शाम पौने सात भी बंद किया गया था।

‘गुजरात सरकार में मुस्लिम सुरक्षित नहीं’


गुजरात सरकार राज्य के सभी समुदाय के लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है.

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‘कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस फॉर 2012’ में कहा गया है कि भारत के गुजरात राज्य में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगे में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे. इनमें से अधिकांश मुसलमान थे.
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने शुक्रवार को इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि ‘मानवाधिकार संगठन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्ट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का पक्ष ले रही हैं’.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात सरकार सांप्रदायिक दंगा फैलाने वाले आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. ये और बात है कि कुछ मामलों में अदालत में प्रगति हुई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष भारत में सबसे प्रमुख मानवाधिकार समस्या पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा किया जाने वाला अनुचित व्यवहार था. भारत की मानवाधिकार समस्या में यातना देना, दुष्कर्म और सरकार में सभी स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को भी शामिल किया गया है.
गौरतलब है कि पिछले साल दिल्ली में दामिनी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार ने पूरे विश्व में भारतवर्ष को शर्मसार कर दिया था.

20 अप्रैल 2013

लद्दाख में चीनी सैनिकों ने डाला डेरा

नई दिल्ली: चीनी सैनिक भारतीय सरजमीं में पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी (डी.बी.ओ.) में घुस गए और तंबू तान कर एक चौकी भी बना ली है और इस तरह उन्होंने भारतीय सैनिकों से टकराव के लिए आधार तैयार कर दिया है। 

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पी.एल.ए.) की एक पलटन 15 अप्रैल की रात भारतीय भूक्षेत्र में 10 किलोमीटर अंदर तक डी.बी.ओ. सैक्टर के बरथे में घुस गई और यहां डेरा जमा लिया। यह स्थान करीब 17,000 फुट की उंचाई पर है। चीनी सैनिकों ने वहां तंबू तानकर एक चौकी भी बना ली है। उन्होंने बताया कि चीनी सेना की पलटन में आमौतर पर 50 सैन्यकर्मी होते हैं।    

नाराज सोनिया ने सरकार से पूछा, ये क्या हो रहा है


नई दिल्ली. दिल्ली के गांधीनगर इलाके में पांच वर्षीय बच्ची के साथ अमानवीय कृत्य से फिर राजनीतिक तापमान गरम हो गया है। स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार देर शाम प्रधानमंत्री निवास 7, रेसकोर्स पर कांग्रेस कोरग्रुप की बैठक बुलाई गई। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ को भी बुलाया गया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बेहद नाराज थीं और अपनी ही सरकार पर बरस पड़ीं। सोनिया ने पूछा, यह क्या हो रहा है। 
 
शिंदे ने घटनाक्रम की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक सानिया गांधी को शिंदे की सफाई संतुष्ट नहीं कर पाई। उन्होंने दिल्ली पुलिस के कार्यकलाप और दिल्ली की कानून व्यवस्था पर बेहद नाराजगी जताई। इसीलिए बैठक के बीच में ही शिंदे को गृह सचिव आरके सिंह से बात करनी पड़ी और सख्त कार्रवाई के निर्देश दोबारा देने पड़े। 
 
कोरग्रुप में ही यह तय हुआ कि प्रधानमंत्री सख्त संकेत दें और इसके फौरन बाद प्रधानमंत्री ने इस घटना की न सिर्फ कड़े शब्दों में निंदा की बल्कि उपराज्यपाल से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। वहीं सोनिया गांधी ने बच्ची का कैसा इलाज चल रहा है और स्वास्थ्य में क्या प्रगति है, इन तमाम बातों की जानकारी ली है। शिंदे कोरग्रुप की बैठक के बाद गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। उधर, पूर्वी दिल्ली के सांसद तथा मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कहा है कि पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन कर देना चाहिए। 
 
 
राजपथ और इंडिया गेट पर सुरक्षा कड़ी
इस घटना को लेकर सियासी पारा और गर्म होगा इसलिए दिसंबर की घटना के बाद के आक्रोश की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए राजपथ और इंडिया गेट के इलाके में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर दिए गए हैं।
 

ममता शर्मा का शर्मनाक बयान-आज छुट्टी है, कल मिलने जाऊंगी


नई दिल्ली. पांच वर्षीय मासूम के साथ हैवानियत से हर तबके में भारी आक्रोश है लेकिन बच्चों और महिलाओं के हक से जुड़ी सरकारी संस्थाएं फिक्रमंद नजर नहीं आईं। शुक्रवार पूरे दिन दिल्ली में जनाक्रोश उमड़ता रहा लेकिन जिम्मेदार संस्थाओं में कोई भी बच्ची या परिवार का सुध लेने नहीं पहुंचा। महिलाओं के खिलाफ होने वाले हर उत्पीडऩ पर फौरन पुलिस और प्रशासन को आड़े हाथों लेने वाली राष्ट्रीय महिला आयोग प्रमुख ममता शर्मा के बयान ने सबसे ज्यादा हैरान किया है। शुक्रवार को एक टीवी को इस हैवानियत भरी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए महिला आयोग प्रमुख ने कहा, ‘आज छुट्टी है। कल मैं इस मामले को टेक-अप करके पीडि़ता से मिलने जाऊंगी। जो भी मदद बन सकेगी, हम करेंगे।’ ममता शर्मा का शर्मनाक बयान-आज छुट्टी है, कल मिलने जाऊंगी
 
बाल संरक्षण आयोग प्रमुख को कोई जानकारी नहीं : बच्चों के अधिकारों पर काम करने वाली संस्था ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार व संरक्षण आयोग ’ का एक भी अधिकारी पीडि़ता से मिलने नहीं जा सका। सबसे हैरान करने वाला तथ्य है कि आयोग की प्रमुख शांता सिन्हा की मौजूदा स्थिति के बारे में भी किसी को कोई जानकारी नहीं है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसी तरह आयोग के अन्य सदस्यों को भी उनके दिल्ली से बाहर जाने के बारे में जानकारी नहीं है। 
 
महिला व बाल विकास राज्यमंत्री नहीं गई बच्ची से मिलने : दुष्कर्म की खबर सुनने के बाद एम्स में कई नेताओं और अधिकारियों का तांता लग गया। लेकिन पूरे दिन इसमें खुद महिला व बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ मासूम से मिलने नहीं जा सकीं। जबकि मंत्री जी के घर से एम्स की दूरी दो किलोमीटर से भी कम है। 
 

'अब दिल्ली में जन्म लेना बन गया है सजा'


नई दिल्ली। जहां लिया जन्म अब वहां रहने में डर लगता है, जिन गलियों में घूमकर हुए बड़े अब उन रास्तों से गुजरने में खौफजदा हो जाते हैं लोग। हां यही हाल दिल्ली की आधी आबादी का है। दिल्ली में पैदा होना जैसे एक सजा सा हो गया है। कुछ ऐसा ही दर्द बयां कर रहे हैं सोशल नेटवर्किग साइट्स ट्विटर पर डाले गए ये ट्वीट।
people shows their anger on social sites over delhi rape15 अप्रैल को गांधीनगर इलाके में पांच साल की बच्ची को हवस का शिकार बनाया गया। कई दिनों तक बच्ची को कमरे में बंद करके रखा गया। आज बच्ची एम्स में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। 16 दिसंबर को चलती बस में फिजियोथेरापिस्ट लड़की से हुई गैंगरेप की घटना के बाद जिस तरह से लोगों में गुस्से से उबाल आया था, ठीक उसी तरह एक बार फिर लोगों में वहीं आक्रोश दिखाई दे रहा है। गांधीनगर घटना का पता चलते ही सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक और ट्विटर पर युवाओं ने पीड़ित बच्ची के लिए दुआएं और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए अभियान छेड़ दिया।
राजनीतिक हस्तियां भी घटना को लेकर सोशल नेटवर्किग साइट पर अपनी संवेदना व्यक्त करने में पीछे नहीं रहीं। लोगों ने सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर ट्वीट किया है
- दिल्ली में जन्म लेना अब एक सजा जैसा लगने लगा है।
- अब दिलदार दिल्ली बनी दागदार दिल्ली,रहने लायक नहीं रही।
- रेपिस्ट नगरी बनी दिल्ली, बलात्कारियों की वैश्विक राजधानी। बलात्कारियों के लिए कुख्यात शहर दिल्ली।
-दरिंदों का शहर दिल्ली, राजधानी की पुलिस को तहजीब कौन सिखाएगा, क्या दिल्ली के कमिश्नर को हटाया जाना चाहिए, एसीपी को सस्पेंड करने से क्या होगा ये तो लीपापोती है।
- आखिरकार एक और आरोपी वो भी बिहार का ही है। जियो बिहार के लल्ला।
-दिल्ली बच्ची के जन्म के लायक नहीं, लड़की के घुमने फिरने लायक नहीं और महिलाओं को सम्मान दिया जाए इस लायक भी नहीं रही।
- किसी ने तो यहां तक कह डाला कि जैसे औरत प्रभु की सबसे खुबसूरत देने है वैसे ही मर्द उसकी बनाई हुई सबसे घिनौनी वस्तु है।
-रवि शर्मा लिखते हैं कि क्योंकि एक बार फिर दिल्ली में ही ऐसी वारदात हुई है तो हाइलाइट भी दिल्ली ही होगा। हम ये भूल जाते हैं कि दिल्ली के अलावा और भी कई शहर ऐसे हैं जहां रोजाना ऐसी वारदातें होती रहती हैं।
बच्ची की सलामती के लिए लोग अपने अपने भगवान को याद करने लगे हैं। कोई दरगाह में जाकर उसके लिए प्राथनाएं कर रहा हैं, तो कोई अजमेर शरीफ में मत्था टेकने जा रहा है। लोग सड़कों पर उतरकर कैंडल मार्च भी करेंगे। यही नहीं बच्ची के परिवार को हौसला अफजाई करने के लिए हजारों की तादाद में लोग अस्पताल भी पहुंचे हुए हैं।

..और शर्मसार हुआ ऐतिहासिक गांव भरथुआ


historical village vharthua name tarnished due delhi minor rape case दिल्ली के गांधीनगर दुष्कर्म कांड के मुख्य आरोपी मनोज ने भरथुआ गांव का सिर शर्म से झुका दिया है। मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के इस गांव का इतिहास बेहद समृद्ध रहा है। यह बेनीपुर के बगल का गांव है। बागमती के नए तटबंधों के बीच फंसा हुआ है।
यह बहुत ही प्राचीन गांव है। कहते हैं कि राजा भतृहरि को जब वैराग्य हो गया तब वह यहीं के जंगलों में आकर रहने लगे थे। वैराग्यशतकम् की रचना उन्होंने यहीं रहते हुए की थी। पास में पंचभिखा [पंचभिंडा] नाम का एक डीह [टीला] है। कहते हैं कि भतृहरि ने यहीं डेरा-डंडा डाला, तपस्या की और वैराग्यशतकम् लिखा। अगर यह सच है तो इस गांव का नाम पहले कभी भतृहरि आश्रम या भतृहरि ग्राम रहा होगा जो कि समय के साथ भरथुआ हो गया।
यहां के बाशिंदे बताते हैं कि यह इलाका पहले जंगल था और दरभंगा महाराजा की रियासत का हिस्सा था। सन 1672 में औरंगजेब के जमाने में जब चोटी [टिकी] पर कर लगा तो उनके पूर्वज बाबा शिवनाथ नगरकोट, कांगड़ा से यहां चले आए। सामने डीह पर एक बहुत बड़ा कुआं था। वहीं उन्होंने एक सियार को देखा एक कुत्ते को खदेड़ते हुए, तब उनको लगा कि यह जरूर कोई संस्कारी जगह है सो यहीं रह गए। यहीं कटौंझा के पास शंकरपुर का गढ़ है जहां भुअरबार नाम का एक डकैत रहता था, वह राजा को टैक्स नहीं देता था। बाबा शिवनाथ कुछ जमीन की आशा से राजा के पास गए तो राजा ने जो दान-पत्र लिखा उसमें कहा कि पहले भुअरबार से मिल लीजिए। राजा को शायद अनुमान था कि वह डाकू उन्हें यहां रहने नहीं देगा। मगर बाबा का शरीर भी पर्वताकार था। बाबा ने इस जगह पर कब्जा कर लिया। बाबा तो अकेले आए थे। यहां परसौनी राज में मीनापुर थाने में एक भटौलिया गांव है, जहां ब्रह्मभट्ट लोग रहते थे और परसौनी के राजा ने ही बाबा का विवाह उस गांव में करवाया। उनकेआठ लड़के हुए। उन्हीं आठों के वंशज अब यहां रहते हैं। बगल में एक नमोनारायण का मन्दिर है, जिसे गांव के एक मौनी बाबा ने बनवा दिया था।
भरथुआ की व्यथा सुन आए थे गांधी जी
मुजफ्फरपुर। भरथुआ में महात्मा गांधी के पांव भी पड़े थे। यह अलग बात है कि एक दरिंदे ने इस गांव को शर्मसार कर दिया है। बताते हैं कि 1934 के बिहार भूकंप के समय पूरे मुजफ्फरपुर जिले में जबर्दस्त तबाही हुई थी। भूकंप के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद पास के बेदौल गांव में कैंप कर रहे थे और राहत कार्यो की देख-रेख किया करते थे। उन दिनों भरथुआ में इसी नाम का एक चौर हुआ करता था। भूकंप के बाद चौर के पानी की निकासी में बड़ी बाधा पड़ी और वनस्पतियों के संपर्क से यह पानी सड़ने लगा और चारों ओर दुर्गन्ध व्याप्त होने लगी। रामवृक्ष बेनीपुरी के सौजन्य से विद्यालंकार जी ने राजेंद्र बाबू से गांधी जी के लिए एक चिट्ठी लिखवाई और उनसे संपर्क किया और उन्हें भरथुआ की व्यथा बताई। गांधी जी ने कहा कि यदि वहां की स्थिति इतज्ी ज्यादा खराब है तो वह इसे खुद देखना चाहेंगे और ब्रिटिश सरकार से पानी की निकासी की सिफारिश करेंगे। गांधी जी के इतने आश्वासन पर रामवृक्ष बेनीपुरी उन्हें भरथुआ लाने में सफल हुए और नाव पर पूरा इलाके का भ्रमण कराया। उन दिनों यहां मलेरिया फैला हुआ था और ज्यादातर लोग बीमार थे। यहां का पानी काला हो गया था और जलवायु स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से दूषित हो चुकी थी। इस तरह से भरथुआ की जलनिकासी की व्यवस्था हुई। आज ऐतिहासिक भरथुआ गांव इस घटना के बाद शर्मसार है।

दिल्ली रेप: लोग कह रहे थे दरिंदा है, मारो..मार डालो..


मुजफ्फरपुर। दिन शनिवार। अन्य दिनों से इतर मौसम ठंडा था, लेकिन शहर का माहौल गरम। बाजार में जगह-जगह दुष्कर्म के आरोपी की करजा प्रखंड के चिकनौटा गांव से गिरफ्तारी व कोर्ट में पेश किए जाने की चर्चा। धीरे-धीरे लोगों के पांव स्वयं कोर्ट की ओर बढ़ चले। पेशी से पहले ही वहां काफी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। पुलिस पदाधिकारियों व जवानों से पूरा परिसर भर गया था। उत्सुकता उस शख्स को देखने की थी, जिसने बिहार की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले इस जिले को शर्मसार कर दिया था। यह बात जेहन में आते ही लोगों में आक्रोश भड़क उठता। वे उस हैवान को स्वयं सजा देने को तैयार थे।
Five year old girl rape case: Accused arrested in Biharइसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि जैसे ही कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस उसे बाहर लेकर निकली दर्जनों लोग उसे मारने दौड़ पड़े। दिल्ली व स्थानीय पुलिस भी उसे खींचते हुए विशेष वैन की ओर भागी। वहां भी अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न। पुलिस आरोपी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तेज गति से वाहन को लेकर नगर थाने की ओर कूच कर गई। लोग भी पीछे-पीछे..। वे कह रहे थे कैसा बेशर्म है। कुकृत्य करने के बाद भी उसकी आंखों में कोई पछतावा नहीं है। ऐसे हैवान को यहीं सरेआम सजा सबके सामने दे देनी चाहिए थी। खैर..। चंद मिनटों के बाद जैसे ही पुलिस नगर थाने पर उसे लेकर पहुंची, वैसे ही वहां भी लोग गोलबंद होने शुरू हो गए थे। देखते ही देखते थाने से सामने और मोतीझील ओवर ब्रिज पर दर्जनों लोग एकत्रित हो गए थे।
आक्रोश को देखते हुए वहां आधा दर्जन से अधिक पुलिस मोबाइल जीप को तैनात कर दिया गया था। अत्याधुनिक हथियारों से लैस व लाठी पार्टी वाले जवान इधर-उधर मुश्तैदी से गश्त लगा रहे थे। थाने के भीतर का माहौल भी गरम था। टाउन डीएसपी और डीएसपी पश्चिमी, नगर थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी कागजी कार्रवाई कर उसे भेजने की तैयारी में व्यस्त थे। कोई दौड़कर इधर जा रहा था तो कोई उधर। सुबह के करीब पौने दस बजे जैसे ही पूरी प्रक्रिया कर पुलिस उसे पटना ले जाने को परिसर में लाई, वैसे ही करीब डेढ़ घंटे से वहां खड़े लोगों का सब्र टूट पड़ा और वे चिल्ला उठे मारो-मारो। इस दरिंदे को सजा दो। मार डालो। पब्लिक को उग्र होते देख पुलिस पदाधिकारी उसे फिर यहां भी खींचते हुए विशेष वैन में धकेल कर अंदर बैठा दिया। फिर डीएसपी टाउन व पश्चिमी के नेतृत्व में छह गाड़ियों से स्कॉर्ट करते उसे पटना लेकर रवाना हो गए।

..और शर्मसार हुआ ऐतिहासिक गांव भरथुआ

ATC court sends Musharraf to judicial custody

ISLAMABAD, April 20 (APP): The anti-terrorism court (ATC) on Saturday sentenced former president General ® Pervez Musharraf on a 14-day judicial remand in judges’ detention case. The ATC court further ordered the police to reproduce him in the next hearing on May 4. General ® Pervez Musharraf was brought to Judge Kausar Abbas Zaidi’s court in presence of heavy security.
As soon as Musharraf left the court, lawyers followed him and chanted slogans against him. After the hearing, the security personnel escorted Pervez Musharraf outside the court from where he left for the Police Headquarters again under foolproof security. 
Earlier, Pakistan’s former army chief and President Pervez Musharraf reached the court in Islamabad after spending his first night in the police custody at the Islamabad Police Lines Headquarters.
The All Pakistan Muslim League (APML) General Secretary Dr Amjad, spoke to media after the verdict was  announced and said that Musharraf is prepared to face all the cases. 
While answering questions related to Musharraf’s judicial remand  period, the general secretary said “It isn’t necessary to be sent to Adyala jail, if security is at risk, any place can be declared a sub-jail.”
He added that this is the administrations job to decide where he can  get the best security while in custody. 
 

18 अप्रैल 2013

बेंगलूर धमाके के पीछे भी आइएम सरगना यासिन भटकल!

बेंगलूर धमाका: अमोनियम नाइट्रेट से भरे हुए थे बमनई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को बेंगलूर बम धमाके के पीछे इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के हाथ होने का शक जताया है। अधिकारियों का का कहना है कि इसके पीछे फरार चल रहे मुंबई 7/11 और हैदराबाद धमाके के आरोपी व आइएम आतंकी यासिन भटकल, वकास, तबरेज और बड़ा साजिद का हाथ हो सकता है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पहले के कुछ आतंकी हमलों में आइइडी, दोपहिया वाहन, अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल से यह शक यकीन में बदलता जा रहा है इसके पीछे आइएम का हाथ हो सकता है।
विस्फोट स्थल से 40 मीटर दूरी पर भाजपा कार्यालय और 100 मीटर पर कडु मलेश्वरा मंदिर होने के कारण इस जगह को काफी सोच-समझकर चुना गया था लेकिन चुनाव में टिकट बंटवारे का काम खत्म हो जाने कारण नेता और कार्यकर्ता अपने इलाके में चले गए थे इसलिए वहां भीड़ कम थी।
हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में हुए बम धमाके में आइएम मॉड्यूल की पहचान के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इस संभावना से इन्कार नहीं किया है कि आइएम के लापता आतंकियों का इस ब्लास्ट में हाथ हो सकता है।
अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए यासिन भटकल खुद बम बनाता और प्लांट करता है। इससे पहले भी वह हैदराबाद के गोकुल चाट भंडार व लुम्बिनी पार्क व दिलसुखनगर विस्फोट, पुणे के जर्मन बेकरी ब्लास्ट में खुद बम प्लांट कर चुका है।
बेंगलूर में अब तक चार आतंकी वारदात हो चुके हैं। सबसे पहले 2005 में आइआइसी पर हमला हुआ था। उसके बाद 2008 में सीरियल ब्लास्ट, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर धमाका और अब मालेश्वरम में धमाका।

1993 मुंबई ब्लास्ट : संजय दत्त के बाद सात और दोषियों को चार हफ्ते की मोहलत


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1993 मुंबई ब्लास्ट : संजय दत्त के बाद सात और दोषियों को चार हफ्ते की मोहलत

 
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई ब्लास्ट के सात और दोषियों को सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत दे दी है। इससे पहले, बुधवार को अभिनेता संजय दत्त को भी कोर्ट ने सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया था।

संजय दत्त के अलावा कुल आठ दोषियों ने सरेंडर के लिए मोहलत मांगी थी, जिनमें से सुप्रीम कोर्ट ने सात दोषियों - यूसुफ मोहसिन नलवाला, अब्दुल रज्जाक मेमन, अल्ताफ अली सैयद, जैबुन्निसा अनवर काजी, केसी बाबू, इसहाक अहमद और अब्दुल गफूर को चार हफ्ते के लिए राहत दे दी है, जबकि एक अन्य दोषी यूसुफ खान को सरेंडर के लिए मोहलत नहीं मिली।

70-वर्षीय ज़ैबुन्निसा काज़ी ने इस आधार पर सज़ा रद्द करने की मांग की थी कि वह बीमार है, और काफी बुजुर्ग है, इसलिए कैद की सज़ा नहीं झेल सकती। ज़ैबुन्निसा ने यह आग्रह भी किया था कि जब तक राष्ट्रपति उसकी क्षमायाचिका पर निर्णय नहीं कर लेते, उसे जेल नहीं भेजा जाए, लेकिन वह अपील इस सप्ताह के शुरू में ही खारिज कर दी गई थी।

ज़ैबुन्निसा के अतिरिक्त गुरुवार को ही सुबह भी कोर्ट ने तीन अभियुक्तों को सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह की छूट दी थी। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों, जिनमें 250 लोग मारे गए थे और लगभग 700 जख्मी हुए थे, से जुड़े मामलों के जिन अभियुक्तों को सरेंडर करने के लिए गुरुवार को चार हफ्ते की राहत दी गई, उनमें उम्रकैद की सज़ा पाया मेमन, 10 साल कैद की सज़ा पाया अल्ताफ अली सैयद, और पांच साल की कैद की सज़ा पाया यूसुफ मोहसिन नलवाला शामिल हैं।

16 अप्रैल 2013

100 वोटर हों साथ तो 'आप' का टिकट पक्का

नई दिल्ली।। आम आदमी पार्टी आप ने दिल्लीविधानसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट चुनने की प्रक्रिया शुरू करदी है। दिल्ली का कोई भी वोटर अपने एरिया के 100 वोटरोंके सपोर्ट के साथ कैंडिडेट बनने के लिए आवेदन कर सकता है।100 वोटर मिलकर भी किसी का नाम भेज सकते हैं। इसकेलिए एक फॉर्म भरना होगा। साथ ही 10 रुपये के स्टांप पेपरपर एक शपथ पत्र देना होगा। फॉर्म में दी गई जानकारी गलतपाए जाने पर फॉर्म रद्द कर दिया जाएगा। 

आप के प्रवक्ता मनीष सिसौदिया ने बताया कि फॉर्म पार्टी केकिसी भी ऑफिस से ले सकते हैं या फिर हमारी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। हमने कैंडिडेट चुनने केलिए ऐसी प्रक्रिया रखी है जिससे कोई दागी कैंडिडेट नहीं बन पाएगा।
 वंशवाद के आधार पर भी किसी को टिकटनहीं मिलेगा। एक फैमिली से दो लोग कैंडिडेट नहीं हो सकते हैं। हर कैंडिडेट को अपना सामाजिक जीवन ,संपत्ति आदि का पूरा ब्यौरा भी आवेदन के वक्त ही पार्टी को बताना होगा। 

सिसौदिया ने लोगों से अपील की कि चुनाव लड़ने के लिए वे आर्थिक सहयोग दें। वेबसाइट पर जाकर ऑन लाइनचंदा दे सकते हैं या फिर आम आदमी पार्टी के नाम से चेक पार्टी मुख्यालय भेज सकते हैं। हम जनता के पैसे सेचुनाव लड़ेंगे और जीतने के बाद जनता के हित में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आज से रविवार को छोड़कर सुबह10 बजे से शाम बजे के बीच आवेदन फॉर्म पार्टी मुख्यालय में जमा कराया जा सकता है। पार्टी की तरफ से पांच लोगों की स्क्रीनिंग कमिटी बनाई गई है। यह स्क्रीनिंग कमिटी मई के बाद हर विधानसभा के लिए मिलेआवेदनों में से अधिकतम आवेदकों को शॉर्टलिस्ट करेगी। इस काम के लिए कमिटी अलग अलग सोर्स सेआवेदकों की जानकारी हासिल करेगी और आवेदकों से भी मिलेगी। जिन आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा ,उनके बारे में लोगों से राय मांगी जाएगी। पर्चे बंटवा कर लोगों को बताया जाएगा और राय देेने के लिए 15दिन का वक्त होगा। पार्टी के एक्टिव कार्यकर्ता इन पांच आवेदकों के लिए वोटिंग कर अपनी प्रिफरेंस बताएंगे।इसके बाद पॉलिटिकल अफेयर कमिटी कैंडिडेट फाइनल करेगी।सिसौदिया ने बताया कि मई से हम 5-5 आवेदकों के नाम बताने लगेंगे और करीब डेढ़ महीने में कैंडिडेट फाइनल कर देंगे। यानी जून आखिर तक आप के सभी कैंडिडेट तय हो जाएंगे।