ट्विटर पर मिला खोया हुआ कुत्ता
लंदन। अभी तक माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर का इस्तेमाल लोग अपने सामाजिक दायरे को बढ़ाने और नए-नए दोस्त बनाने के लिए करते आए हैं। लेकिन अब इसकी एक नई उपयोगिता भी दुनिया के सामने आई है। ट्विटर ने एक कुत्ते को उसकी मालकिन से मिलाया।कुत्ते जैक रसेल पैच की मालकिन ऐंगलीन को उनका खोया हुआ कुत्ता पैच ट्विटर की मदद से वापस मिला। एंगलीन के प्यारे कुत्ते पैच के खो जाने के बाद वह बिल्कुल टूट चुकी थी और कुत्ते को ढूंढने के उनके सारे प्रयास नाकाम हो चुके थे पर जब उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लॉग ऑन किया तो उसमें एक खोए हुए कुत्ते के बारे में ट्वीट था, जिसमें कुत्ते की फोटो भी थी। एंगलीन ने फोटो देखते ही पहचान लिया कि यह उनका खोया हुआ कुत्ता पैच है।
पैच डबलिन जाने वाली एक ट्रेन पर चढ़ गया था। स्टाफ को पैच ट्रेन के चलने के थोड़ी देर बाद ही मिल गया था, उन्होंने उसका नाम चेकर रख दिया था क्योंकि वह पूरे समय उनके पीछे लगा था जब वह टिकट चेक कर रहे थे। जब ट्रेन अपने आखिरी स्टॉप पर पहुंची तो स्टाफ को यह समझ आ गया कि यह कुत्ता खो गया है। तब स्टाफ ने कुत्ते के खो जाने की खबर को ट्विटर पर डाला और साथ ही उसकी एक फोटो भी पोस्ट की। इस मैसेज को उन्होंने 32 मिनट में 500 बार ट्विट किया जिसको एंगलीन ने देखते ही जवाब दिया कि यह उनका कुत्ता है।
आइरिश रेल के प्रवक्ता बैरी केन्नी ने कहा कि एंगलीन के साथ कुत्ते को जाता देख उनको थोड़ा बुरा लगा क्योंकि इतने कम समय में ही उनको पैच से काफी लगाव हो गया था।
अब रेस्त्रां में रोबोट परोसेंगे खाना
आरामतलब इंसान की फितरत को देखते हुए बनाए गए रोबोट अब रेस्त्रां में भी आपको खाना परोसते दिखेंगे। तकनीक संपन्न देश चीन में तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। वह दिन दूर नहीं जब आपके घर के पास वाले रेस्त्रां में भी रोबोट आपकी प्लेट में खाना परोसेगा।चीन के डाउनटाउन हर्बिन नामक शहर के एक रेस्त्रां में 18 रोबोट्स काम करते हैं। जब भी कोई यहां आता है तो उशर नाम का रोबोट मेहमान का स्वागत कर कहता है हैलो। इसके अलावा यहां पर वेटर रोबोट है जो कुकर रोबोट द्वारा बनाया गया खना तैयार होते ही रसोई से टेबल तक लेकर आता है और प्लेट को टेबल पर रखता है और जब लोग खाना खा रहे होते हैं तो तो एक गाना गाने वाला रोबोट अपने गाने से सब का मनोरंजन करता है। और यहां पर नूडल रोबोट भी हैं।
इन सभी रोबोट को बनाया है हर्बिन हाओहाई रोबोट कंपनी ने। कंपनी के मुख्य इंजीनियर लियु हाशेंग ने कहा कि उन्होनें इस रेस्त्रां को 5 मिलियन युआन में बनाया है जिसमें हर रोबोट की कीमत 200,000 से 300,000 युआन है। दिन भर काम करने के बाद यह रोबोट अपने आपको बिजली से चार्ज करते हैं। लियु ने बताया कि एक बार चार्ज हो जाने के बाद यह रोबोट लगातार 5 घंटे तक काम कर सकते हैं। इस रेस्त्रां के मेन्यु में 30 से भी ज्यादा व्यंजन हैं जिनकी कीमत 4 से 5 पौंड है।
और अब रिक्शा चलाने की डिग्री
देश में बीए और एमए की डिग्री लेकर कई लोग ऑटो रिक्शा चलाते देखे जा सकते
हैं। नई बात यह है कि अब विशेष तौर पर ऑटो रिक्शा/टैक्सी चलाने की ही
डिग्री मिलने जा रही है। इस डिग्री की शुरुआत नाशिक की यशवंतराव चह्वाण
महाराष्ट्र खुला विश्वविद्यालय (वाइसीएमओयू) ने की है।
इस डिग्री कोर्स के पहले बैच का उद्घाटन फिल्म अभिनेता कादर खान
करेंगे। ऐसा इसलिए कि वह कई हिंदी फिल्मों में टैक्सी चालक की भूमिका निभा
चुके हैं। यही नहीं, इस कोर्स के वैश्विक महत्त्व को देखते हुए
कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निग के अध्यक्ष सर जॉन डेनियल खासतौर से इस समारोह में भाग
लेने के लिए कनाडा से मुंबई आ रहे हैं। वह विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ.
आर.कृष्णकुमार के साथ इस डिग्री कोर्स में काम आनेवाली शिक्षण सामग्री का
उद्घाटन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस डिग्री कोर्स में प्रवेश पानेवाले विद्यार्थियों को
सीडी एवं एफएम रेडियो कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा देने की योजना बनाई गई है
ताकि वह अपना काम करते हुए शिक्षा ग्रहण कर सकें।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता श्रीनिवास बेलसरे के अनुसार, इस कोर्स से करीब
दो लाख ड्राइवरों के लाभ उठाने की उम्मीद की जा रही है। इसकी शुरुआत
रिक्शा/ टैक्सीचालकों से की जा रही है लेकिन ट्रक एवं बस चालक भी इसका लाभ
उठा सकते हैं। विशेष तौर पर ऐसे ड्राइवर, जिनकी शिक्षा अधूरी रह गई हो।
बेलसरे के अनुसार बीए रोड ट्रांसपोर्टेशन नामक इस डिग्री कोर्स के पहले
वर्ष में विद्यार्थियों को डिप्लोमा कोर्स का प्रमाणपद्द प्रदान किया
जाएगा। दूसरे वर्ष के बाद एडवांस डिप्लोमा प्रमाणपत्र एवं तीसरे वर्ष की
समाप्ति पर डिग्री प्रदान की जाएगी। इस कोर्स में प्रवेश देने के लिए
विश्वविद्यालय प्रशासन रिक्शा /टैक्सीचालकों के संगठनों एवं यूनियनों के भी
संपर्क में है। इसका मकसद है कि उनके सदस्य यह डिग्री हासिल कर अपना काम
पूरी दक्षता से कर सकें।
अब तक की सबसे पुरानी शराब
सूत्रों के मुताबिक शराब पात्र कांस्य का बना है और यह बाओजी शहर में शिगुशान माउंटेन स्थित राजवंश के एक व्यक्ति के मकबरे से मिला है। बाओजी पुरातत्व संस्थान के निदेशक लियू जुन के बताया कि उम्मीद है कि यह तरल पदार्थ चीन में मिली सबसे पुरानी शराब है।हालांकि पात्र का ढक्कन बहुत मजबूत है और उसे खोलने के लिए खुदाई की जगह कोई भी उचित औजार नहीं है। इसलिए तरल पदार्थ अभी रहस्य बना हुआ है।
शांग राजवंश के दौरान (1600 ई. पूर्व-1046 ई. पूर्व) शांग अधिकारियों के अत्याधिक शराब पीने के कारण यह भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गई थी।
बेहतरीन प्रस्तुतियां
जवाब देंहटाएं