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17 फ़र॰ 2013

त्रिशंकु विधानसभा के लिए सक्रिय नेता

Rajasthan-Vidhansabha जयपुर,। प्रदेश में सत्ता पर काबिज रहने के लिए भाजपा औरकांग्रेस पार्टियों के बीच खेले जा रहे राजनीतिक संतुलन के खेल को खत्म करने की कवायद अन्य दलों ने शुरू कर दी है।

 आगामी विधानसभा चुनाव में इन प्रमुख पार्टियों को चुनाव में करारी शिकस्त देने के लिए माकपा और अन्य दल आपस में मिलकर व्यूह रचना तैयार करने के विचार पर सहमत नजर आ रहे हैं। इनकी ओर से दोनों ही पार्टियों की नीति और नीयत में खोट होने की बात पर जनसमर्थन को अपने पक्ष में जुटाने की कवायद तेज कर दी गई हैं। माकपा ने नवम्बर में प्रस्तावित होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में तीन दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव लड़कर जीत हासिल करने की योजना बनाई है। जरूरत पडऩे पर सपा, बसपा समेत सभी अन्य दल भी आपस में मिलकर प्रदेश का राजनीतिक मोर्चा संभालने की बातें भी अपनी-अपनी जनसभाओं में करते देखे जा सकते हैं। जल्द ही अपनी नई पार्टी की घोषणा करने जा रहे सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी अपनी सभाओं और दौरो में भाजपा और कांगे्रस की तुलना नागनाथ और सांपनाथ से करते हुए जनता को इन पार्टियों का असली चेहरा दिखा रहे हैं। वे प्रदेश के विभिन्न अंचलों का दौरा करके चुनाव में वोट डालने की परम्परागत सोच को बदलने की अपील भी लगातार जनता के बीच जाकर कर रहे हैं।
इन सभी दलों की ओर से जनता के बीच जाकर प्रदेश में सत्ता में काबिज रहने के लिए भाजपा और कांग्रेस पार्टियों के बीच राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने के किए गए अप्रत्यक्ष समझौते की हकीकत भी मतदाताओं को समझाई जा रही है। माकपा की ओर से अपनी परिवर्तन यात्राओं और जत्थों के माध्यम से जनसभाओं में दोनों पार्टियों के खिलाफ बगावत कर इन्हें उखाड़ फेंकने के लिए मतदाताओं से संकल्प करवाए जा रहे हैं। सभी अन्य दल इस बात को प्रमुखता से पेश कर रहे है कि दोनों ही पार्टियों की सरकारें सिर्फ लिबास बदलकर एक के बाद एक करके जनता के साथ धोखा कर रही हैं। माकपा के विधायक अमराराम का कहना है कि विधानसभा चुनाव में राजनीतिक परिवर्तन पर ध्यान केन्द्रित कर पार्टी की गतिविधियों को तय किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पंडित रामकिशन कहते है कि चुनाव के नतीजों में बदलाव की जरूरत है। दोनों पार्टियों को सत्ता में फिर से काबिज नहीं होने देने के लिए पार्टी व्यूह रचना बना रही है। सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी जल्द ही नई पार्टी के नाम की घोषणा करने वाले हैं। बसपा भी इस बार प्रदेश की सीटों पर ऐसे चेहरों को तलाशने में जुटी हुई है जो पार्टी की जीत को बढ़ाने के साथ ही प्रदेश में नई राजनीतिक स्थितियां बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकें।

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