उन्होंने बताया कि चौथे चरण में लखनउ पश्चिम सीट से चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा ने अपने खिलाफ सबसे ज्यादा 17 मामले घोषित किये हैं जिनमें सात गम्भीर धाराएं भी शामिल हैं। उनके बाद चित्रकूट से सपा के उम्मीदवार वीर सिंह और कुंडा से निर्दलीय उम्मीदवार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ क्रमश: नौ तथा आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों को सभी मुख्य पार्टियों ने टिकट दिये हैं। सपा ने 54 में से 29 दागी लोगों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 56 में से 25, बसपा ने 56 में से 18, भाजपा ने 56 में से 11, पीस पार्टी ने 22 में से सात, जनता दल यूनाइटेड ने 28 में से पांच, अपना दल ने 17 में से पांच, बुंदेलखण्ड कांग्रेस ने छह में से एक तथा कौमी एकता दल ने एक दागी व्यक्ति को टिकट दिया है।
द्विवेदी ने बताया कि आपराधिक मामलों वाले 103 प्रत्याशियों में से 49 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके खिलाफ हत्या, कत्ल की कोशिश, अपहरण, चोरी तथा जबरन धन उगाही के मामले दर्ज हैं। सपा में 12, बसपा तथा कांग्रेस में 10-10, भाजपा में पांच, पीस पार्टी में चार, जनता दल यूनाइटेड तथा अपना दल में तीन-तीन प्रत्याशी इस तरह का आपराधिक रिकार्ड रखने वाले हैं।उन्होंने बताया कि जिन 297 प्रत्याशियों के रिकार्ड का विश्लेषण किया गया, उनमें से 139 यानी करीब 47 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। वर्ष 2007 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कम से कम 22 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति थे।
चौथे चरण में मानिकपुर से सपा के उम्मीदवार श्याम चरण गुप्ता 40 करोड़ 45 लाख रुपए की सम्पत्ति के साथ फेहरिस्त में सबसे उच्च्पर हैं। उसके बाद कुंडा से बसपा के प्रत्याशी शिव प्रकाश मिश्रा की सम्पत्ति 30 करोड़ पांच लाख रुपए है। इतने ही मूल्य की जायदाद विश्वनाथगंज से बसपा उम्मीदवार सिंधुजा मिश्र सेनानी के पास भी है।
प्रति प्रत्याशी औसत सम्पत्ति के मामले में बसपा सबसे आगे है । उसके उम्मीदवारों की औसत जायदाद तीन करोड़ 17 लाख रुपये है। सपा प्रत्याशियों की औसत सम्पत्ति तीन करोड़ सात लाख रुपए, कांग्रेस की दो करोड़ 31 लाख रुपए, भाजपा तथा पीस पार्टी की डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए तथा बुंदेलखण्ड कांग्रेस की एक करोड़ 49 लाख रुपए है।
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