उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान ख़त्म हो गया है.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा के मुताबिक़ पहले चरण में रिकॉर्ड 62 प्रतिशत मतदान हुआ है. उन्होंने इसे ऐतिहासिक कहा है.
उमेश सिन्हा ने कहा, "आज़ादी के बाद यहाँ सबसे ज़्यादा मतदान हुआ है और ऐसा बारिश के बावजूद हुआ है। जबकि वर्ष 2007 के मुक़ाबले मतदान 16 प्रतिशत ज़्यादा है."
राज्य में कई जगहों पर बीती रात हल्की से तेज़ बारिश हुई थी। इस कारण कई जगह मतदान धीमी गति से शुरू हुआ, लेकिन दिन चढ़ते ही इसमें तेज़ी आई.
बहराइच में ''सुबह पानी बरस रहा था इसलिए लोग घरों से बाहर नहीं निकले। लेकिन बाद में मतदान तेज़ हो गया. हमारे मोहल्ले के लोग तो अभी निकले हैं.''
पहली बार मतदान कर रही रूचि ने कहा,''हमें वोट डालने से ज़्यादा मतलब नहीं है। सोच यही थी हमारे लिए कोई क्या करेगा। विकलांगों के लिए कोई कुछ नहीं करता। इस बार मेरे भाई ने मुझसे कहा कि एक वोट भी बड़ा महत्व रखता है तो मैं वोट डालने चली आई।''
बारिश ने डाला ख़लल
इस चरण में 10 ज़िलों की 55 सीटों पर मतदान हुआ, जिसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
पहले चरण के चुनाव में दो मंत्रियों, 31 विधायकों और 15 पूर्व मंत्रियों के राजनीतिक भाग्य का फ़ैसला होगा.
इस दौर में ख़ास तौर पर राज्य में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी और केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी थी।
पहले चरण में जिन ज़िलों में मतदान हुआ, वे थे- सीतापुर, बाराबंकी, फ़ैज़ाबाद, बलरामपुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बस्ती और सिद्धार्थनगर.
जिन कुल 55 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से 11 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित थी।
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