उन्होंने बताया कि कट्टपंथियों के हमले में म्युज़ियम की करीब 35 मूल्यवान शिल्पकलाएं नष्ट हो गईं, इनमें से ज्यादातर भगवान बुद्ध और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां थीं। इनमें से कुछ छठी शताब्दी से भी पहले की थीं। उन्होंने बताया कि मालदीव के 99 फीसदी प्री-इस्लामिक शिल्प 12वीं शताब्दी के हैं। उन्होंने कहा कि इन नष्ट मूर्तियों में से कुछ को तो जोड़ा जा सकता है, लेकिन ज्यादा मूर्तियां रेतीले पत्थरों, मूंगे (कोरल) और चूना पत्थर से बनीं थीं और उनके कई हिस्से चूर-चूर हो गए हैं।
गौरतलब है कि मालदीव में पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक संकट की वजह से हो रही हिंसा के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों के समूह ने म्यूज़ियम पर हमला कर दिया था और मूर्तियां तोड़-फोड़ दी थीं। पिछले कई हफ्तों से चले रहे विरोध-प्रदर्शन और हिंसा के बीच पिछले सप्ताह राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें