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2 मार्च 2012

पुणे में महिलाएं करेंगी 'पुरुष टॉयलेट पर कब्जा'

पुणे।

चीन की तर्ज पर पुणे में महिलाएं ऑक्यूपाइ मेन्स टॉयलेट (पुरुषों का टॉयलेट पर कब्जा करो) अभियान चलाने की तैयारी कर रही हैं। महिलाओं के लिए सेनिटेशन सुविधाओं की कमी के विरोध में चीन में महिलाओं ने यह अभियान चलाया है। इसी से प्रेरणा लेकर पुणे की महिलाएं भी ऐसा करने वाली हैं पुणे की महिला कार्यकर्ताओं, कामकाजी महिलाओं और कॉलेज छात्राओं का कहना है कि अगर नगर पालिका में चुनी गईं 78 महिला प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया, तो वे यह अभियान चलाएंगी।

पुणे नगर पालिका 2009 से ही शहर में महिला टॉयलेट बनाने के लिए फंड आवंटित कर रही है और यह भी तय हो चुका है कि महिलाओं के लिए भी पब्लिक टॉयलेट का निर्माण किया जाएगा। लेकिन 3 साल बीतने के बावजूद अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है। 2009 में पब्लिक टॉयलेट्स के लिए 60 लाख रुपये निगम ने आवंटित किए थे, जबकि 2010 में एक करोड़ रुपये इस प्रॉजेक्ट के लिए दिए गए, लेकिन अभी तक यह परियोजनाएं सिर्फ फाइलों में ही दबी पड़ी हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर 100 लोगों पर एक पब्लिक टॉयलेट होना चाहिए, लेकिन शहर में करीब 9,100 लोगों पर एक पब्लिक टॉयलेट है। एक महिला कार्यकर्ता का कहना है, 'यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं की इन मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लड़ना पड़ रहा है।'वह कहती है कि लेकिन जब हजारों लोग अपने हक के लिए सड़कों पर उतरेंगे तो प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) इस अभियान को शुरू करने का सबसे सही दिन है।

चीन में हुई शुरुआत
चीन में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थलों पर कम टॉयलेट्स की समस्या को उजागर करने के लिए पुरुषों के टॉयलेट पर कब्जा करो यानी ऑक्यूपाई मेन्स टॉयलेट प्रर्दशन तेजी से जोर पकड़ रहे है। इसी कड़ी में कुछ दिन पहले ही राजधानी बीजिंग में लड़कियों के बड़े समूह ने पुरुष टॉयलेट का इस्तेमाल किया। यह अनोखा आंदोलन अमेरिका में पूंजीवाद के खिलाफ वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करने वाले आंदोलन, ऑक्यूपाई वॉल स्ट्रीट से काफी मिलता जुलता है।

टॉयलेट नहीं था, तो छोड़ा पति का घर
भारत में भी महिलाओं की स्थिति बहुत अलग नहीं है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के रतनपुर गांव में एक मामला प्रकाश में आया था जिसमें एक महिला, अनीता नारे ने शादी के दो दिन बाद ही पति का घर इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि उसके यहां टॉयलट नहीं था। अनीता तभी वापिस लौटीं जब उनके पति ने घर के अंदर टॉयलेट बनवाया।

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