लखनऊ><><><><>>
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के विधायकों को बड़ा तोहफा दिया है। अखिलेश ने ऐलान किया है कि विधायक अपने फंड से 20 लाख रुपये तक की गाड़ी ले सकते हैं। सीएम ने यह भी ऐलान किया है कि सरकारी फंड से अपने लिए गाड़ी लेने के बाद विधायक पांच साल बाद चाहें तो इसे सरकार को लौटा सकते हैं या फिर इसे बाजार मूल्य पर अपने नाम करा सकते हैं।
एक विधायक को बतौर एमएलए फंड 2 करोड़ रुपये मिलते हैं। राज्य में 403 विधायक हैं। ऐसे में यदि सभी विधायक अपने लिए 20-20 लाख की गाड़ी खरीदते हैं तो इससे सरकारी खजाने पर 80 करोड़ 60 लाख रुपये का खर्च बढ़ेगा।
एक विधायक को बतौर एमएलए फंड 2 करोड़ रुपये मिलते हैं। राज्य में 403 विधायक हैं। ऐसे में यदि सभी विधायक अपने लिए 20-20 लाख की गाड़ी खरीदते हैं तो इससे सरकारी खजाने पर 80 करोड़ 60 लाख रुपये का खर्च बढ़ेगा।
एमएलए फंड का पैसा जनता का पैसा होता है और यह विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए दिया जाता है। बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने सपा सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि अखिलेश यादव विधायकों को लॉलीपॉप दे रहे हैं। बसपा सांसद विजय बहादुर सिंह ने कहा है कि सरकारी खजाने का पैसा गरीबों का पैसा है और इसे विकास कार्यों में ही लगाया जाना चाहिए। यूपी सरकार का यह फैसला बीएसपी सहित समूचे विपक्ष को नामंजूर है। बीजेपी, कांग्रेस और बीएसपी के विधायकों ने सरकारी फंड की रकम से गाड़ी नहीं खरीदने का फैसला किया है।
इससे पहले यूपी सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में एक करोड़ लोगों को रोजगार देने के साथ राज्य की टर्मिनल विकास दर 10 फीसदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया। 22 साल बाद हुई राज्य योजना आयोग की बैठक में इन लक्ष्यों को निर्धारित किया गया, साथ ही प्रदेश के विकास के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत 3.61 लाख करोड़ के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। अखिलेश यादव की अगुवाई में सोमवार को हुई इस बैठक में तय किया गया कि प्रस्ताव को केंद्रीय योजना आयोग को भेजा जाएगा।
इससे पहले यूपी सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में एक करोड़ लोगों को रोजगार देने के साथ राज्य की टर्मिनल विकास दर 10 फीसदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया। 22 साल बाद हुई राज्य योजना आयोग की बैठक में इन लक्ष्यों को निर्धारित किया गया, साथ ही प्रदेश के विकास के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत 3.61 लाख करोड़ के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। अखिलेश यादव की अगुवाई में सोमवार को हुई इस बैठक में तय किया गया कि प्रस्ताव को केंद्रीय योजना आयोग को भेजा जाएगा।
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