- गोपालगढ़ दंगे का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर
- अपने ही गहलोत को घेरने में जुटे
- राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की मांग
एक साल पहले भरतपुर के गोपालगढ़ में हुए दंगे का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अजमेर दौरा तब रद्द हो गया जब सरकार तक मुस्लिम संगठनों की नाराजगी की खबर पहुंची और ये कथित नाराजगी भी किसी ख़ुफ़िया एजेंसी के सूत्रों के जरिये नहीं बाकायदा अजमेर में लगाये गये पर्चों के जरिये पहुंची। पर्चों में गहलोत को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह मुस्लिम विरोधी ठहराने की कोशिश की गयी है।
वहीं मुस्लिम संप्रदाय में ही कई ऐसे नेता भी हैं जो गहलोत के दौरे के रद्द होने के पीछे इन आरोपों को वजह नहीं मान रहे।
पर्चेबाजी से पहले ही एकजुट मुस्लिम नेताओं ने गहलोत की घेराबंदी ऐसे समय में शुरू की है जब कांग्रेस के ही कई विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ लामबंदी कर आलाकमान तक शिकायत दर्ज करा रहे हैं। जाहिर है विरोध बढ़ा तो गहलोत की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
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