नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल के अंत में होने
वाले विधानसभा चुनाव के लिए औपचारिक अभियान की शुरुआत भले ही नकी हो, लेकिन अनजाने ही उनका प्रचार शुरू हो गया है। शाहिद सिद्दीकी के साक्षात्कार के बाद कांग्रेस नेता विजय दरडा की ‘मोदी स्तुति’ ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है।
कांग्रेस ने जहां उक्त मामले की जांच का निर्देश दिया है, वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि वोटबैंक की राजनीति के तहत मोदी के खिलाफ ‘अस्पृश्यता’ का अभियान चलाया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि गुजरात के प्रभारी मोहन प्रकाश इसकी जांच करेंगे। गौरतलब है कि दरडा ने अहमदाबाद के एक कार्यक्रम में मोदी की लगन और कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उन्हें शेर बताया था।
दूसरी ओर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि मोदी के खिलाफ अस्पृश्यता बरती जा रहा है। कोई भी उनकी सच्ची प्रशंसा करता है तो उसे दंडित किया जाता है। यह वोट बैंक की गंदी राजनीति है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी आगाह किया गया था। अब शाहिद सिद्दीकी के बाद दरडा का नंबर है। रविशंकर ने कहा कि आंकड़े मोदी की प्रशासन क्षमता के गवाह हैं। लेकिन कांग्रेस या दूसरे दलों को यह सच्चाई भी गले नहीं उतरती है।
माना जा रहा है कि पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए कांग्रेस दरडा के मामले को बहुत तूल देने के पक्ष में नहीं है। दरअसल उसे यह एहसास हो गया है कि मोदी की बहुत तीखी आलोचना से कांग्रेस का राजनीतिक हित नहीं होता है।
कांग्रेस ने जहां उक्त मामले की जांच का निर्देश दिया है, वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि वोटबैंक की राजनीति के तहत मोदी के खिलाफ ‘अस्पृश्यता’ का अभियान चलाया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि गुजरात के प्रभारी मोहन प्रकाश इसकी जांच करेंगे। गौरतलब है कि दरडा ने अहमदाबाद के एक कार्यक्रम में मोदी की लगन और कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उन्हें शेर बताया था।
दूसरी ओर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि मोदी के खिलाफ अस्पृश्यता बरती जा रहा है। कोई भी उनकी सच्ची प्रशंसा करता है तो उसे दंडित किया जाता है। यह वोट बैंक की गंदी राजनीति है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी आगाह किया गया था। अब शाहिद सिद्दीकी के बाद दरडा का नंबर है। रविशंकर ने कहा कि आंकड़े मोदी की प्रशासन क्षमता के गवाह हैं। लेकिन कांग्रेस या दूसरे दलों को यह सच्चाई भी गले नहीं उतरती है।
माना जा रहा है कि पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए कांग्रेस दरडा के मामले को बहुत तूल देने के पक्ष में नहीं है। दरअसल उसे यह एहसास हो गया है कि मोदी की बहुत तीखी आलोचना से कांग्रेस का राजनीतिक हित नहीं होता है।
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