नई दिल्ली7-7-2012 राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का भय सताने लगा
है। आंकड़ों के हिसाब से तो प्रणब मुखर्जी की जीत तय मान रही कांग्रेस को
फिक्र है कि प्रतिद्वंदी पीए संगमा का आदिवासी फैक्टर असर कर गया तो इसका
खमियाजा प्रणब को उठाना पड़ सकता है। क्रॉस वोटिंग रोकने की कमान खुद
पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी ने संभाल ली है। सोनिया ने कांग्रेस शासित
राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लेकर तमाम राज्यों के विधायक दल के नेताओं और
प्रदेश अध्यक्षों को राष्ट्रपति चुनाव के दिन विधायकों-सांसदों का मतदान
में शरीक होना सुनिश्चित करने का निर्देश जारी कर दिया है।
हाईकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी समेत कुछ अन्य राज्यों के नेताओं को शत प्रतिशत वोटिंग करवाने की हिदायत दी है। राजस्थान में पार्टी के कुछ विधायकों में असंतोष को भले ही मामूली माना जा रहा हो पर आलाकमान इसका असर प्रणब के समर्थन में वोटिंग पर नहीं पड़ने देना चाह रहा। आंध्र प्रदेश में भी वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी से सहानुभूति रखने वाले विधायकों के क्रॉस वोटिंग की आशंका आलाकमान को चिंतित किए हुए है।
इन चुनावों में मुश्किल वाली बात यह है कि पार्टी इस बारे में अपने ही सांसदों विधायकों को प्रणब के समर्थन में वोट डालने के लिए खुले तौर पर व्हिीप तक जारी नहीं कर सकती। लोकसभा और राज्यसभा में जिस तरह कुछ बिल पर वोटिंग के दौरान उसे मुंह की खानी पड़ी थी, कांग्रेस किसी भी सूरत में वैसा दोहराव नहीं होने देना चाह रही। कांग्रेस कई राज्यों में अपने संगठन और सत्ता के बीच चल रही खटपट, असंतुष्ट नेताओं को एकजुट बनाए रखने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है। इस बारे में बाकायदा शुक्रवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा संगठन के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली तबल किया गया था। उनसे बाकायदा प्रदेशवार प्रणब के समर्थन में संभावित पुख्ता मतों के बारे में चर्चा की गई। इस सिलसिले में सोनिया 9 जुलाई को उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों के प्रमुख नेताओं से भी रूबरू होंगी।
संगमा आदिवासी फैक्टर को जोर-शोर से उठा रहे हैं। इससे कांग्रेस की चिंता इसलिए बढ़ी नजर आ रही है कि कहीं आदिवासी नेता ऎन मौके पर उनके पक्ष में वोट न कर दें। ऎसा होता है तो इसका नुकसान प्रणब को उठाना पड़ेगा। पार्टी चाह कर क्रास वोटिंग करने वालों के खिलाफ बाद में भी कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
हाईकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी समेत कुछ अन्य राज्यों के नेताओं को शत प्रतिशत वोटिंग करवाने की हिदायत दी है। राजस्थान में पार्टी के कुछ विधायकों में असंतोष को भले ही मामूली माना जा रहा हो पर आलाकमान इसका असर प्रणब के समर्थन में वोटिंग पर नहीं पड़ने देना चाह रहा। आंध्र प्रदेश में भी वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी से सहानुभूति रखने वाले विधायकों के क्रॉस वोटिंग की आशंका आलाकमान को चिंतित किए हुए है।
इन चुनावों में मुश्किल वाली बात यह है कि पार्टी इस बारे में अपने ही सांसदों विधायकों को प्रणब के समर्थन में वोट डालने के लिए खुले तौर पर व्हिीप तक जारी नहीं कर सकती। लोकसभा और राज्यसभा में जिस तरह कुछ बिल पर वोटिंग के दौरान उसे मुंह की खानी पड़ी थी, कांग्रेस किसी भी सूरत में वैसा दोहराव नहीं होने देना चाह रही। कांग्रेस कई राज्यों में अपने संगठन और सत्ता के बीच चल रही खटपट, असंतुष्ट नेताओं को एकजुट बनाए रखने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है। इस बारे में बाकायदा शुक्रवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा संगठन के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली तबल किया गया था। उनसे बाकायदा प्रदेशवार प्रणब के समर्थन में संभावित पुख्ता मतों के बारे में चर्चा की गई। इस सिलसिले में सोनिया 9 जुलाई को उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों के प्रमुख नेताओं से भी रूबरू होंगी।
संगमा आदिवासी फैक्टर को जोर-शोर से उठा रहे हैं। इससे कांग्रेस की चिंता इसलिए बढ़ी नजर आ रही है कि कहीं आदिवासी नेता ऎन मौके पर उनके पक्ष में वोट न कर दें। ऎसा होता है तो इसका नुकसान प्रणब को उठाना पड़ेगा। पार्टी चाह कर क्रास वोटिंग करने वालों के खिलाफ बाद में भी कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें