जयपुर। केंद्र में कांग्रेस पार्टी महासचिव राहुल गांधी के महत्वपूर्ण
जिम्मेदारी संभाले जाने की घोष्ाणा के बाद से प्रदेश में भी पार्टी नेतृत्व
में फेरबल की अटकले शुरू हो गई है। राहुल बाबा के एक्शन में आते ही यहां
भी किसी युवा नेता को पार्टी की कमान सौंपी जाने की संभावनाएं बढ़ गई है और
इसके चलते अपनी बेबाक बयानबाजी के चलते कइयों की आंख की किरकिरी बने
प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान पर भी गाज गिर सकती है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायकों के बगावती सुर,आलाकमान से शिकायत,राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग और अस्थिरता की स्थिति सहित विभिन्न मामलों में फजीहत करवा चुकी प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायकों के बगावती सुर,आलाकमान से शिकायत,राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग और अस्थिरता की स्थिति सहित विभिन्न मामलों में फजीहत करवा चुकी प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी है।
निशाने पर चंद्रभान !
पार्टी
सूत्रों के अनुसार, वक्त बे वक्त बयानबाजी, पार्टी में अनुशासन कायम नहीं
कर पाना, पार्टी को आगे बढ़ाने के नाम पर हुड़दंग से भरपूर संभाग स्तरीय
कार्याशालाओं के आयोजन को लेकर प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान प्रदेश नेतृत्व के
निशाने पर हैं। इस संबंध में प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत, केंद्रीय प्रभारी
मुकुल वासनिक व अन्य प्रमुख नेता भी प्रदेशाध्यक्ष से खासे नाराज हैं।
पीसीसी सूत्रों का कहना है कि अगस्त के पहले सप्ताह तक प्रदेश अध्यक्ष
बदलने के फैंसले पर आला कमान अपनी मुहर लगा सकते हैं।
संभागीय कार्यशालाओं में अनुशासन
पीसीसी
अध्यक्ष का पद संभालने के बाद डॉ चंद्रभान ने संभाग स्तरीय कार्यशालाओं के
आयोजन किए लेकिन भरतपुर और जयपुर में कार्यशाला के दौरान ही कांग्रेस
कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। भरतपुर में तो कांगे्रसियों ने कांगे्रसियों
के ही कपड़े फाड़ डाले। कार्यशालाओं के दौरान कार्यकर्ताओं का कोई अनुशासन
देखने को नहीं मिला, जिससे पूरे प्रदेश में संभाग स्तरीय कार्यशालाओं के
प्रति नकारात्मक फीडबैक आला कमान को मिला है। माना जा रहा है कि लगातार ऎसे
ही फीडबैक से आलाकमान भी परेशान हो गया।
युवा अध्यक्ष बन सकते हैं पायलट
प्रदेश
में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए वर्तमान में दो प्रमुख दावेदार
सामने आ रहे हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट और राज्य के वरिष्ठ जाट
नेता हेमाराम चौधरी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। माना जा रहा है कि
राहुल गांधी के केंद्र सरकार में सक्रिय होने की तैयारी के साथ ही यहां पर
युवा नेता को प्रदेश का नेतृत्व सौंपे जाने की चर्चा आम है। इसमें सचिन
पायलट को सबसे आगे बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि प्रदेश में विभिन्न
मामलों में सरकार की बदहाल स्थिति को देखते हुए युवा नेतृत्व के जरिए
पार्टी में जान फूंकने की कवायद की जा रही है।
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