आप माने या नहीं माने, लेकिन सच यही है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की
असेंबली शुतुरमुर्ग को पक्षी नहीं पशु मानती है। शुतुरमुर्ग के मांस की
बढ़ती मांग के कारण यहां की सरकार ने इस पक्षी को पशु की प्रजाति में शामिल
कर दिया।
यह चौंकाने वाली बात असेंबली के एक विधेयक में थी। दरअसल पंजाब के गवर्नर ने एक विधेयक पर यह कहते हुए हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था कि शुतुरमुर्ग एक पक्षी है, जो अनोखी प्रजातियों में शामिल है। अब गवर्नर के फैसले को दरकिनार करते हुए असेंबली ने एक नया विधेयक पारित कर दिया।
अखबार 'द नेशन' के मुताबिक पंजाब पशु वध नियंत्रण (संशोधन) विधेयक-2012 की धारा 2(ए) में कहा गया है, 'पशुओं का मतलब बैल, भैंस, ऊंट, गाय, बकरी, शुतुरमुर्ग, भेड़ और कुछ पालतू प्राणियों से है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' ने संपादकीय में इस विधेयक पर सवाल खडे़ करते हुए कब से शुतुरमुर्ग पक्षी नहीं रहा ? नाम से शीर्षक दिया है।
पंजाब के कानून मंत्री राणा सना ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने यहां शुतुरमुर्ग के मांस की बढ़ती मांग को देखते हुए इसे बकरी और भेड़ की श्रेणी में शामिल किया है।
यह चौंकाने वाली बात असेंबली के एक विधेयक में थी। दरअसल पंजाब के गवर्नर ने एक विधेयक पर यह कहते हुए हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था कि शुतुरमुर्ग एक पक्षी है, जो अनोखी प्रजातियों में शामिल है। अब गवर्नर के फैसले को दरकिनार करते हुए असेंबली ने एक नया विधेयक पारित कर दिया।
अखबार 'द नेशन' के मुताबिक पंजाब पशु वध नियंत्रण (संशोधन) विधेयक-2012 की धारा 2(ए) में कहा गया है, 'पशुओं का मतलब बैल, भैंस, ऊंट, गाय, बकरी, शुतुरमुर्ग, भेड़ और कुछ पालतू प्राणियों से है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' ने संपादकीय में इस विधेयक पर सवाल खडे़ करते हुए कब से शुतुरमुर्ग पक्षी नहीं रहा ? नाम से शीर्षक दिया है।
पंजाब के कानून मंत्री राणा सना ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने यहां शुतुरमुर्ग के मांस की बढ़ती मांग को देखते हुए इसे बकरी और भेड़ की श्रेणी में शामिल किया है।
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