पाकिस्तान में ओलंपिक वीजा घोटाले के
खुलासे ने खेल जगत में सनसनी फैला दी है। मामले में कथित रूप से शामिल 18
लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। जबकि पांच महिलाओं समेत नौ लोगों को
हिरासत में ले लिया गया। लाहौर स्थित पासपोर्ट कार्यालय और राष्ट्रीय
डाटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण के 12 कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया
गया।
यह घोटाला लाहौर के ड्रीम लैंड ट्रेवल एजेंसी और एक राजनीतिज्ञ चौधरी के इर्द-गिर्द केंद्रित है। चौधरी ने दावा किया था कि वह 700 पाउंड में दो महीने का वीजा और पाक ओलंपिक टीम के साथ लंदन भेज सकता है। माना जा रहा है कि ब्रिटिश अखबार द्वारा किए गए खुलासे के तहत देश की ओलंपिक टीम के साथ आतंकवादियों को ब्रिटेन जाने की अनुमति मिल सकती थी। सूत्रों का कहना है कि पीएमएल-एन के कार्यकर्ता आबिद चौधरी, जो ड्रीम लैंड ट्रेवल एजेंसी के लिए काम करते हैं, उन्होंने ही द सन के रिपोर्टर को पासपोर्ट दिलाने में मदद की। यह भी कहा जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए चौधरी कहीं छिप गए हैं। अधिकारियों ने पहले ही उनके नाम को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल कर लिया है। बता दें कि इस लिस्ट में शामिल व्यक्ति के विदेश जाने पर रोक लग जाती है। उधर, पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन ने कहा है कि जाली दस्तावेज पर देश के दल के साथ किसी अवांछित व्यक्ति का ब्रिटेन पहुंचना संभव नहीं होगा क्योंकि पाक ओलंपिक दल के सभी 39 सदस्य प्रमाणिक और लंदन ओलंपिक आयोजन कमेटी द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। द सन की रिपोर्ट में दावा किया गया कि उनके पत्रकार ने एक आपराधिक समूह में घुसपैठ की, ये लोग जाली पासपोर्ट, वीजा के साथ पाक टीम के फर्जी सहायक स्टाफ के तौर पर 2012 लंदन ओलंपिक में लोगों को भेजते हैं। टैबलाइड की रिपोर्ट के मुताबिक इस समूह ने अंडरकवर रिपोर्टर को फर्जी नाम पर एक वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट भी उपलब्ध करा दिया। जांच दल ने कई कर्मचारियों का बयान ले लिया है और उम्मीद है कि वह गृह मंत्रालय प्रमुख रहमान मलिक को बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। |
26 जुल॰ 2012
पाक ओलंपिक वीजा घोटालाः नौ गिरफ्तार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें