बक्सर,। बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस पांच गाय और
पांच बछिया है। बक्सर के एक निजी तकनीकी संस्थान ने बैचलर ऑफ टेक्नोलाजी
बीटेक कोर्स के लिए अनोखा फीस स्ट्रक्चर जारी किया है। इसके तहत चार साल के
कोर्स के लिए छात्र फीस के तौर पर गोदान कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।
फीस के इस नए स्वरूप के आधार पर संस्थान ने इस साल से इंजीनियरिंग के
विभिन्न ट्रेडों में नामांकन लेना शुरू भी कर दिया है।
चार साल का कोर्स और पांच गाय
बक्सर के विद्यादान इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रवक्ता के अनुसार चार साल के इंजीनियरिंग कोर्स के लिए फीस के रूप में पांच गाय और उनके बछड़ों को इंजीनियरिंग कॉलेज को सौंपना होगा। पहले साल दो गाय व दो बछिया, दूसरे साल भी दो गाय व दो बछिया तथा तीसरे साल एक गाय व एक बछिया ली जाएगी। गाय के किसी खास प्रजाति के ही होने की बाध्यता नहीं है। शर्त यह है कि वह स्वस्थ हो और दूध देती हो।
उत्साहित हैं अभिभावक
गोदान योजना से इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन लेने वाले छात्रों के अभिभावक श्रीकृष्ण ठाकुर व दिनेश्वर सिंह ने बताया कि किसानों के पास जमीन और पशुधन तो होता है, नकद नहीं। उन लोगों के लिए भी लाख रुपये सालाना फीस के लिए जुटा पाना संभव नहीं था। फीस के रूप में गोदान की योजना से अब वे भी अपने बच्चों के इंजीनियर बनने के सपने पूरे कर पाएंगे।
चार साल का कोर्स और पांच गाय
बक्सर के विद्यादान इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रवक्ता के अनुसार चार साल के इंजीनियरिंग कोर्स के लिए फीस के रूप में पांच गाय और उनके बछड़ों को इंजीनियरिंग कॉलेज को सौंपना होगा। पहले साल दो गाय व दो बछिया, दूसरे साल भी दो गाय व दो बछिया तथा तीसरे साल एक गाय व एक बछिया ली जाएगी। गाय के किसी खास प्रजाति के ही होने की बाध्यता नहीं है। शर्त यह है कि वह स्वस्थ हो और दूध देती हो।
उत्साहित हैं अभिभावक
गोदान योजना से इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन लेने वाले छात्रों के अभिभावक श्रीकृष्ण ठाकुर व दिनेश्वर सिंह ने बताया कि किसानों के पास जमीन और पशुधन तो होता है, नकद नहीं। उन लोगों के लिए भी लाख रुपये सालाना फीस के लिए जुटा पाना संभव नहीं था। फीस के रूप में गोदान की योजना से अब वे भी अपने बच्चों के इंजीनियर बनने के सपने पूरे कर पाएंगे।
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