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18 जुल॰ 2012

चैनल के संपादक ने इस्तीफ़ा दिया

असम के उस स्थानीय टीवी चैनल के प्रधान संपादक ने इस्तीफ़ा दे दिया है जिसके पत्रकार ने पिछले सप्ताह गुवाहाटी में एक युवती के साथ छेड़छाड़ का वीडियो रिकॉर्ड किया था.
संपादक अतनु भुइयां ने ये क़दम प्रदेश के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई के बयान के बाद उठाया है जिसमें मुख्यमंत्री ने पत्रकार की पुलिस को सूचना नहीं देने के लिए आलोचना की थी.
युवती के साथ सरेआम कई लोगों के बदतमीज़ी करने की इस घटना को लेकर देश भर में काफ़ी शोर-शराबा हुआ जिसके बाद अभी तक आठ लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
मगर इस घटना का मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ में नहीं आया है और गुवाहाटी स्थित एक पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि वो पड़ोसी राज्य मेघालय भाग गया है जहाँ की पुलिस से मदद माँगी जा रही है.
इस बीच असम के मुख्यमंत्री ने सोमवार शाम पीड़ित युवती से मुलाक़ात की और उनकी सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करने का भरोसा दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार युवती ने मुख्यमंत्री से एक ब्यूटी पार्लर खोलने के बारे में इच्छा जताई जिसके बाद तरूण गोगोई ने उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से 50,000 रूपए की सरकारी सहायता देने का आदेश दिया है.
"गोगोई के बयान के बाद पुलिस हमारे पत्रकार को ले गई और उससे चार घंटे तक पूछताछ की गई. हमें डर है कि पुलिस की जाँच मुख्यमंत्री के बयान से प्रभावित हो सकती है"
अतनु भुइयां, संपादक
एक अन्य घटनाक्रम में भारत के राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपनी सदस्य अलका लांबा को घटना की जाँच के लिए असम भेजी गई दो सदस्यों वाली टीम से हटा दिया है.
उन्होंने गुवाहाटी में प्रेस से बात करते हुए सार्वजनिक रूप से पीड़ित का नाम ले लिया था जिसके बाद महिला संगठन उनकी आलोचना कर रहे थे.
वैसे इसी तरह की एक चूक असम के मुख्यमंत्री कार्यालय से भी हुई जिसने मुख्यमंत्री की पीड़ित से मुलाक़ात के बाद प्रेस को भेजी विज्ञप्ति में पीड़ित का नाम और मुख्यमंत्री के साथ उनकी तस्वीरें भेज दीं.
हालाँकि बाद में मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीडिया से इन्हें प्रकाशित नहीं करने का अनुरोध किया.

इस्तीफ़ा

असम में इस घटना को लेकर काफ़ी क्षोभ है और कथित अपराधियों के विरोध में पोस्टर लगे हैं
मगर इस घटना को लेकर ऐसे आरोप भी लगे कि इसकी योजना एक पत्रकार ने ही बनाई थी. सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने सबसे पहले आरोप लगाए जिसके बाद इस बारे में जाँच की माँग उठने लगी.
इसके बाद सोमवार को मुख्यमंत्री तरूण गोगोई का भी बयान आया जिसके एक दिन बाद इस चैनल के संपादक ने ये कहते हुए इस्तीफ़ा दे दिया कि मुख्यमंत्री के बयान से पत्रकार पर लगे आरोप की जाँच में पक्षपात हो सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार गुवाहाटी में एक प्रेस सम्मेलन में अतनु भुइयां ने मुख्यमंत्री के बयान पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा, "गोगोई के बयान के बाद पुलिस हमारे पत्रकार को ले गई और उससे चार घंटे तक पूछताछ की गई. हमें डर है कि पुलिस की जाँच मुख्यमंत्री के बयान से प्रभावित हो सकती है.“
वैसे संपादक ने स्पष्ट किया कि वो नैतिक आधार पर नहीं बल्कि अपना विरोध जताने के लिए इस्तीफ़ा दे रहे हैं और वे अपने रिपोर्टर के साथ हैं जिसने अपना काम किया.
वीडियो रिकॉर्ड करनेवाले पत्रकार गौरव ज्योति नियोग का बचाव करते हुए संपादक ने कहा कि अभी तक हुई गिरफ़्तारियाँ उसकी रिकॉर्डिंग का ही परिणाम है.
इस पत्रकार ने पहले ही अखिल गोगोई के आरोप के बाद समाचार चैनल से इस्तीफ़ा दे दिया है.

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