बेंगलूर। अभी तक व्हिसिल ब्लोअर कानून तो नहीं आया, लेकिन भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले अधिकारियों की हत्या का सिलसिला बदस्तूर जारी है। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के ठेकों में घोटाले का भंडाफोड़ करने वाले सत्येंद्र दुबे, पेट्रो उत्पादों में मिलावट का विरोध करने वाले मंजूनाथ और अवैध खनन पर अंकुश लगाने वाले आइपीएस नरेंद्र कुमार के बाद भ्रष्टाचार की कीमत जिंदगी से चुकाने वालों में कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसपी महंतेश का नाम भी शामिल हो गया है।
सहकारी आवास समितियों में अवैध भू-आवंटन का पर्दाफाश करने वाले महंतेश पर यहां पांच दिन पहले हमला हुआ था। निजी अस्पताल में भर्ती महंतेश की रविवार सुबह मौत हो गई। 48 वर्षीय महंतेश पर कुछ अज्ञात लोगों ने 15 मई को हमला किया था, जिससे उनके सिर में गहरी चोटें आई थीं। उन्हें पिछले दो दिन से जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। वह बेंगलूर में एक होटल के समीप बेहोशी की हालत में मिले थे। वहां से गुजरने वाले एक व्यक्ति ने उनके परिवार को सूचना दी थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था।
महंतेश सहकारिता विभाग के लेखा परीक्षा विभाग में कार्यरत थे। परिजनों के अनुसार उन्होंने कई सहकारी आवास समितियों में बड़े पैमाने पर हुए घोटालों का पर्दाफाश किया था। कई भूखंडों का आवंटन वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिज्ञों को किया गया था। इसके बाद से करीब 80 सहकारी आवास समितियां जांच के घेरे में आ गई हैं। इसमें से अधिकतर बेंगलूर में मौजूद हैं।
महंतेश की मौत पर दुख जताते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा, मामले की जांच तेज कर दी गई है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे सरकार और आम लोगों की भावनाओं को ठेस लगी है। पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।
कर्नाटक के गृह मंत्री आर अशोक ने बताया कि घटना के संबंध में पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं। हत्यारे जल्द गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
सहकारी आवास समितियों में अवैध भू-आवंटन का पर्दाफाश करने वाले महंतेश पर यहां पांच दिन पहले हमला हुआ था। निजी अस्पताल में भर्ती महंतेश की रविवार सुबह मौत हो गई। 48 वर्षीय महंतेश पर कुछ अज्ञात लोगों ने 15 मई को हमला किया था, जिससे उनके सिर में गहरी चोटें आई थीं। उन्हें पिछले दो दिन से जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। वह बेंगलूर में एक होटल के समीप बेहोशी की हालत में मिले थे। वहां से गुजरने वाले एक व्यक्ति ने उनके परिवार को सूचना दी थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था।
महंतेश सहकारिता विभाग के लेखा परीक्षा विभाग में कार्यरत थे। परिजनों के अनुसार उन्होंने कई सहकारी आवास समितियों में बड़े पैमाने पर हुए घोटालों का पर्दाफाश किया था। कई भूखंडों का आवंटन वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिज्ञों को किया गया था। इसके बाद से करीब 80 सहकारी आवास समितियां जांच के घेरे में आ गई हैं। इसमें से अधिकतर बेंगलूर में मौजूद हैं।
महंतेश की मौत पर दुख जताते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा, मामले की जांच तेज कर दी गई है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे सरकार और आम लोगों की भावनाओं को ठेस लगी है। पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।
कर्नाटक के गृह मंत्री आर अशोक ने बताया कि घटना के संबंध में पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं। हत्यारे जल्द गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
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