नई दिल्ली। जहां हर जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं, वहीं बढ़ती महंगाई के बीच लोगों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि जरूरी दवाओं की कीमतों में कटौती हो सकती है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया। कैबिनेट ने गुरुवार को नई दवा मूल्य नीति को मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक आवश्यक मानी जाने वाली 348 दवाओं की अधिकतम कीमत सरकार तय करेगी।
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के दाम 15 से 20 फीसदी तक कम हो जाएंगे। यह दीगर है कि जो फार्मूला तय किया गया है, उससे कई सस्ती दवाओं के भी महंगा होने का खतरा है। सरकार ने आवश्यक दवाओं की सूची में 74 से बढ़ाकर 348 कर दिया है, जिनकी कीमत भी सरकार ही तय करेगी।
नई नीति के मुताबिक सभी ब्राड्स की औसत कीमत निकाल कर उसे अधिकतम कीमत घोषित किया जाएगा। कैंसर और एड्स में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के अलावा इस लिस्ट में दर्द और अवसाद दूर करने वाली दवाओं के साथ-साथ स्टेरॉयड यानी ताकत की दवाएं भी शामिल हैं।
सरकार का दावा है कि दवाओं की कीमत में कम से कम 15 से 20 फीसदी की कमी आएगी। फिलहाल, आवश्यक दवाइयों की लिस्ट में सिर्फ 74 दवाएं हैं। सरकार का दावा है कि इस फैसले से आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी और दवाओं की बेतहाशा बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें