बहु ब्रांड खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे को लेकर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच अगले सप्ताह शक्ति परीक्षण होने जा रहा है। लोकसभा ने मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चार और पांच दिसंबर को सदन में एफडीआई पर चर्चा कराने का फैसला किया है। विपक्ष एफडीआई पर मत विभाजन वाले प्रावधान के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़ा हुआ था जिसके चलते लगातार चार दिन तक दोनों सदनों की कार्यवाही ठप रही थी। राज्यसभा में भी इसी प्रकार की व्यवस्था के तहत चर्चा होगी लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों से विचार विमर्श के बाद इसका दिन और समय तय किया जाना अभी बाकी है।
लोकसभा में मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत एफडीआई पर चर्चा के लिए तैयार होने के बाद संसद में पिछले कई दिनों से बना गतिरोध आज समाप्त हो गया। इस मसले का समाधान निकालने के लिए सर्वदलीय बैठक और संप्रग नेताओं से विचार विमर्श के बाद सरकार ने नियम 184 के तहत बहस कराने पर सहमत होने के संकेत दिए थे। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने भी विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से बुधवार को मुलाकात की थी। भाजपा लगातार इस बात पर अड़ी थी कि मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने तक संसद नहीं चलने दी जाएगी। अब अगले सप्ताह इस मसले पर शक्ति परीक्षण होगा। 15वीं लोकसभा में इस प्रकार का यह पहला मौका होगा। ऐसे अवसर बिरले ही होते हैं जब कार्यपालिका के किसी फैसले पर मत विभाजन के नियम के तहत सदन में चर्चा होती है।
सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी तथा संप्रग के घटक दल द्रमुक का इस मुद्दे पर सरकार को अस्थिर नहीं होने देने का आश्वासन मिलने के बाद संप्रग शक्ति परीक्षण में अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहा है। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, ''एफडीआई मुद्दे पर नियम 184 के तहत चर्चा के लिए मुझे 30 नोटिस मिले हैं। मैंने चर्चा की अनुमति देने के लिए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।’’
लेकिन राज्यसभा में सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जहां सपा ने आज कहा कि वह उच्च सदन में एफडीआई के खिलाफ वोट देगी। राज्यसभा में संप्रग के पास बहुमत नहीं है। उच्च सदन में सपा के नेता रामगोपाल यादव ने कहा, ''यदि सरकार यहां इस मुद्दे को लेकर आयी तो हम एफडीआई के खिलाफ वोट देंगे।’’ सपा के राज्यसभा में नौ सदस्य हैं। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी की अध्यक्षता में हुई सभी दलों के नेताओं की बैठक के बाद संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार एफडीआई पर नियम 168 के तहत चर्चा कराने को तैयार है जिसमें मतविभाजन का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से विचार विमर्श के बाद चर्चा का दिन और समय तय होगा। उच्च सदन में संप्रग और उसके सहयोगियों की संख्या 94 है। दस मनोनीत सदस्य भी मत विभाजन में सरकार के पक्ष में जा सकते हैं। सदन में बसपा के 15 और सपा के नौ सदस्य हैं। सात निर्दलीयों में से तीन-चार सदस्य सरकार का समर्थन कर सकते हैं। सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली बसपा ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के दौरान अपने पत्ते खोलेगी।
545 सदस्यीय लोकसभा में संप्रग को करीब 265 सांसदों का समर्थन हासिल है और समाजवादी पार्टी (22) तथा बसपा (21) के समर्थन के बाद सत्तारुढ़ गठबंधन के समर्थकों की संख्या 300 को पार कर जाएगी जो कि 273 के आवश्यक आंकड़े से काफी ज्यादा है।
इस बीच, भाजपा ने एफडीआई पर चर्चा के मुद्दे पर राज्यसभा और लोकसभा में सरकार पर ‘‘दोहरे मानदंड’’ अपनाने का आरोप लगाया। भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने सवाल किया कि लोकसभा में मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा कराने पर राजी होने के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा में ऐसे नियम से क्यों भाग रही है। संसद के बाहर संवाददाताओं से नायडू ने कहा, ''इस प्रकार की तिकड़मबाजी से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। यह वार कांग्रेस को भारी पड़ेगा। अन्यथा राज्यसभा और लोकसभा में अलग अलग मापदंड अपनाने का कोई तर्क नहीं है।’’ उनके पार्टी सहयोगी रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''भाजपा संसद को चलाना चाहती है। हम मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत एफडीआई पर चर्चा चाहते हैं दोनों सदनों में। लेकिन सरकार जुगाड़ बिठाने में लगी है। देश कब तक इंतजार करता रहेगा। सरकार चर्चा से भाग रही है। हम बार बार मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं।’’
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29 नव॰ 2012
एफडीआई पर संसद में शक्ति परीक्षण अगले सप्ताह
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