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Founder Editor(Print): late Shyam Rai Bhatnagar (journalist & freedom fighter) International Editor : M. Victoria Editor : Ashok Bhatnagar *
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28 दिस॰ 2012

दिल्ली में जश्न से इनकार,जयपुर में दरकिनार

जयपुर। गैंगरेप कांड की पीडिता और उसे न्याय दिलाने के लिए आंदोलनरत युवाओं के प्रति सहानुभूति रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 128वें स्थापना दिवस पर किसी भी जश्न से इनकार कर दिया है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के इस कथन के उलट प्रदेश कांग्रेस जयपुर में जश्न मना रही है। 

रामलीला मैदान में आयोजित संकल्प रैली के चलते राजधानी कांग्रेसी रंग में रंगी नजर आ रही है। इस रैली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,प्रदेश कांगे्रस प्रभारी मुकुल वासनिक,केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी,पीसीसी अध्यक्ष चंद्रभान समेत अन्य कई बड़े कांगे्रसी नेता शामिल हो रहे हैं। जबकि प्रदेश से करीब एक लाख कांगे्रसी आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

जयपुर में इस संकल्प रैली को राज्य सरकार के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी ओर पूरे शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया है,जिससे आम जनता को भारी परेशानी हुई। सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसीपी,एडीसीपी सहित आस-पास के आधा दर्जन थानों के पुलिस अधिकारी और भारी जाप्ता तैनात किया गया है। साथ ही पांच सौ से अधिक पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए हैं। 


गूंज रहे हैं देशभक्ति तराने

सभा स्थल और आस-पास लगाए दो दर्जन से भी ज्यादा लाउडस्पीकर्स पर सुबह से ही देशभक्ति तराने गूंज रहे हैं। सवेरे आठ बजे तक सभा स्थल पर पुलिसकर्मियों के अलावा कुछ कार्यकर्ता मौजूद थे,जो तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त दिखे। सभा स्थल के आस-पास ही चालीस से भी ज्यादा बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं।

आम जनता परेशान 

कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम स्थल के मार्गो पर चलने वाले सामान्य यातायात को समानान्तर मार्गो पर डायवर्ट किया गया है। मानप्रकाश स्लिप लेन से लेकर बापू बाजार लिंकरोड तक एवं रामनिवास बाग गेट से न्यू गेट के बीच सभी वाहनों की पार्किग निषेध रहेगी। एमआई रोड पर वनवे व्यवस्था रहेगी। बड़ी चौपड़ से जौहरी बाजार होकर सांगानेरी गेट की तरफ आने वाला यातायात मिनर्वा सर्किल,धर्म सिंह सर्किल होकर जाएगा।

महिलाओं की अलग व्यवस्था

सवेरे दस बजे तक करीब दो सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी सभा स्थल पर दिखे। इस दौरान बाहरी इलाकों से आए सौ से ज्यादा कांगे्रसी कार्यकर्ता भी सभा स्थल का जायजा ले रहे थे। सभा स्थल पर महिलाओं के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। 

बांटी जा रही है बुकलेट 

सभा स्थल के आसपास से गुजरने वाले लोगों और सभा में आने वाले को सरकार की उपलब्घियों का बखान करने वाली बुकलेट भी बांटी जा रही है। इस बुकलेट में कांगे्रस सरकार की चार साल की चार सौ से भी ज्यादा छोटी-बड़ी उपलब्घियों को दर्शाया है। 

सड़कें रंगी कांगे्रसी रंग में

शहर के तमाम सर्किल और बड़े चौराहों पर बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं। शहर कांगे्रस प्रवक्ता विमल यादव ने बताया कि रैली पूरी तरह से सफल होने की पूरी उम्मीद है। पूरे शहर को सजाया गया है और विडियोग्राफी भी की गई है। 

मैटल डिटेक्टर खराब

सुरक्षा के लिहाज से सभा स्थल पर दो मैटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। दोनों दरवाजों पर लगाए गए इन दोनों मैटल डिटेक्टर में से एक खराब है। 

"सोनिया चाहेंगी वही बनेगा मुख्यमंत्री"

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान ने कहा है कि देश का प्रधानमंत्री और प्रदेश का मुख्यमंत्री वही बनेगा जिसे सोनिया गांधी चाहेंगी। जयपुर के रामलीला मैदान में कांग्रेस की संकल्प रैली को संबोधित करते हुए चन्द्रभान ने शुक्रवार को भाजपा पर सीधे निशाना साधा और वसुंधरा राजे और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भी जमकर बोले। 

चन्द्रभान ने कहा,"सोनिया जिसे चाहेगी वहीं प्रधानमंत्री और वहीं मुख्यमंत्री बनेगा।" उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे ने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़े थे,वे मुख्यमंत्री के रूप में नकारा रही और नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी विफल रही हैं। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें जनता क्या नेता मानेगी अब तो पार्टी ही नेता नहीं मानती। भ्रष्टाचार में कर्नाटक भाजपा के 118 विधायकों में से 80 को भ्रष्टाचारी बताते हुए चन्द्रभान ने कहा कि,"भाजपा हर बार जनभावनाओं को भड़का कर आगे आती है,कभी राम मंदिर तो कभी कुछ और,लेकिन अब न तो दुबारा राजस्थान में कभी वसुंधरा मुख्यमंत्री बनेगी और न ही मोदी प्रधानमंत्री।"

मोदी को बताया "अश्वमेघ का घोड़ा"

प्रदेशाध्यक्ष चन्द्रभान ने रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा निशाना साधा। मोदी को भाजपा के अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा बताते हुए चन्द्रभान ने कहा कि इस घोड़े को हम रोकेंगे। उन्होंने गुजरात चुनावों में मुसलमानों को डराकर और लालच देकर वोट लेने की बात भी कही। उन्होंने कहा,"भाजपा के अश्वमेघ के घोड़े को हम रोकेंगे। दिल्ली जाने का रास्ता राजस्थान होकर जाता है और हम उन्हें बांसवाड़ा के बोर्डर से आगे नहीं बढ़ने देंगे।" 

24 दिस॰ 2012

राजपथ पर आक्रोश और उत्पात

नई दिल्ली । जो राजपथ प्रति वर्ष 26 जनवरी को देश की आन-बान-शान की झांकी पेश करता है वह रविवार को भीड़ और साथ ही पुलिस के आपा खोने से रणक्षेत्र जैसा नजर आया। दिल्ली में गैंगरेप के खिलाफ शुरू हुआ स्वत: स्फूर्त आंदोलन दिशाहीनता के कारण तीसरे दिन हिंसक हो गया। दिशाहीन तो केंद्र सरकार से लेकर दिल्ली की राजनीति ही नहीं पुलिस भी दिखी।

इंडिया गेट, राजपथ, विजय चौक और आसपास के इलाकों के मेट्रो स्टेशन बंद करने के अलावा धारा 144 लगाने की तरकीब भी काम नहीं आई। देर शाम पुलिसिया निर्ममता के बाद आक्रोशित भीड़ उत्पात पर उतर आई। पानी की बौछार और लाठियों के जोर पर लोग इंडिया गेट से खदेड़े गए और उग्र भीड़ के चपेट में आने से एक अधिकारी को गंभीर चोटें आई। पुलिस की पिटाई से घायल होने वाले आंदोलनकारियों की संख्या भी कम नहीं थी।
राजधानी दिल्ली पूरे दिन अराजकता में घिरी रही। युवाओं के आक्रोश को शांत करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वादे के मुताबिक सुबह प्रदर्शनकारियों के एक दल से मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद जैसे-जैसे आंदोलन में लोग बढे़ तो बिखराव भी। प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय घटना पर सिर्फ नजर रखने तक सीमित था जबकि पुलिस विजय चौक से लेकर जंतर-मंतर तक कड़ाके की ठंड में लाठियों, पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों के जरिए आंदोलनकारियों से निपट रही थी। आंदोलनकारियों के साथ झड़पों के शिकार हुए पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और उनकी कैबिनेट देर शाम को जब जागी तब तक आंदोलन हिंसक होकर शहर के दूसरे हिस्सों में फैल चुका था। शीला गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलीं और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार को हटाने मांग कर डाली। मुख्यमंत्री से पहले सांसद संदीप दीक्षित भी पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग कर चुके थे।
पुलिस सुबह से बदहवास थी जबकि रविवार होने के कारण आंदोलनकारी लगातार बढ़ रहे थे। शनिवार को लोगों का गुस्सा देखकर पुलिस ने इंडिया गेट पर सुबह धारा 144 लगा दी थी, लेकिन दोपहर में ही इसे वापस भी ले लिया गया। दिल्ली का तापमान पांच-छह डिग्री के आसपास होने के बावजूद पूरे दिन में पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा बार लाठियां भांजी और करीब 250 आंसू गैस गोले छोड़े। विजय चौक, इंडिया गेट, रेल भवन और जंतर-मंतर के आसपास आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद पुलिस क्रूरता पर उतर आई। पुलिस ने खूब लाठी भांजी, पत्थर चले और लोगों के चोटें आई। देर शाम पुलिस ने लाठियों की पूरी ताकत झोंक कर इंडिया गेट को खाली करा लिया।
सियासत के नए सूरमा बाबा रामदेव, अरविंद केजरीवाल ने आंदोलन के मंच का इस्तेमाल करने की कोशिश की जिससे लोगों की भागीदारी और बढ़ गई। दूसरी तरफ कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व यही तय नहीं कर पा रहा था कि वह आंदोलन की तारीफ करें या इसकी निंदा।

राष्ट्रपति की बेटी भी डरी रहती हैं दिल्ली में

जब राजा से फकीर तक की आवाज आने लगे कि इस शहर में हमें डर लगता है तब लोग सवाल पूछते हैं कि कानून-व्यवस्था किसके हाथ में है। कुछ ऐसी ही हालत दिल्ली की है। देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली में मुझे भी डर लगता है। शर्मिष्ठा ने कहा, ‘मैं कोशिश करती हूं कि देर रात से पहले घर पहुंच जाऊं। रात 9 बजे के बाद धीर-धीरे डर सताने लगता है। मैं जिस इलाके में रहती हूं वहीं से मेरी दोस्त के पर्स छीन लिए गए। जब एक महिला से बेखौफ अपराधी अकेले पाकर पर्स छीन सकते हैं तो कुछ भी करने की हिम्मत रखते होंगे।’
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, मुझे अच्छा लग रहा है कि दिल्ली के नौजवान महिलाओं की सुरक्षा के लिए सड़क पर निकलकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस आवाज को बनाए रखने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में कोई महिला को बुरी नजर से देखने की हिम्मत न करे। गौरतलब है कि शर्मिष्ठा केवल इसलिए नहीं जानी जाती हैं कि वह राष्ट्रपति की बेटी हैं बल्कि मशहूर कथक डांसर भी हैं।
शर्मिष्ठा ने इस गैंगरेप केस में दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग का जोरदार तरीके समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इन दरिंदो की तुलना हम जानवरों से भी नहीं कर सकते क्योंकि जानवरों में संवेदनशीलता होती है। यदि जानवरों से तुलना करती हूं तो उनकी तौहीन ही होगी। शर्मिष्ठा ने कहा कि जिस तरीके से लड़की के साथ किया गया है वह कत्ल से भी जघन्य अपराध है। यह वाकई ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ मामला है। इसमें फांसी की सजा ही इन दरिंदों को मिलनी चाहिए।
दूसरी तरफ देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बेटी नूरिया अंसारी भी बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं इस शहर में सुरक्षित नहीं हैं। इनकी सुरक्षा हर हाल में होनी चाहिए। नूरिया ने कहा कि इस लड़की साथ जैसा किया गया है उसमें केवल फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए। नूरिया ने कहा कि मैं उन नौजवानों के साथ हूं जो इन दरिंदों को फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिदे की बेटी परिणिता शिंदे ने कहा कि यदि इन दरिंदों को फांसी देने के लिए कानून इजाजत नहीं देता है तो कानून बदलने की जरूरत है। परिणिता ने कहा कि हमें कानून को वक्त के साथ अपडेट करना चाहिए। परिणिता ने भी फांसी की सजा की मांग का खुले दिल से समर्थन किया है। शर्मिष्ठा, नूरिया और परिणिती ने ये बातें आज तक से कहीं हैं।