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9 दिस॰ 2012

डांग में तनाव,राज्यभर में रोष

ब्राह्मण युवक के हाथ काटे, आरोपी की गिरफ्तारी पर मीणा समाज ने बुलाई महापंचायत, जातीय संघर्ष के हालात
जयपुर/करौली, 8 दिसम्बर। सपोटरा थाना इलाके के बालौती गांव में पंच पंचायत के बाद अपने स्तर पर आरोपी की सजा तय करते हुए बेरहमी से एक युवक के दोनों हाथ काट देने की वीभत्स घटना के बाद से समूचे क्षेत्र में जबर्दस्त तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। हमलावरों के एक राय होकर सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाने की अप्रत्याशित घटना के विरोध में पीडि़त पक्ष के लामबंद होने के बाद दूसरे पक्ष के भी इस मसले पर महापंचायत बुलाने से हालात और भयावह नजर आ रहे हैं।
 घटना के बाद से मौके पर स्थिति बेकाबू होते देख आला पुलिस अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर डेरा डाले हुए हैं। उधर, युवक की कुल्हाड़ी से दोनों हाथ काटने के मुख्य आरोपी हरि मीणा को देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गंभीर हालत में एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाए गए घायल पप्पू (28) की हालत स्थिर बनी हुई है। वहीं, पुलिस झगड़े का कारण लड़की का विवाद मान रही है। पुलिस सभी पहलुओं पर गहनता से जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि बालौती गांव निवासी पप्पू का अपने गांव के हरि मीणा की पुत्री के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। पहले लड़की पप्पू के साथ चली गई जिसके बाद जाति विशेष के लोग गांव में पंचायत बुलाकर उसके घर पर पहुंचे तो हरि मीणा की लड़की वहां मिल गई। जिसके बाद पप्पू का अपहरण करके ले गए। हरि मीणा उसके पुत्र सुमेर मीणा सहित आधा दर्जन लोगों ने मारपीट करके कुल्हाड़ी से पप्पू के दोनों हाथ काट दिए। मौके पर पहुंची पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर घायन को तत्काल सपोटरा सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया जहां से उसे एसएमएस अस्पताल में रैफर कर दिया। वहीं, पीडि़त ने पर्चा बयान में जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए हाथ काटने की बात कही है। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर मुख्य आरोपी हरि मीणा को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, गांव में तनाव के हालात देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर रखा है। पुलिस के आला अधिकारी मौके पर डेरा डाले हुए हैं और दोनों पक्षों को समझा रहे हैं। जाति विशेष के लोगों के हरि मीणा की गिरफ्तारी के विरोध में महापंचायत बुलाने की घोषणा के बाद पुलिस के हाथ-पैर फूले हुए हैं। ग्रामीणों का आक्रोश इस बात को लेकर है कि हमलावरों ने सुनियोजित साजिश के तहत पुलिस को किसी घटना की जानकारी दिए बिना अपने स्तर पर ही लोमहर्षक घटना को अंजाम देने का निर्णय ले लिया और बेरहमी से उसके हाथ काटकर अपने कब्जे में रख लिए। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के भी इस बारे में मुंह नहीं खोलने की वजह एक पक्ष का आतंक माना जा रहा है।

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