नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा अपनी संसदीय बोर्ड का सदस्य बना सकती है। मोदी के अलावा मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी जगह दी जा सकती है। संसदीय बोर्ड में अब तक कोई भी मुख्यमंत्री शामिल नहीं है।
इन सब के बीच खबर आ रही है कि कुंभ में छह और सात फरवरी को होने वाले संत सम्मेलन में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं। इनमें नरेंद्र मोदी का भी नाम शामिल है। दूसरी ओर, बाबा रामदेव ने भी मोदी को प्रधानमंत्री पद का सबसे बेहतर दावेदार बताया है। वहीं, इलाहाबाद में चल रहे महाकुंभ के दौरान साधु समाज के सम्मेलन में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किए जाने की खबर पर जद-यू ने कड़ा ऐतराज जताया है।
जद-यू प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा, ‘यह विडंबना है कि साधु समाज प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम तय कर रहा है। भाजपा एनडीए की बैठक बुलाए और उसमें अपना उम्मीदवार बताए। इसके बजाय जिस तरीके से व्यक्ति विशेष का नाम बार-बार लिया जा रहा है और साधु समाज से समर्थन हासिल करने की कोशिश की जा रही है, यह लोकतंत्र का उपहास है।’
हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दैनिक भास्कर से कहा,‘आम चुनाव उसी तरह नेता का ऐलान करके लड़ा जाएगा जैसे अटलजी का नाम आगे रखकर लड़ा गया। भाजपा को अपना उम्मीदवार बताना होगा। अभी तक पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कोई नाम नहीं दिया है।’
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा, ‘अगर भाजपा मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाती है तो कांग्रेस को प्रसन्नता होगी। तभी लोगों को भाजपा का असली चेहरा देखने को मिलेगा। मोदी के कारनामे किसी से छिपे नहीं हैं।’
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