जयपुर । राजस्थान गुर्जर महासभा ने 5 फीसदी एसबीसी आरक्षण लागू करवाने के लिए सरकार को 19 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है।
महासभा के अध्यक्ष कालूलाल गुर्जर ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि एसबीसी आरक्षण को लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार पिछले चार साल से गुर्जर समाज के साथ छलावा कर रही है। सरकार की नीयत साफ होती तो वह पांच प्रतिशत आरक्षण का कानून लागू करवाने से पहले इसका परीक्षण करवाती और इस आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डलवाती। क्योंकि दोनों जगह ही कांग्रेस की सरकारें हैं।
ओबीसी आयोग ने 50 प्रतिशत के दायरे में सिफारिश करने के बावजूद इससे बाहर आरक्षण देना भी यह साबित करता है कि सरकार आरक्षण देना नहीं चाहती। 50 प्रतिशत की सीमा के भीतर आरक्षण दिया जाता तो यह स्टे नहीं होता।
उन्होंने कहा कि एसबीसी आरक्षण पर रोक से यह जाहिर होता है कि सरकार ने इसमें जानबूझकर कानूनी कमियां छोड़ीं। सरकार जैसे तैसे समय निकालना चाहती है ताकि बाद में यह कह दे कि अब तो आचार संहिता लग गई। सरकार अब 19 फरवरी को हाईकोर्ट में सही तरीके से पैरवी करके पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिलवा पाई तो गुर्जर समाज चुप नहीं बैठेगा।
उन्होंने कहा कि पूरा समाज एकजुट होकर आंदोलन करेगा। इसके लिए 24 फरवरी को पुष्कर के पास नागपहाड़ पर समाज का बड़ा सम्मेलन होगा। देवनारायण के 1100वें जन्मदिन पर बुलाए जा रहे सम्मेलन में आगे की रणनीति तय होगी।
अलग पार्टी बनाने में बैसला के साथ नहीं महासभा
राजस्थान गुर्जर महासभा ने कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला के राजनीतिक पार्टी बनाने के फैसले से किनारा कर लिया है। महासभा के प्रदेशाध्यक्ष और सभी पदाधिकारियों ने बैसला का साथ देने से इनकार किया है। कालूलाल गुर्जर ने कहा, हम बैंसला के साथ नहीं हैं। सबको साथ लेकर आरक्षण की लड़ाई लडेंग़े, राजनीतिक पार्टी बनाने में साथ नहीं देंगे। कर्नल का आंदोलन हिंसात्मक हो गया था। कर्नल के अलावा भी कई संगठन आरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, अहिंसात्मक तरीके से आंदोलन करने वाले समाज के नेताओं को साथ लिया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें