
आजम खां अलीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने के सवाल पर आजम का कहना था कि गुजरात के मुख्यमंत्री को आगे बढ़ाने में कांग्रेस का ही हाथ है। उन्होंने कहा कि सैफई में कवि सम्मेलन में एक कवि ने टिप्पणी की कि मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बना दिया लेकिन बताया नहीं कि वह प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा राहुल गांधी से बड़े खतरे हैं क्योंकि वह जहां जाते हैं, भीड़ पर डंडे बरसवा देते हैं।
ताजमहल को लेकर दिए बयान पर आजम का कहना था कि उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। उनका कहना था कि जिस तरह से मायावती सरकार ने अपने जिंदा बुतों को लगवाने के लिए प्रदेश का सरकारी खजाना खाली कर दिया। ठीक उसी तरह से मुगल शासक शाहजहां ने अपने निजी लगाव के चलते सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर ताजमहल को बनवाया था। सत्ता का खजाना जनता के सुखदुख के लिए होना चाहिए ना कि राजाओं की ऐशगाह बनाने के वास्ते।
‘डंडे के आदी हो गये हैं अफसर..’ इस बयान पर उन्होंने कहा कि यह एक विचार था जो उनका नहीं है। चुटकी लेते हुए बोले-आप लोग क्यों मुझसे ऐसी बातें कहलाना चाहते हैं। डंडे तो उन्होंने भी खाये तब कहीं जाकर यहां पहुंचे हैं। मायावती के शासन में जो लोग दहशतजदा रहते थे वह अब आराम है। शासन-प्रशासन अनुशासन के दायरे में है। सलमान रश्दी, तस्लीमा नसरीन सहित दूसरे लेखकों ने इस्लाम और कुरान को लेकर जो कुछ कहा है उससे दूसरे लोगों को अच्छा लगता है। अगर ऐसा है तो उनके कुछ कहने पर इतना विवाद क्यों है? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो उनको भी है।
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