newspaper

Founder Editor(Print): late Shyam Rai Bhatnagar (journalist & freedom fighter) International Editor : M. Victoria Editor : Ashok Bhatnagar *
A newspaper with bold, open and democratic ideas {Established : 2004}

3 फ़र॰ 2013

वैवाहिक बलात्कार में भी सख्त सजा का प्रावधान

marital rape even stricter punishmentकेंद्र सरकार के प्रस्तावित अध्यादेश में वैवाहिक बलात्कार के मामले में भी सख्त सजा का प्रावधान है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किए गए बलात्कार विरोधी कानून वाले अध्यादेश के अनुसार यदि अलगाव की स्थिति में पति ने पत्नी की बिना सहमति के सहवास किया तो उसे सात साल तक की जेल हो सकती है।

जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी ने सिफारिश की है कि आईपीसी की धारा 376 ए को खत्म किया जाय जिसके तहत अलगाव के दौरान अपनी पत्नी से यौन संबंध बनाने पर अभी अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है। इसका आशय वैवाहिक बलात्कार को भी अन्य बलात्कार की परिभाषा के दायरे में लाना है। जबकि सरकार इसे बनाए रखना चाहती है लेकिन अधिकतम सजा को दो साल के बजाय सात साल करना चाहती है।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमने अधिकतम सजा तो बढ़ाई है पर इस धारा को बनाए रखना चाहते हैं ताकि दंपति को सुलह का एक अवसर मिल सके। अभी तक धारा 376 ए असंज्ञेय अपराध है पर प्रस्तावित अध्यादेश में इसे संज्ञेय अपराध माना गया है। 

जस्टिस वर्मा की सिफारिशों के अनुरूप धारा 376 ए को समाप्त करने की मांग कर रहे अनेक महिला संगठन राष्ट्रपति से इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर न करने की अपील करने की योजना बना रही हैं।

महिलाओं के साथ अपराध करने पर सशस्त्र बल के कर्मी अपने बचाव के लिए आर्म्ड फोर्सेस (विशेष अधिकार) एक्ट, 1958 का सहारा ले लेते हैं। इस पर स्थिति साफ करते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इन कर्मियों के महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध करने पर किसी तरह की मंजूरी की आवश्यकता नहीं रहेगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें