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16 मार्च 2013

80 दिन से दबंगों की चंगुल में 'मासूम'

kidnapping case of bharatpurजयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले से अगवा की गई एक मासूम 80 दिनों से दबंगों के चंगुल में फंसी है। घटना पिछले साल 26 दिसम्बर की है,जब एक नाबालिग लड़की को उसी के गांव के युवक ने अगवा किया और फरार हो गया। घटना के बाद से अब तक पुलिस अगवा लड़की और आरोपी की तलाशी में नाकाम साबित रही है। 
उधर,घटना के बाद से लड़की के पिता बेटी की तलाश में दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। पुलिस से उनका विश्वास उठ चुका है और पुलिस जांच उन्हें कोरा दिखावा नजर आने लगी है। जबकि पुलिस का दावा है कि मामला दर्ज करने के बाद से आरोपी की तलाशी में सर्च टीमों को कई जगह भेजा जा चुका है,लेकिन आरोपी इतना चालाक है कि हर बार नतीजा सिफर ही रहता है।

पुलिस पर मिलीभगत का अरोप

लड़की के पिता रघुवीर सिंह ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि आरोपी बावूसिंह भुसावर थानाघिकारी बंसीलाल का रिश्तेदार है और इसी लिहाज से मामले की जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद आरोपी युवक का मोबाइल नम्बर ट्रेस किया गया जिसमें उसी के रिश्तेदारों के 6 मोबाइल नम्बर भी सामने आए। इनके यूजर्स की मामले में संलिप्तता को लेकर भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। पीडिता के परिवारजनों ने पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं
'जांच किसी अन्य अघिकारी से करवा लें'

मामले की जांच कर रहे भुसावर(भरतपुर) के थानाघिकारी बंसीलाल ने कहा है कि लड़की और आरोपी को तलाशी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है,लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। मुझ पर लगे आरोप झूंठे हैं। यदि फिर भी उन्हें ऎसा लगता है तो उन्हें मामले की जांच किसी अन्य अघिकारी से करवाने का अघिकार है। 

क्या यह है मामला ?

अपहरण का यह मामला भरतपुर जिले की वैर तहसील के निठार गांव का है। यहां अपहर्त मासूम बबली(परिवर्तित नाम) 26 दिसम्बर,2012 की दोपहर को अचनाक गायब हो गई। वहां से एक मोबाइल और आरोपी बावू सिंह का नाम लिखी पर्ची मिली। मामला अपहरण का समझ परिवारजन निकटवर्ती पुलिस स्टेशन भुसावर पहुंचे। अपहर्ता के परिवार के अनुसार पुलिस ने यहां उनकी एफआईआर लिखने टाल मटोल की,लेकिन 3 दिन बाद 1 जनवरी 2013 को मामला दर्ज कर लिया। तब से आज तक पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

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