महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही आपराधिक वारदात और यौन शोषण के मामले को देखते हुए रोहतक के शिक्षा भारती गर्ल्स स्कूल ने ड्रेस कोड लागू कर दिया है और अगले आदेश तक लड़कियों के स्कर्ट पहनने पर पाबंदी लगा दी है।
स्कूल प्रशासन का कहना है कि आए दिन लड़कियों के साथ हो रहे दुराचार व छेड़छाड़ के मामले को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल का कहना है कि ड्रेस काफी प्रभावित करती है। छात्राओं व उनके परिजनों से विचार विमर्श के बाद ही यह ड्रेस कोड लागू किया गया है। इस बीच खापों ने स्कूल के इस निर्णय का स्वागत किया है।
सीबीएसई पैटर्न पर आधारित इस स्कूल ने दावा किया है कि ड्रेस कोड लागू करने से पहले अभिभावकों व छात्राओं से विचार लिए गए थे। छात्राओं ने भी स्कर्ट पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया है। स्कूल की प्रिंसिपल निर्मल पोपली का कहना है कि स्कूल की छात्राओं ने स्कर्ट पर बैन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि छात्राओं ने उन्हें बताया है कि स्कूल आते-जाते लड़के उन्हें परेशान करते हैं। दिल्ली की घटना के बाद उन्हें डर लगने लगा है।
उधर, स्कूल के इस निर्णय का खाप पंचायतों ने भी स्वागत किया है। 84 खाप के प्रधान हरदीप सिंह अहलावत का कहना है कि भड़काऊ कपडे़ कहीं न कहीं महिलाओं के यौन शोषण का कारण बनते हैं। खाप पंचायत शुरू से ही यह मांग करती आई हैं कि महिलाएं अपने सामाजिक ताने-बाने को देखते हुए पहनावा पहनें।
स्कूल प्रशासन का कहना है कि आए दिन लड़कियों के साथ हो रहे दुराचार व छेड़छाड़ के मामले को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल का कहना है कि ड्रेस काफी प्रभावित करती है। छात्राओं व उनके परिजनों से विचार विमर्श के बाद ही यह ड्रेस कोड लागू किया गया है। इस बीच खापों ने स्कूल के इस निर्णय का स्वागत किया है।
सीबीएसई पैटर्न पर आधारित इस स्कूल ने दावा किया है कि ड्रेस कोड लागू करने से पहले अभिभावकों व छात्राओं से विचार लिए गए थे। छात्राओं ने भी स्कर्ट पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया है। स्कूल की प्रिंसिपल निर्मल पोपली का कहना है कि स्कूल की छात्राओं ने स्कर्ट पर बैन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि छात्राओं ने उन्हें बताया है कि स्कूल आते-जाते लड़के उन्हें परेशान करते हैं। दिल्ली की घटना के बाद उन्हें डर लगने लगा है।
उधर, स्कूल के इस निर्णय का खाप पंचायतों ने भी स्वागत किया है। 84 खाप के प्रधान हरदीप सिंह अहलावत का कहना है कि भड़काऊ कपडे़ कहीं न कहीं महिलाओं के यौन शोषण का कारण बनते हैं। खाप पंचायत शुरू से ही यह मांग करती आई हैं कि महिलाएं अपने सामाजिक ताने-बाने को देखते हुए पहनावा पहनें।
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