नई दिल्ली।। राजधानी
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में गुजरात
के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी छाए हुए हैं। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी
पार्टी के फायरब्रैंड नेता मोदी के मुरीद हो गए हैं। उन्होंने 4,000
कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में मोदी को माला पहनाकर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी
देने का इशारा कर दिया। इसके पहले शुक्रवार को जिस तरह राष्ट्रीय
कार्यकारिणी में मोदी के जयकारे लगे उससे यह और साफ हो गया है कि 2014 में
सत्ता की प्राप्ति के लिए पार्टी मोदी को तुरुप का पत्ता मान रही है।
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 3 दिवसीय बैठक के दूसरे दिन शनिवार को भी नरेंद्र मोदी छाए रहे। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने गुजरात में शानदार हैट-ट्रिक लगाई है। मोदी देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। इंटरनैशनल लेवल पर गुजरात के विकास मॉडल की प्रशंसा हुई है। अमेरिका, यूरोप सहित पूरी दुनिया आज मोदी के काम की कायल है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से खडे़ होकर मोदी के लिए तालियां बजाकर स्वागत करने का आग्रह किया।
इसके पहले भले ही मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने पर अभी बीजेपी ने भले ही कोई फैसला न लिया हो, लेकिन दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष विजय गोयल को लगने लगा है कि जैसे मोदी ही पीएम हों। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि देश का बच्चा-बच्चा चाहता है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हों। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कहा कि देश के विकास के लिए अब मोदी मॉडल को अपनाने की जरूरत है। इसके पहले उत्तराखंड के ही एक और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी शुक्रवार को मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग कर चुके हैं।
केंद्र सरकार को निशाने पर लिया
राजनाथ ने अपने भाषण में मोदी की तो प्रशंसा की ही, साथ ही केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। राजनाथ ने कहा महाकुंभ में सरकार की बदइंतजामी के चलते इस पवित्र अवसर पर कई लोगों की मौत हो गई। हैदराबाद में भी सरकार की लापरवाही की वजह से कई लोगों की जानें गईं। ये सरकार हर मोर्चे पर विफल है। महंगाई, सुरक्षा और कूटनीतिक स्तर पर यूपीए सरकार फेल रही है। आतंकवाद पर सरकार का रवैया लचर है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में घुसने से रोकने में सरकार नाकाम है।
गडकरी का बचाव किया
राजनाथ सिंह ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी का बचाव करते हुए कहा कि उनपर गलत आरोप लगाए गए है। पूरी पार्टी नितिन गडकरी के साथ है।
मार्च के अंत में मोदी को बड़ी जिम्मेदारी?
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हर तरफ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की धूम है, लेकिन इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका को लेकर कोई घोषणा नहीं होने वाली है। मोदी को लेकर कोई भी फैसला मार्च के दूसरे पखवाड़े में ही होने की उम्मीद है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 11 मार्च को संभवत: नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह अपनी नई टीम घोषित करेंगे। इसके बाद ही मोदी को लेकर तस्वीर साफ होगी। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिध सभा की बैठक इस महीने 11 से 13 तारीख तक जयपुर में होनी है। उसी के बाद फैसला होगा।
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 3 दिवसीय बैठक के दूसरे दिन शनिवार को भी नरेंद्र मोदी छाए रहे। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने गुजरात में शानदार हैट-ट्रिक लगाई है। मोदी देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। इंटरनैशनल लेवल पर गुजरात के विकास मॉडल की प्रशंसा हुई है। अमेरिका, यूरोप सहित पूरी दुनिया आज मोदी के काम की कायल है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से खडे़ होकर मोदी के लिए तालियां बजाकर स्वागत करने का आग्रह किया।
इसके पहले भले ही मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने पर अभी बीजेपी ने भले ही कोई फैसला न लिया हो, लेकिन दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष विजय गोयल को लगने लगा है कि जैसे मोदी ही पीएम हों। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि देश का बच्चा-बच्चा चाहता है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हों। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कहा कि देश के विकास के लिए अब मोदी मॉडल को अपनाने की जरूरत है। इसके पहले उत्तराखंड के ही एक और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी शुक्रवार को मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग कर चुके हैं।
राजनाथ ने अपने भाषण में मोदी की तो प्रशंसा की ही, साथ ही केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। राजनाथ ने कहा महाकुंभ में सरकार की बदइंतजामी के चलते इस पवित्र अवसर पर कई लोगों की मौत हो गई। हैदराबाद में भी सरकार की लापरवाही की वजह से कई लोगों की जानें गईं। ये सरकार हर मोर्चे पर विफल है। महंगाई, सुरक्षा और कूटनीतिक स्तर पर यूपीए सरकार फेल रही है। आतंकवाद पर सरकार का रवैया लचर है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में घुसने से रोकने में सरकार नाकाम है।
गडकरी का बचाव किया
राजनाथ सिंह ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी का बचाव करते हुए कहा कि उनपर गलत आरोप लगाए गए है। पूरी पार्टी नितिन गडकरी के साथ है।
मार्च के अंत में मोदी को बड़ी जिम्मेदारी?
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हर तरफ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की धूम है, लेकिन इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका को लेकर कोई घोषणा नहीं होने वाली है। मोदी को लेकर कोई भी फैसला मार्च के दूसरे पखवाड़े में ही होने की उम्मीद है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 11 मार्च को संभवत: नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह अपनी नई टीम घोषित करेंगे। इसके बाद ही मोदी को लेकर तस्वीर साफ होगी। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिध सभा की बैठक इस महीने 11 से 13 तारीख तक जयपुर में होनी है। उसी के बाद फैसला होगा।
नई
दिल्ली। राजनाथ सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे लोकप्रिय
मुख्यमंत्री हैं। हमारे सभी मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। मोदी की
हैट्रिक से हम बहुत खुश हैं। अमेरिका हो चाहे यूरोप सबने मोदी की तारीफ की
है। राजनाथ सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं को खड़े होकर मोदी का स्वागत करने को
कहा। राजनाथ सिंह ने माला पहना कर मोदी का स्वागत किया। चुनौती कितनी भी
बड़ी हम जीतेंगे। इस उत्साह के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते
हुए कहा कि व्यवस्था ठीक नहीं होने से कुंभ हादसा हुआ। हैदराबाद ब्लास्ट के
जरिए दुख जाहिर करते हुए केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया। केंद्र सरकार को हर
मोर्चे पर विफल करार देते हुए बांग्लादेश की घुसपैठ को देश के लिए खतरा
बताया।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक का शनिवार को दूसरा दिन है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में मोदी और शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड में शामिल करने का ऐलान हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह उनकी पीएम पद की उम्मीदवारी की तरफ एक बड़ा कदम होगा। कल पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा था कि यदि बीसवीं सदी भारत में कांग्रेस की थी तो इक्कीसवीं सदी देश में भाजपा की होगी।
आज से पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आर्थिक और राजनीतिक मुद्दे तय करने के साथ ही इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी रणनीति तय की जाएगी। इस बैठक में यह भी तय किया जाना है कि भाजपा कैसे आर्थिक एवं सुरक्षा के मोर्चे पर संप्रग सरकार की विफलता को लोगों के सामने पेश कर उसको चुनौती देगी।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि पार्टी पीएम पद के लिए किसी भी नाम की घोषणा वक्त आने पर करेगी। उन्होंने बताया कि भाजपा की कार्यकारिणी में भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया गया है। आम चुनाव में पार्टी सुशासन संकल्प, बीजेपी विकल्प के नए नारे के साथ उतरेगी। बैठक के पहले दिन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह नरेंद्र मोदी को गुजरात में हैट्रिक लगाने पर बधाई दी। उन्होंने सभी से आपसी मतभेद भुलाकर मिशन 2014 की तरफ आगे बढ़ने की अपील की है।
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भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक का शनिवार को दूसरा दिन है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में मोदी और शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड में शामिल करने का ऐलान हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह उनकी पीएम पद की उम्मीदवारी की तरफ एक बड़ा कदम होगा। कल पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा था कि यदि बीसवीं सदी भारत में कांग्रेस की थी तो इक्कीसवीं सदी देश में भाजपा की होगी।
आज से पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आर्थिक और राजनीतिक मुद्दे तय करने के साथ ही इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी रणनीति तय की जाएगी। इस बैठक में यह भी तय किया जाना है कि भाजपा कैसे आर्थिक एवं सुरक्षा के मोर्चे पर संप्रग सरकार की विफलता को लोगों के सामने पेश कर उसको चुनौती देगी।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि पार्टी पीएम पद के लिए किसी भी नाम की घोषणा वक्त आने पर करेगी। उन्होंने बताया कि भाजपा की कार्यकारिणी में भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया गया है। आम चुनाव में पार्टी सुशासन संकल्प, बीजेपी विकल्प के नए नारे के साथ उतरेगी। बैठक के पहले दिन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह नरेंद्र मोदी को गुजरात में हैट्रिक लगाने पर बधाई दी। उन्होंने सभी से आपसी मतभेद भुलाकर मिशन 2014 की तरफ आगे बढ़ने की अपील की है।
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नई
दिल्ली। आम आदमी की जेब पर पेट्रोल की कीमत का बोझ फिर से बढ़ गया है।
सरकारी तेल कंपनियों ने एक बार फिर शुक्रवार रात से पेट्रोल महंगा कर दिया
है। पिछले एक पखवाड़े में दूसरी बार इसके दाम बढ़े हैं। इस बार इसमें 1.40
रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। 16 फरवरी को भी पेट्रोल की खुदरा
कीमत में 1.50 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी।
जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किए जाने के बाद पेट्रोल के दाम 21वीं बार बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल के दामों में 27 संशोधन किए गए हैं। 20 बार दाम बढ़ाए गए हैं, जबकि आठ बार घटाए गए हैं। हाल की में जनवरी में पेट्रोल के दाम 30 पैसे घटाए गए थे। इसके बाद से दाम बढ़ाए जाने का सिलसिला जारी है।
शायद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इनकी सोच है कि जरा से विरोध के बाद जनता इसे स्वीकार कर लेगी।
जून 2010 में जब पेट्रोल नियंत्रण मुक्त हुआ था, तब लोगों को यह तो पता था कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, लेकिन क्या पता था कि इतने बढ़ जाएंगे कि आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़कर 128.57 लीटर प्रति बैरल से बढ़कर इसके दाम 131 लीटर प्रति बैरल हो गए हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट ने भी कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर किया है। दो हफ्ते पहले रुपये 53.43 प्रति डॉलर था, लेकिन अब बढ़कर 54.15 तक पहुंच गया है।
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जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किए जाने के बाद पेट्रोल के दाम 21वीं बार बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल के दामों में 27 संशोधन किए गए हैं। 20 बार दाम बढ़ाए गए हैं, जबकि आठ बार घटाए गए हैं। हाल की में जनवरी में पेट्रोल के दाम 30 पैसे घटाए गए थे। इसके बाद से दाम बढ़ाए जाने का सिलसिला जारी है।
शायद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इनकी सोच है कि जरा से विरोध के बाद जनता इसे स्वीकार कर लेगी।
जून 2010 में जब पेट्रोल नियंत्रण मुक्त हुआ था, तब लोगों को यह तो पता था कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, लेकिन क्या पता था कि इतने बढ़ जाएंगे कि आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़कर 128.57 लीटर प्रति बैरल से बढ़कर इसके दाम 131 लीटर प्रति बैरल हो गए हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट ने भी कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर किया है। दो हफ्ते पहले रुपये 53.43 प्रति डॉलर था, लेकिन अब बढ़कर 54.15 तक पहुंच गया है।
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नई
दिल्ली। आम आदमी की जेब पर पेट्रोल की कीमत का बोझ फिर से बढ़ गया है।
सरकारी तेल कंपनियों ने एक बार फिर शुक्रवार रात से पेट्रोल महंगा कर दिया
है। पिछले एक पखवाड़े में दूसरी बार इसके दाम बढ़े हैं। इस बार इसमें 1.40
रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। 16 फरवरी को भी पेट्रोल की खुदरा
कीमत में 1.50 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी।
जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किए जाने के बाद पेट्रोल के दाम 21वीं बार बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल के दामों में 27 संशोधन किए गए हैं। 20 बार दाम बढ़ाए गए हैं, जबकि आठ बार घटाए गए हैं। हाल की में जनवरी में पेट्रोल के दाम 30 पैसे घटाए गए थे। इसके बाद से दाम बढ़ाए जाने का सिलसिला जारी है।
शायद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इनकी सोच है कि जरा से विरोध के बाद जनता इसे स्वीकार कर लेगी।
जून 2010 में जब पेट्रोल नियंत्रण मुक्त हुआ था, तब लोगों को यह तो पता था कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, लेकिन क्या पता था कि इतने बढ़ जाएंगे कि आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़कर 128.57 लीटर प्रति बैरल से बढ़कर इसके दाम 131 लीटर प्रति बैरल हो गए हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट ने भी कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर किया है। दो हफ्ते पहले रुपये 53.43 प्रति डॉलर था, लेकिन अब बढ़कर 54.15 तक पहुंच गया है।
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जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किए जाने के बाद पेट्रोल के दाम 21वीं बार बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल के दामों में 27 संशोधन किए गए हैं। 20 बार दाम बढ़ाए गए हैं, जबकि आठ बार घटाए गए हैं। हाल की में जनवरी में पेट्रोल के दाम 30 पैसे घटाए गए थे। इसके बाद से दाम बढ़ाए जाने का सिलसिला जारी है।
शायद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इनकी सोच है कि जरा से विरोध के बाद जनता इसे स्वीकार कर लेगी।
जून 2010 में जब पेट्रोल नियंत्रण मुक्त हुआ था, तब लोगों को यह तो पता था कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, लेकिन क्या पता था कि इतने बढ़ जाएंगे कि आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़कर 128.57 लीटर प्रति बैरल से बढ़कर इसके दाम 131 लीटर प्रति बैरल हो गए हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट ने भी कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर किया है। दो हफ्ते पहले रुपये 53.43 प्रति डॉलर था, लेकिन अब बढ़कर 54.15 तक पहुंच गया है।
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नई
दिल्ली। आम आदमी की जेब पर पेट्रोल की कीमत का बोझ फिर से बढ़ गया है।
सरकारी तेल कंपनियों ने एक बार फिर शुक्रवार रात से पेट्रोल महंगा कर दिया
है। पिछले एक पखवाड़े में दूसरी बार इसके दाम बढ़े हैं। इस बार इसमें 1.40
रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। 16 फरवरी को भी पेट्रोल की खुदरा
कीमत में 1.50 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी।
जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किए जाने के बाद पेट्रोल के दाम 21वीं बार बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल के दामों में 27 संशोधन किए गए हैं। 20 बार दाम बढ़ाए गए हैं, जबकि आठ बार घटाए गए हैं। हाल की में जनवरी में पेट्रोल के दाम 30 पैसे घटाए गए थे। इसके बाद से दाम बढ़ाए जाने का सिलसिला जारी है।
शायद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इनकी सोच है कि जरा से विरोध के बाद जनता इसे स्वीकार कर लेगी।
जून 2010 में जब पेट्रोल नियंत्रण मुक्त हुआ था, तब लोगों को यह तो पता था कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, लेकिन क्या पता था कि इतने बढ़ जाएंगे कि आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़कर 128.57 लीटर प्रति बैरल से बढ़कर इसके दाम 131 लीटर प्रति बैरल हो गए हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट ने भी कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर किया है। दो हफ्ते पहले रुपये 53.43 प्रति डॉलर था, लेकिन अब बढ़कर 54.15 तक पहुंच गया है।
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शायद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इनकी सोच है कि जरा से विरोध के बाद जनता इसे स्वीकार कर लेगी।
जून 2010 में जब पेट्रोल नियंत्रण मुक्त हुआ था, तब लोगों को यह तो पता था कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, लेकिन क्या पता था कि इतने बढ़ जाएंगे कि आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़कर 128.57 लीटर प्रति बैरल से बढ़कर इसके दाम 131 लीटर प्रति बैरल हो गए हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट ने भी कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर किया है। दो हफ्ते पहले रुपये 53.43 प्रति डॉलर था, लेकिन अब बढ़कर 54.15 तक पहुंच गया है।
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