शहीद डीएसपी जियाउल हक के परिजन राजा भैया की गिरफ्तारी और उनकी हत्या की सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं।
हक की पत्नी परवीन आजाद ने धमकी दी है कि अगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उन्हें खुद आकर मांगे माने जाने का आश्वासन नहीं देते तो वे आत्महत्या कर लेंगी।
डीएसपी के परिजनों का कहना है कि जब तक राजा भैया को गिरफ्तार नहीं किया जाता वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हालांकि प्रदेश सरकार ने इस मामले में डीएसपी के गनर समेत तीन पुलिस कर्मियों को संस्पेंड कर दिया है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
डीएसपी के पैतृक गांव पहुंचा शव
शनिवार की रात प्रतापगढ़ जिले के बलीपुर गांव में मारे गए डीएसपी जिया उल हक का शव देवरिया जिले के उनके पैतृक गांव नुनखार जुआफर पहुंचा। उनका अंतिम संस्कार होना था।
हालांकि, परिजन ने शव दफनाने से मना कर दिया है। वे धरने पर बैठ गए हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रदेश सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की आदेश दे और राजा भैया को तत्काल गिरफ्तार करे।
वहीं जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी भी आज शहीद डीएसपी जिया उल हक के देवरिया जिले के पैतृक गांव नूनखार पहुंच रहे हैं।
प्रतापगढ़ एसपी का हटाया गया
वहीं, इस मामले में राज्य सरकार ने प्रतापगढ़ के एसपी अनिल राय को हटाकर डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। देवरिया के एसपी एलआर कुमार को प्रतापगढ़ का एसपी बनाया गया है।
प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने प्रतापगढ़ व हाथरस में नए कप्तानों की तैनाती की जानकारी देने के साथ ही कहा कि अभी कुंडा मामले में जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अराजकता फैलाई है, पहले उनकी गिरफ्तारी होगी। अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार को इसी कार्रवाई के लिए प्रतापगढ़ भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद इस बात की जांच होगी कि किन परिस्थितियों में फोर्स ने सीओ का साथ छोड़ा।
गोली मारने से पहले पीटा गया था
सीओ जियाउल हक को बलीपुर गांव में गोली मारने से पहले लाठियों से पीटा गया था। चार डॉक्टरों के पैनल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दो गोलियां पैर व एक गोली सीने में पाई गई।
इसके साथ ही शरीर के कई हिस्सों में चोटें पाई गईं। चोटों से साफ है कि पहले सीओ को लाठियों से पीटा, फिर गोली मारी गई।
हक की पत्नी परवीन आजाद ने धमकी दी है कि अगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उन्हें खुद आकर मांगे माने जाने का आश्वासन नहीं देते तो वे आत्महत्या कर लेंगी।
डीएसपी के परिजनों का कहना है कि जब तक राजा भैया को गिरफ्तार नहीं किया जाता वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हालांकि प्रदेश सरकार ने इस मामले में डीएसपी के गनर समेत तीन पुलिस कर्मियों को संस्पेंड कर दिया है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
डीएसपी के पैतृक गांव पहुंचा शव
शनिवार की रात प्रतापगढ़ जिले के बलीपुर गांव में मारे गए डीएसपी जिया उल हक का शव देवरिया जिले के उनके पैतृक गांव नुनखार जुआफर पहुंचा। उनका अंतिम संस्कार होना था।
हालांकि, परिजन ने शव दफनाने से मना कर दिया है। वे धरने पर बैठ गए हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रदेश सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की आदेश दे और राजा भैया को तत्काल गिरफ्तार करे।
वहीं जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी भी आज शहीद डीएसपी जिया उल हक के देवरिया जिले के पैतृक गांव नूनखार पहुंच रहे हैं।
प्रतापगढ़ एसपी का हटाया गया
वहीं, इस मामले में राज्य सरकार ने प्रतापगढ़ के एसपी अनिल राय को हटाकर डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। देवरिया के एसपी एलआर कुमार को प्रतापगढ़ का एसपी बनाया गया है।
प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने प्रतापगढ़ व हाथरस में नए कप्तानों की तैनाती की जानकारी देने के साथ ही कहा कि अभी कुंडा मामले में जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अराजकता फैलाई है, पहले उनकी गिरफ्तारी होगी। अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार को इसी कार्रवाई के लिए प्रतापगढ़ भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद इस बात की जांच होगी कि किन परिस्थितियों में फोर्स ने सीओ का साथ छोड़ा।
गोली मारने से पहले पीटा गया था
सीओ जियाउल हक को बलीपुर गांव में गोली मारने से पहले लाठियों से पीटा गया था। चार डॉक्टरों के पैनल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दो गोलियां पैर व एक गोली सीने में पाई गई।
इसके साथ ही शरीर के कई हिस्सों में चोटें पाई गईं। चोटों से साफ है कि पहले सीओ को लाठियों से पीटा, फिर गोली मारी गई।
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