मुजफ्फरपुर। दिन शनिवार। अन्य दिनों से इतर मौसम ठंडा था, लेकिन शहर का माहौल गरम। बाजार में जगह-जगह दुष्कर्म के आरोपी की करजा प्रखंड के चिकनौटा गांव से गिरफ्तारी व कोर्ट में पेश किए जाने की चर्चा। धीरे-धीरे लोगों के पांव स्वयं कोर्ट की ओर बढ़ चले। पेशी से पहले ही वहां काफी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। पुलिस पदाधिकारियों व जवानों से पूरा परिसर भर गया था। उत्सुकता उस शख्स को देखने की थी, जिसने बिहार की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले इस जिले को शर्मसार कर दिया था। यह बात जेहन में आते ही लोगों में आक्रोश भड़क उठता। वे उस हैवान को स्वयं सजा देने को तैयार थे।
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आक्रोश को देखते हुए वहां आधा दर्जन से अधिक पुलिस मोबाइल जीप को तैनात कर दिया गया था। अत्याधुनिक हथियारों से लैस व लाठी पार्टी वाले जवान इधर-उधर मुश्तैदी से गश्त लगा रहे थे। थाने के भीतर का माहौल भी गरम था। टाउन डीएसपी और डीएसपी पश्चिमी, नगर थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी कागजी कार्रवाई कर उसे भेजने की तैयारी में व्यस्त थे। कोई दौड़कर इधर जा रहा था तो कोई उधर। सुबह के करीब पौने दस बजे जैसे ही पूरी प्रक्रिया कर पुलिस उसे पटना ले जाने को परिसर में लाई, वैसे ही करीब डेढ़ घंटे से वहां खड़े लोगों का सब्र टूट पड़ा और वे चिल्ला उठे मारो-मारो। इस दरिंदे को सजा दो। मार डालो। पब्लिक को उग्र होते देख पुलिस पदाधिकारी उसे फिर यहां भी खींचते हुए विशेष वैन में धकेल कर अंदर बैठा दिया। फिर डीएसपी टाउन व पश्चिमी के नेतृत्व में छह गाड़ियों से स्कॉर्ट करते उसे पटना लेकर रवाना हो गए।
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