होली के बाद अब चैत नवरात्र की तैयारी शुरू हो गयी है। बाजारों में
पूजन सामग्री की दुकानें सज गयी हैं। लेकिन इस बार पूजा की थाली से लेकर
व्रत में खाने वाली चीजें भी महंगी हो गई है। मंदिरों में साफ-सफाई व सजावट
को अंतिम रूप दिया जा रहा है। देवी स्तुति को लेकर भक्त काफी उत्साहित
हैं। इस बार पहला नवरात्र 11 अप्रैल गुरुवार को है।
लखनऊ के प्राचीन बड़ी
काली जी मंदिर में नवरात्र पर बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इसको लेकर
मंदिर ने दर्शन कराने के लिए व्यापक प्रबंध किये हैं। पुलिस के जवानों के
साथ ही मंदिर कमेटी के कार्यकर्ता भी यहां पर तैनात रहेंगे।
साथ ही कैमरों से हर आने जाने वालों पर नजर रखी जाएगी। वहीं चौपटिया स्थित
संदोहन देवी मंदिर में प्रतिदिन अलग-अलग देवी मां का फूलों व मेवे से
श्रृंगार के साथ ही देवी की सवारी भी बदली जाएगी। शास्त्रीनगर स्थित दुर्गा
मंदिर में प्रतिदिन शाम को महिलाओं के भजन का कार्यक्रम रखा गया है। मंदिर
को फल, फूल व मेवों से सजाया जाएगा। सीतापुर रोड स्थित मां विंध्याचल देवी
मंदिर में भव्य मेला लगेगा, जिसमें आस-पास के लोग देवी के दर्शन करने के
उपरांत खरीदारी करेंगे। गणोश गंज स्थित संतोषी माता मंदिर की सजावट की जा
रही है।
कुर्सी रोड स्थित लोहिया नगर के सामने संतोषी माता मंदिर को भी सजाया जा
रहा है। रकाबगंज के एक किराना स्टोर के मालिक ने बताया कि इस बार पूजन
सामग्री व फलाहार लगभग 20 प्रतिशत महंगा हो गया है। इसके बावजूद मां की
आराधना के लिए लोगों के उत्साह कम नहीं है और जमकर खरीदारी कर रहे हैं। घी,
धूप,
बताशा, नारियल, चुनरी, कपूर, लौंग, पान, मेवे की सजावट, रुई, सिंघाड़े का
आटा व माला, कलावा आदि महंगी हुई है। यहियागंज के व्यापारी बताते हैं कि
नवरात्र आते ही लोग माता के सजावट व पूजन की सामग्री रखने लगते थे, लेकिन
अब सिर्फ काम चलाने भर का लेकर रस्म अदायगी करते हैं।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
लखनऊ के पंडित प्रदीप तिवारी के अनुसार इस बार नवरात्र नौ दिनों का है इसके
अलावा नवरात्र के प्रथम दिन कलश स्थापना का मुहूर्त सूर्योदय से प्रात
7:30 तक है। 11:26 से 12:33 बजे तक अवजित मुहूर्त है इसमें कलश स्थापित
करना सबसे अच्छा माना जाता है।
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