बीजेपी और कांग्रेस पार्टी में चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. जहां बीजेपी मोदी से मंत्र ले रही है. वहीं कांग्रेस अपने राहुल की रणनीति पर चलने को तैयार है. शुक्रवार को बीजेपी की चुनाव अभियान समिति का ऐलान हुआ. पार्टी ने 2014 लोकसभा चुनावों और 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 20 समितियों और उप समितियों का ऐलान किया.
वहीं जब कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक हुई तो राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि पार्टी आम आदमी को रिझाने का कोई मौका नहीं चूकेगी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी ने चुनाव समिति से कहा है, 'समाज के सभी वर्गों की राय लेने के बाद ही पार्टी का घोषणा पत्र तैयार किया जाए. वहीं, इसमें महिला और युवाओं पर फोकस करने की जरूरत है.'
सू्त्रों की माने तो कांग्रेस के युवराज ने यह भी सुझाव दिया कि घोषणा पत्र तैयार करने की प्रक्रिया सिर्फ चुनिंदा नेताओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. इस कदम के जरिए कांग्रेस अपनी हाइकमान संस्कृति वाली छवि को बदलना चाहती है. गौरतलब है कि कांग्रेस पर चंद नेताओं को फैसले लेने का अधिकार लेने का आरोप लगता रहा है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा करके राहुल गांधी छत्रपों को व्यवस्था में शामिल करना चाहते हैं.
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