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2 अग॰ 2019

उन्नाव मामले में पुलिस से सवाल पूछने वाली छात्रा के परिजन खौफ में,

उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के एक स्कूल की छात्रा ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारी से पूछा था कि क्या गारंटी है कि गलत के खिलाफ शिकायत करने पर मैं सुरक्षित रहूंगी और मेरा एक्सीडेंट नहीं करा दिया जाएगा.लखनऊः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से उन्नाव बलात्कार पीड़िता को लेकर सवाल पूछने वाली छात्रा के परिजन डरे हुए हैं और छात्रा की सुरक्षा को लेकर उसे स्कूल भेजना बंद कर दिया है.

 छात्रा के परिजनों का कहना है कि वे सोमवार को स्कूल की प्रिंसिपल से मिलेंगे और उसके बाद ही इस पर फैसला करेंगे कि छात्रा को दोबारा स्कूल कब भेजना है.
मालूम हो कि बाराबंकी के आनंद भवन विद्यालय में बालिका सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) आरएस गौतम छात्राओं को सुरक्षा के प्रति सचेत करते हुए टोल फ्री नंबरों की जानकारी दे रहे थे, तभी एक छात्रा ने उनसे पूछा कि पुलिस से शिकायत करने पर उसका उन्नाव बलात्कार पीड़िता की तरह एक्सीडेंट करवा दिया तो क्या होगा?
छात्रा के पिता का कहना है, ‘वह मासूम और युवा है. उसने अखबार में जो पढ़ा और टीवी पर जो देखा, वही कहा. वह अच्छा बोलती है और स्कूल के लोग उसे पसंद करते हैं.
 छात्रा  ने पुलिस अधिकारी से कहा, ‘सर, जैसा कि आपने कहा कि हमें डरना नहीं चाहिए…आवाज उठानी चाहिए…प्रोटेस्ट करना चाहिए…तो मेरा ये सवाल है कि कुछ दिन पहले लखनऊ में 18 साल की एक लड़की के साथ भाजपा नेता ने रेप किया. उसके पिता की एक्सीडेंटल डेथ हो जाती है, लेकिन वो एक्सीडेंटल नहीं था. उसके बाद वो लड़की उसकी मां और वो लॉयर कार से जा रहे थे तो ट्रक ने उसे उड़ा दिया. ट्रक पर जो नंबर था उसे काले रंग से पेंट कर दिया गया था.’
छात्रा ने सवाल किया, ‘अगर हमें प्रोटेस्ट करना है तो आम इंसान के खिलाफ प्रोटेस्ट कर सकते हैं, लेकिन अगर कोई नेता या बड़ा इंसान है तो उसके खिलाफ हम कैसे प्रोटेस्ट करेंगे. अगर हमने प्रोटेस्ट किया तो कोई एक्शन नहीं लिया जाता और अगर एक्शन लिया जाता तो कुछ नहीं होगा क्योंकि अभी जैसे हमने देखा वो लड़की बहुत गंभीर हालत में अस्पताल में है.’
छात्रा कहती हैं, ‘हमने निर्भया केसबाराबंकी में पुलिस अधिकारी से सवाल पूछने वाली छात्रा. देखा, फातिमा का केस देखा तो क्या गारंटी है कि अगर हम प्रोटेस्ट करते हैं… प्रोटेस्ट करना चाहिए लेकिन अगर हम प्रोटेस्ट करते हैं तो क्या हमें इंसाफ मिलेगा. मैं प्रोटेस्ट करती हूं तो क्या गारंटी है कि मैं सेफ सुरक्षित रहूंगी. क्या गारंटी है कि मेरे साथ कुछ नहीं होगा.’
छात्रा ने आगे कहा, ‘आपके कहने के मुताबिक अगर हमारे साथ कुछ गलत हुआ तो हम टोल फ्री नंबर पर फोन करके पुलिस को जानकारी दें, लेकिन हम जिसकी शिकायत कर रहे हैं अगर उसे इस बात का पता चल गया और उसने मेरा एक्सीडेंट करा दिया, तो क्या होगा?’
छात्रा के इन सवालों का पुलिस अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने महज यह कहकर बात टाल दी कि टोल फ्री नंबर पर फोन करने वाली हर शिकायतकर्ता की पूरी मदद की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि जिले में बालिका सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसके तहत कहीं रैलियां तो कहीं गोष्ठी का आयोजन कर छात्राओं को टोल फ्री नंबरों की जानकारी दी जा रही है.

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