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22 जन॰ 2012

धोख़े से अपने ही सिर में कील ठोंकी

अमरीका के शिकागो शहर में एक व्यक्ति ने कील ठोंकने वाली गन के ज़रिए धोख़े से 8.25 सेंटीमीटर लंबी कील अपने सिर में ठोंक ली और कई घंटों तक उसे इस बात की जानकारी भी नहीं रही कि यह कील उसके दिमाग़ तक पहुंच गई है.


दांते ऑवटुलो

34 वर्षीय डैंटे ऑटुलो अपनी दुकान में थे और चीज़ों की मरम्मत में जुटे थे जब अचानक कील ठोंकने वाली बंदूक का निशाना खुद उनके सिर की ओर लग गया. लेकिन ऑटुलो को इसकी भनक तक नहीं लगी कि ये कील उनके दिमाग में जा फंसी है, जब तक कि अगले दिन उन्हें उल्टियां नहीं होने लगीं.


ऑटुलो का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि ये कील उनके दिमाग़ की उस जगह तक पहुंच गई थी जहां से व्यक्ति की शारीरीक गतिविधियां नियंत्रित होती हैं.

इलिनॉय के एडवोकेट क्राइस्ट मेडिकल सेंटर में ऑटुलो के सिर से कील निकालने के लिए दो घंटे का सफ़ल ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद ऑटुलो की मंगेतर गेल ग्लेनज़र ने बताया कि ऑटुलो बिल्कुल स्वस्थ हैं और उनके सभी अंग ठीक तरह से काम कर रहे हैं.

'अंदाज़ा ही नहीं था'

ऑपरेशन के बाद ऑटुलो बिल्कुल पहले जैसा महसूस कर रहे हैं, उन्हें सबकुछ याद है और उनके शरीर के सभी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं.

ग्लेनज़र के मुताबिक जब वे ऑटुलो के माथे पर लगी चोट को साफ़ कर रहीं थी तब उन्हें ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि कील उनके सिर के भीतर चली गई है.

इसका पता उन्हें तब चला जब अगले दिन उन्हें उल्टियां होने लगीं और सिर में दर्द हुआ.

चिकित्सकों के मुताबिक इंसान की खोपड़ी में दर्द की संवेदनशीलता भांपने वाली नसें तो मौजूद हैं लेकिन दिमाग़ में इस तरह की कोई नस नहीं होती.

अस्पताल के प्रवक्ता माइक मैंगियो के अनुसार ऑटुलो की खोपड़ी से उस हिस्से को बाहर निकाला गया है जिस हिस्से के कील से दूषित होने का डर था.

उसकी जगह उनके दिमाग़ में टाइटेनियम की एक पतली झिल्ली बिछाई गई



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