बेंगलुरू, 24 फरवरी।
कर्नाटक में भाजपा की इकाई ने अपनी दो दिवसीय चिंतन मंथन बैठक के दूसरे दिन का सत्र राज्य में सत्ता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा द्वारा शुरू किए गए संघर्ष के तेज होने की पृष्ठभूमि में रद्द कर दिया है।मुख्यमंत्री के पद पर अपनी बहाली के लिए येदियुरप्पा ने 27 फरवरी की समय सीमा तय कर दी है। भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता सी टी रवि ने कहा कि चिंतन मंथन केवल आज होगा और कल होने वाला इसका सत्र रद्द कर दिया गया है।
इस बीच, खबरें आईं कि येदियुरप्पा के आक्रामक रूख की वजह से पार्टी नेतत्व को यह कदम उठाना पड़ा। बहरहाल, रवि ने बैठक के दूसरे दिन का सत्र रद्द किए जाने के फैसले पर सतर्कता बरतते हुए कहा कि 18 मार्च को उडूपी चिकमगलूर लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव पर ध्यान देने के लिए यह सत्र रद्द किया गया है। डी वी सदानंद गौड़ा ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट से इस्तीफा दे दिया था जिसकी वजह से यहां उपचुनाव कराया जा रहा है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि एक निजी रिजॉर्ट में दिन भर चलने वाला सत्र शायद राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के संबोधन के बाद समाप्त किया जा सकता है। इससे पहले, भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि थोड़े बहुत मतभेद हैं जो किसी भी पार्टी में आम बात है। उन्होंने कहा कि गडकरी ये मतभेद दूर करने के प्रयास करेंगे।
येदियुरप्पा से आज सुबह मुलाकात कर चुके गडकरी ने संकट गहरा होने के संकेतों के बीच कहा कि गौड़ा को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
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कर्नाटक में सत्ता संघर्ष रोकने की कोशिश में गडकरी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पार्टी की कर्नाटक इकाई में जारी सत्ता संघर्ष रोकने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसके तहत गडकरी शुक्रवार को कई बैठकें कर रहे हैं। बीएस येदियुरप्पा फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, गडकरी ने सम्भवत: येदियुरप्पा से कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में बरी होने तक उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए इंतजार करना होगा। हालांकि पार्टी की राज्य इकाई में उचित पद सम्बंधी येदियुरप्पा की मांग पर विचार हो सकता है।येदियुरप्पा ने गडकरी से यहां एक होटल में लगभग 20 मिनट तक मुलाकात की और मीडिया से कुछ बातचीत किए बगैर ही वह वहां से चले गए। गडकरी ने मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा, पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के.एस. ईश्वरप्पा और अन्य नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की और उसके बाद सभी नेता पार्टी विधायकों के साथ चिंतन-मंथन के लिए शहर के बाहर स्थित एक रिसोर्ट के लिए प्रस्थान कर गए।यह चिंतन-मंथन सत्र, विधायकों और पार्टी नेताओं को नैतिकता व अनुशासन के महत्व के बारे में बताने के लिए बुलाया गया है। यह सत्र ऐसे समय में बुलाया गया है, जब कथितरूप से अनैतिक और अनुशासनहीन कृत्य में लिप्त होने के कारण तीन मंत्रियों- लक्ष्मण सवादी, सी.सी. पाटील और जे. कृष्णा को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तीनों मंत्रियों को सात फरवरी को विधानसभा में मोबाइल फोन पर ईल वीडियो देखते कैमरे में कैद कर लिया गया था।इस सत्र में पार्टी के सभी विधायक, सांसद और कई पार्टी पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। येदियुरप्पा भी सत्र में हिस्सा ले रहे हैं। शुक्रवार की बैठकों से पूर्व येदियुरप्पा ने पार्टी की राज्य इकाई में अपने लिए समर्थन का प्रदर्शन करने के लिए दोपहर भोज के साथ यहां एक बैठक बुलाई थी।येदियुरप्पा ने सम्भवत: मुख्यमंत्री पद पर बहाल किए जाने या फिर राज्य में पार्टी का सर्वोच्च नेता घोषित किए जाने सम्बंधी अपनी मांग पर निर्णय लेने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेताओं को 27 फरवरी तक का समय दिया है। 27 फरवरी को येदियुरप्पा का जन्म दिन है और यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो ऐसी स्थिति में उनके समर्थकों ने अगले कदम की घोषणा करने की योजना बनाई है।ज्ञात हो कि देश के दक्षिणी हिस्से में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण पिछले वर्ष 31 जुलाई को इस्तीफा देना पड़ा था।
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कर्नाटक में कोई संकट नहीं: जेटली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कर्नाटक में पार्टी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बीच किसी भी तरह के मतभेद से इंकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य में कोई राजनीतिक संकट नहीं है
जेटली ने कहा कि कोई समस्या नहीं है.. आप उन्हें (येदियुरप्पा को) जिसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वह वास्तविक स्थिति नहीं है। बताया जाता है कि येदियुरप्पा ने पार्टी के केंद्रीय नेताओं के समक्ष उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा बहाल करने या आधिकारिक तौर पर प्रदेश में पार्टी का सर्वोच्च नेता घोषित करने के लिए 27 फरवरी तक की समय सीमा निर्धारित की है।उस दिन येदियुरप्पा का जन्मदिन है और उनके समर्थकों ने बड़े आयोजन की योजना बनाई है, जहां वह पार्टी द्वारा अपनी मांगें नहीं मानने पर अपने अगले कदम की घोषणा कर सकते हैं।इस बीच, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी राज्य में पार्टी इकाई के बीच संघर्ष समाप्त करने के लिए लगतार बैठकें कर रहे हैं। येदियुरप्पा ने पिछले साल 31 जुलाई को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पद से इस्तीफा दिया था।
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