बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा में 'डर्टी पिक्चर' देखने के मामले में भले ही कुर्सी सिर्फ तीन मंत्रियों को गंवानी पड़ी हो, लेकिन ऐसी चर्चा है कि इस पिक्चर की धूम पूरे विधानसभा में थी। बुधवार को विधानसभा के गलियारों में ऐसी चर्चा आम थी कि गैंगरेप का वह वीडियो मंगलवार को विधानसभा में कम से कम 40 विधायकों ने देखा था। ये विधायक तमाम पार्टियों के थे।
बुधवार को विधानसभा के गलियारों में विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को यह कहते सुना गया कि अश्लील वीडियो की क्लिपिंग कई विधायकों के पास थी और उन्होंने मंगलवार को जब-तब उसे देखा भी। यहां तक कि एक कैबिनेट मंत्री और भाजपा के कद्दावर विधायक ने भी माना कि रेप का वह वीडियो अगर उनके सामने आया होता तो वह भी जरूर देखते। उन्होंने कहा, 'यह मेरी सहयोगियों की बदकिस्मती रही और मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं।'
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष मोतम्मा ने तो सदन में ही कह दिया कि रेप की क्लिपिंग देखने वाले कई विधायक तो इसलिए बच गए क्योंकि विजिटर्स गैलरी में मौजूद टीवी चैनल के कैमरे उन्हें कैद ही नहीं कर पाए। विपक्ष के कुछ नेता तो यहां तक कहते सुने गए कि लक्ष्मण सावड़ी और सीसी पाटिल तो फिर भी उन कई विधायकों से बेहतर हैं जो नियमित रूप से महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के लिए बदनाम हैं।
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