बर्लिन ।
करीब 40 हजार भारतीयों को यूरोप में काम करने की अनुमति मिल सकती है. इसमें से 12 हजार सिर्फ ब्रिटेन में होंगे. जर्मनी में भी गैर यूरोपीय और विदेशी कर्मचारियों के लिए ब्लू कार्ड पर बहस चल रही है.
गैर यूरोपीय और विदेशी कामगारों को जर्मनी बुलाने के लिए कठोर नियमों में भी ढील दी जाने की योजना है. जर्मनी में विदेशी कामगारों को ब्लू कार्ड अमेरिका में दिए जाने वाले ग्रीन कार्ड की ही तरह होगा. 2009 में बने यूरोपीय आयोग के दिशा निर्देशों में कहा गया है कि जर्मनी आने वाले कर्मचारियों को भी अमेरिका की तरह आसान प्रवेश मिलना चाहिए.
हालांकि ब्लू कार्ड का विरोध करने वाले लोगों की भी कमी नहीं है. बहुत से लोग जर्मनी को अप्रवासी देश के रूप में नहीं देखना चाहते हैं. इस कारण ब्लू कार्ड की योजना बिना लागू हुए खत्म भी हो सकती है. लेकिन यह वास्तविकता से आंखें बंद करने जैसा होगा. न्यूरेम्बर्ग मूल की फेडरल लेबर एजेंसी के आंकड़े कहते हैं कि 2030 तक जर्मनी में 6 लाख कामगारों की कमी हो जाएगी.
इंस्टीट्यूट ऑफ द स्टडी ऑफ द लेबर के निदेशक क्लाउस जिम्मेरमान के अनुसार " हमारी श्रम क्षमता तेजी से संकुचित हो रही है. इससे हमारा विकास प्रभावित होगा." उन्होनें चेतावनी दी कि जनसंख्या में होने वाली यह गिरावट हमारी सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय आधार को खतरे में डाल देगी. 2030 में हमारी जनसंख्या सात करोड़ सत्तर लाख और 2060 में साढ़े छह करोड़ तक घट जाएगी.
भारी वेतन बड़ी बाधा
गैर यूरोपीय देशों से आने वाले कामगारों के लिए जर्मनी के श्रम क्षेत्र में काम करना आसान नहीं है. इसके लिए उनका वार्षिक वेतन लगभग 66 हजार यूरो होना चाहिए. ट्रेड यूनियनों ने इसे ज्यादा बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना भी की है.
इसी सप्ताह जर्मन संसद में हुई बहस में सरकार की और से वार्षिक आय कम किए जाने के संकेत भी दिए गए. भविष्य में जो भी ब्लू कार्ड लेना चाहेगा उसे अपनी कॉलेज की डिग्री और 45 हजार यूरो सालाना कमाई का सबूत भर देना होगा. इसके बाद पहले उसे जर्मनी में रहने की अस्थाई अनुमति दी जाएगी और तीन वर्ष बाद नौकरी मिलने पर स्थाई अनुमति दे दी जाएगी.
उन्हें खुद के व अपने पति या और पत्नी के लिए नौकरी तलाशने का तो अधिकार होगा ही साथ ही उनके लिए जर्मन भाषा का टेस्ट पास करने की शर्त भी समाप्त कर दी जाएगी. इंजीनियरों और पेशेवरों की भारी कमी का सामना कर रहे जर्मनी में इस वर्ग के लिए सालाना आय की सीमा 35 हजार यूरो करने पर विचार किया जा रहा है.
छात्रों को भी लुभाएगा ब्लू कार्ड
जर्मनी में छात्रों को लुभाने के लिए भी ब्लू कार्ड की आकर्षक योजना तैयार की जा रही है. उन्हें अपनी डिग्री पूरी करने और नौकरी तलाशने तक इंतजार करना होगा. उसके बाद उन्हें असीमित समय के लिए रहने की अनुमति मिल जाएगी. नए नियम जर्मनी में वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए आने वाले लोगों पर भी लागू होगें.
जर्मनी के गृहमंत्रालय के सचिव ओले श्रोएडर के अनुसार " सरकार ने गैर यूरोपीय देशों से आने वाले कुशल कामगारों को सीधा संकेत दिया है कि जर्मनी में उनका स्वागत है." हमारी आर्थिक ताकत और यहां रहने वाले हर व्यक्ति की अर्थव्यवस्था उनकी ताकत और ज्ञान से बढ़ेगी."
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