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6 जुल॰ 2012

University of the Sciences Building demolished 300x216 यूनिवर्सिटी का विज्ञान भवन ढहा  जयपुर, 6 जुलाई।
राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर स्थित विज्ञान भवन की  तीन मंजिला इमारत भरभराते हुए जमींदोज हो गई। अचानक हुए इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से पूरे विवि का माहौल खौफजदा हो गया। विज्ञान भवन के एक बड़े हिस्से के धराशाही होने से मलबे में किसी छात्र-कर्मचारी के दबे होने से भी अभी इनकार नहीं किया जा रहा है। विवि के कुलपति और पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर मामले की जानकारी ली। कुलपति प्रोफेसर बी.एल.शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए सेवानिवृत मुख्य अभियंता एस.वी.गुप्ता की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है। मलबा हटाए जाने तक पूरे विज्ञान भवन में आवाजाही को निषेध कर दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक 5-7-2012 करीब सवा आठ बजे विज्ञान भवन का करीब छह से सात सौ वर्गफीट में फैला तीन मंजिला हिस्सा अचानक भरभरा कर गिर गया। इस हिस्से में गणित विभाग की कक्षा कक्ष और विज्ञान भवन का सभागार बताया जा रहा है। यह पूरा का पूरा हिस्सा   धराशाही  हो गया। इसके साथ ही कक्षाओं में रखी आलमारियां, पुस्तकें, शोध पत्र, कम्प्यूटरों के साथ ही लाखों रुपए का कीमती सामान पलभर में मलबे में तब्दील हो गया। सुबह आठ बजे से ही इस भवन में शोधार्थियों और सफाईकर्मियों की नियमित रूप से होने वाली आवाजाही को देखते हुए इनके मलबे में दबने की होने की आश्ंाका भी मौके पर मौजूद छात्रों की ओर से जताई जा रही है। हालांकि विवि के अधिकारी इस हादसे में किसी के भी हताहत नहीं होने की बात प्रारम्भिक तौर पर  किए गए निरीक्षण के आधार पर कह रहे हैं। भवन के गिरते ही मलबे की धूल का गुबार उडऩे से पास ही स्थित सेलर में परीक्षा कार्य कर रहे आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी घबरा गए। लेकिन, आंखों के सामने अंधेरा हो जाने से वे सेलर से बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाए। घटना  की जानकारी मिलते ही कुलपति प्रोफेसर शर्मा, उनके प्रशासनिक सचिव प्रो. टी.एन. माथुर और मुख्य कुलानुशासक प्रो.आर.एल.गोदारा के साथ पुलिस के अधिकारी और विवि के कर्मचारी मौके पर  पहुंच गए। इनकी सूचना के बाद  दमकल भी पहुंच गई।
धराशाही हुआ यह भवन काफी पुराना बताया जा रहा है। कुलपति ने भवन के अचानक गिरने के कारणों की जांच के आदेश दे दिए है। तब तक विज्ञान भवन में बैठने वाले छात्रों की अन्यत्र स्थानों पर बैठक व्यवस्था किए जाने की बात भी कही जा रही है। पहले भी इस इमारत में प्रयोगशालाओं में अचानक से भवन की छतों से चूना झडऩे, प्लास्टर गिरने जैसी छुटपुट घटनाएं हो चुकी है।
इसी भवन में सर्वाधिक संख्या में  शोधार्थियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की मौजूदगी रहती है। अगर यह भवन दिन में गिरा होता तो  बड़ा हादसा यहां हो सकता था। घटना से नाराज छात्रों ने विवि में छात्रों की ओर से आए दिन भवन की मरम्मतों को लेकर की जानेे वाली शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिए जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन भी किया। धराशाही हुए इस भवन के समीप ही कुलपति का निवास होने से भवन के गिरने की आवाज उन तक भी पहुंची। जिसके बाद उन्होंने बिना किसी देरी के मौके का जायजा लिया।

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