मेडिकल अवकाश सुविधा का लाभ ही नहीं
जयपुर, 6 जुलाई। अनुदानित शिक्षण संस्थानों से शिक्षा विभाग में समायोजित
शिक्षक-कर्मचारियों को मेडिकल अवकाश सुविधा का लाभ ही नहीं दिया जा रहा है।
कर्मचारी के दुघर्टनाग्रस्त होने पर उसका वेतन काटा जा रहा है। विभागीय
स्कूलों में शिक्षक-कर्मचारियों के साथ की जा रही इस कार्रवाई से इनमें
जबर्दस्त असंतोष है। कर्मचारियों को इस बात
का मलाल है कि आज बीमार होने के हालत में उनकी पूर्व में अर्जित मेडिकल
अवकाशों का लाभ उन्हें भला क्यों नहीं दिया जा रहा है। अखिल राजस्थान
शिक्षक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक शर्मा का कहना है कि
राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम-2010 के तहत अनुदानित शिक्षण
संस्थानों के शिक्षक-कर्मचारियों को सरकारी सेवा में समायोजित किया गया है।
इस नियम के तहत करीब पांच हजार कर्मचारियों का समायोजन हुआ है। शर्मा का
कहना है कि समायोजन के बाद सरकारी स्कूलों में पदस्थापित होने के बाद
शिक्षक-कर्मचारियों को पूर्व अर्जित मेडिकल अवकाशों का लाभ नहीं दिया जा
रहा है। अनुदानित संस्थाओं में सालों से कार्यरत कर्मचारियों की डेढ़ सौ से
दो सौ तक मेडिकल लीव बकाया है। लेकिन, समायोजन के बाद शिक्षक-कर्मचारियों
की इन अर्जित मेडिकल अवकाशों को शामिल नहीं किया जा रहा है। विभाग की ओर से
कर्मचारियों को समायोजन के बाद नए सिरे से साल की दस मेडिकल अवकाशों का
लाभ ही दिया जा रहा है। पूर्व में अर्जित अवकाशों का लाभ कर्मचारियों को
नहीं दिया जा रहा है। बस्सी के मोहनपुरा स्थित राजकीय माध्यमिक स्कूल में
कार्यरत शारीरिक शिक्षक करनपाल सिंह एक दुघर्टना में बुरी तरह जख्मी हो गए।
चिकित्सकों ने उन्हें बेड रेस्ट पर रहने के लिए कहा है। सिंह का कहना है
कि दस दिन से अधिक का मेडिकल रेस्ट होने पर उन्हेंं पूर्व अर्जित अवकाशों
का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उनका प्रकरण विचाराधीन है। ऐसा होने से वेतन
भी नहीं मिल सका है। शिक्षिका सुमन शर्मा का कहना है कि उनके साथ भी ऐसा ही
हुआ। बकाया अवकाशों का लाभ नहीं दिया जा रहा है। शर्मा का कहना है कि
कर्मचारी के पूर्व अर्जित मेडिकल अवकाशों का लाभ दिए जाने से सरकार पर किसी
तरह का कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ रहा है। एक अन्य शिक्षिका कमला
त्रिपाठी का कहना है कि राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम में
स्पष्ठ रूप से कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जिसमें समायोजित कर्मचारियों को
अपने पूर्व अर्जित मेडिकल अवकाशों का लाभ नहीं दिए जाने का उल्लेख किया गया
हो। ऐसे में ये कर्मचारी हारी-बीमारी की स्थिति में कर्मचारियों को बकाया
मेडिकल अवकाश का लाभ दिए जाने की मांग कर रहे है।
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