जयपुर। जयपुर व
जोधपुर समेत 8 शहरों में सफाई व्यवस्था ठेके पर देने की योजना को केबिनेट
ने बुधवार को मंजूरी दे दी। साथ ही इस योजना का भार भी जनता के माथे डाल
दिया गया। चकाचक शहर की चाह रखने वालों को अब बिजली के बिल पर यूजर चार्ज
के जरिये इसका खर्च भी उठाना पड़ेगा। केबिनेट के फैसले के मुताबिक घरेलू,
व्यावसायिक और औद्योगिक तीनों ही श्रेणियों में 1000 रूपए से ज्यादा के बिल
पर उपभोक्ता को यूजर चार्ज चुकाना पड़ेगा। हालांकि इससे कम बिल वाले
उपभोक्ता इस चार्ज से मुक्त रहेंगे। बिजली बिलों पर वसूले गए यूजर चार्ज की
राशि से सफाई व्यवस्था की निजी कम्पनी का खर्च पूरा होगा।
जयपुर में सफाई की ठेका व्यवस्था पर 34 करोड़ का खर्च आएगा। जोधपुर में 11 करोड़ का खर्च बैठेगा। सभी आठ शहरों में इस योजना पर कुल खर्च का आकलन 95 से 100 करोड़ रूपए तक किया गया है। यूजर चार्ज से अगर इतनी राशि नहीं जुट पाती तो शेष राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
आठ शहरों से शुरूआत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में जयपुर व जोधपुर के साथ 6 अन्य शहरों कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, पुष्कर व किशनगढ़ में सफाई व्यवस्था ठेके पर देने को मंजूरी दी गई। निजी कम्पनियों के सफाई व्यवस्था का जिम्मा उठाते ही अगले बिजली बिल में यूजर चार्ज जुड़कर आने लगेगा। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने स्पष्ट किया कि यूजर चार्ज बिजली बिल की राशि पर लगेगा न कि हर महीने के बिजली उपभोग पर।
1000 तक कुछ नहीं
1001-2000 100
2001-5000 200
5001-10000 300
10001-20000 500
20000 से ज्यादा 1000
1001-2000 100
2001-5000 200
5001-10000 300
10001-20000 500
20000 से ज्यादा 1000
1000 तक कुछ नहीं
1001-2000 100
2001-5000 150
5001-10000 200
10000 से ज्यादा 300
व्यावसायिक श्रेणी
बिल राशि (रू.) यूजर चार्ज (रू.)
1000 तक कुछ नहीं
1001-2000 100
2001-5000 200
5001-10000 300
10001-20000 500
20000 से ज्यादा 1000
औद्योगिक श्रेणी
बिल राशि (रू.) यूजर चार्ज (रू.)
1000 तक कुछ नहीं
1001-10000 500
10001-20000 750
20000 से ज्यादा 1000
सभी जिलों में लागू होगी योजना
मंत्रिमण्डल ने हर जिला मुख्यालय पर
दो साल के भीतर निजी कम्पनियों से सफाई योजना लागू करने को मंजूरी दी है
लेकिन विभाग एक साल में ही योजना लागू करने का प्रयास करेगा।
खर्च का गणितजयपुर में सफाई की ठेका व्यवस्था पर 34 करोड़ का खर्च आएगा। जोधपुर में 11 करोड़ का खर्च बैठेगा। सभी आठ शहरों में इस योजना पर कुल खर्च का आकलन 95 से 100 करोड़ रूपए तक किया गया है। यूजर चार्ज से अगर इतनी राशि नहीं जुट पाती तो शेष राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
आठ शहरों से शुरूआत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में जयपुर व जोधपुर के साथ 6 अन्य शहरों कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, पुष्कर व किशनगढ़ में सफाई व्यवस्था ठेके पर देने को मंजूरी दी गई। निजी कम्पनियों के सफाई व्यवस्था का जिम्मा उठाते ही अगले बिजली बिल में यूजर चार्ज जुड़कर आने लगेगा। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने स्पष्ट किया कि यूजर चार्ज बिजली बिल की राशि पर लगेगा न कि हर महीने के बिजली उपभोग पर।
छंटनी नहीं होगी
धारीवाल ने स्पष्ट किया कि जिन शहरों में सफाई की नई
व्यवस्था लागू हो रही है वहां के शहरी निकायों के सफाई कर्मचारियों की
छंटनी नहीं होगी। 20 हजार की प्रस्तावित भर्ती भी होगी।
यूं लगेगा जेब को झटका
बिल राशि (रू.) यूजर चार्ज (रू.)1000 तक कुछ नहीं
1001-2000 100
2001-5000 200
5001-10000 300
10001-20000 500
20000 से ज्यादा 1000
1001-2000 100
2001-5000 200
5001-10000 300
10001-20000 500
20000 से ज्यादा 1000
1000 तक कुछ नहीं
1001-2000 100
2001-5000 150
5001-10000 200
10000 से ज्यादा 300
व्यावसायिक श्रेणी
बिल राशि (रू.) यूजर चार्ज (रू.)
1000 तक कुछ नहीं
1001-2000 100
2001-5000 200
5001-10000 300
10001-20000 500
20000 से ज्यादा 1000
औद्योगिक श्रेणी
बिल राशि (रू.) यूजर चार्ज (रू.)
1000 तक कुछ नहीं
1001-10000 500
10001-20000 750
20000 से ज्यादा 1000
जयपुर में सितम्बर से
जयपुर में निजी कम्पनी सितम्बर माह से सफाई का
काम हाथ में लेगी। वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं। यानी सितम्बर के बाद से
जारी होने वाले बिजली बिलों में यूजर चार्ज जुड़कर आएगा।
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