मेहंदीपुर बालाजी। यहां मंदिर परिसर में निर्माणाधीन छत को सहारा देने के लिए लगीं बल्लियां गिर जाने से शनिवार तड़के बालाजी दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। इसमें छतरपुर (मध्यप्रदेश) निवासी मानसिक रूप से बीमार गौरीलाल (35) की मौत हो गई, जबकि चार जने बेहोश हो गए। इस दौरान गुस्साए श्रद्धालुओं ने गार्डो की वर्दी फाड़ दी। एक घंटे की अव्यवस्था के बाद स्थानीय पुलिस व टोडाभीम से आए आरएसी के जवानों ने भीड़ पर काबू पाया। श्रद्धालुओं ने बालाजी ट्रस्ट कर्मचारियों पर जिंदगी से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की भी मांग की।
5000 श्रद्धालु थे मौजूद
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंदिर ट्रस्ट कर्मचारियों ने शनिवार तड़के 3-4 बजे 5000 से भी अघिक श्रद्धालुओं को कतार में लगने के लिए मंदिर के पूर्वी ओर निर्माणाधीन विशाल भवन में घुसा दिया। इस भवन में छत को सहारा देने के लिए बल्लियां लगी थी, लेकिन बैरीकेडिंग की व्यवस्था नहीं थी। श्रद्धालुओं आगे बढ़ रहे थे, तभी अचानक बल्लियां गिरने लगी। इससे बदहवास श्रद्धालुओं में भवन से बाहर आने के लिए भगदड़ मच गई। कोई छत पर तो कोई रेलिंग पर चढ़कर बाहर जाने का प्रयास करने लगा।नए भवन से श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की मौखिक सूचना पुलिस को शुक्रवार शाम ही दे दी थी। फिर भी पुलिस देरी से आई। कुछ अव्यवस्था जरूर हुई है। भगदड़ जैसी कोई बात नहीं है। मोहनलाल तिवाड़ी, कर्मचारी बालाजी मंदिर ट्रस्ट
गार्ड नहीं थे पर्याप्त
निर्माणाधीन नए भवन में पंखे नहीं थे। उमस से हजारों श्रद्धालु व्याकुल हो गए। इनके बाहर निकलने की होड़ में अव्यवस्था फैली। ट्रस्ट के गाड्र्स भी पर्याप्त नहीं थे। यादराम, चौकी प्रभारी, मेहंदीपुर बालाजी
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