जयपुर। महेश नगर
क्षेत्र में सोमवार देर रात जितेन्द्र शर्मा (26) उर्फ साजन नामक युवक
संदिग्धावस्था में आग लगने से गंभीर रूप से झुलस गया। उसकी उपचार के दौरान
एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई। हालांकि जितेन्द्र ने मृत्यु पूर्व दिए बयान
में कहा कि ओवरटेक को लेकर हुए विवाद में बाइक सवार दो युवकों ने उस पर घर
के बाहर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी।
मंगलवार सुबह करीब 11 बजे जितेन्द्र की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में करीब ढाई घंटे हंगामा किया। उनका आरोप है कि भर्ती करने के बाद से कोई चिकित्सक जितेन्द्र को देखने नहीं आया। महेश नगर थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
घर के बाहर लगाई आग
कृष्णा नगर करतारपुरा निवासी जितेन्द्र एसएमएस अस्पताल में अपने पर्चा बयान में पुलिस को बताया कि वह सोमवार रात ऑटो से घर लौट रहा था। तभी ओवरटेक की बात पर बाइक सवार दो युवक ऑटो चालक से झगड़ा करने लगे। जितेन्द्र ने समझाइश का प्रयास किया तो बाइक सवारों को यह नागवार गुजरा। युवक जितेन्द्र को देख लेने की धमकी देकर निकल गए। इधर ऑटो चालक जितेन्द्र को घर के पास छोड़ चला गया, तभी बाइक सवार लौटे और घर के बाहर ही जितेन्द्र पर पेट्रोल डाल आग लगा भाग गए।
आग से घिरा देख कूदा भाई
जितेन्द्र के चिल्लाने पर छत पर सोया छोटा भाई विपिन यह देख उसे बचाने के लिए छत से कूद गया। उसके पैर में भी फे्रक्चर हो गया।
बेहोश हो रही थी मां
अस्पताल में जितेंद्र की मां बेटे का नाम लेकर बार-बार बेहोश हो रही थी। बड़े भाई योगेन्द्र का भी रो-रो कर बुरा हाल था। उधर, शव लेकर एम्बुलेंस जितेन्द्र के घर पहुंची तो वहां उसकी पत्नी डॉली के विलाप से सभी की आंखें भर आई।
कब आएंगे पापा
अस्पताल में परिजनों के साथ आई मासूम गुनगुन नहीं जानती थी कि उसके पिता जितेन्द्र अब कभी नहीं लौटेंगे। उसने रोते हुए चाचा से पूछा कि आप क्यों रो रहे हो, मेरे पापा कहां गए।
पुलिस के गले नहीं उतर रही घटना
देर रात घर के बाहर जितेन्द्र को जला देने की घटना पुलिस के गले नहीं उतर रही है। पुलिस व एफएसएल ने अपनी जांच में पाया कि घटना स्थल व मृतक के घर पर एक समान साक्ष्य व सबूत मिले हैं। इसके अलावा घर से एक बोतल भी मिली है, जिसमें कुछ पेट्रोल भरा था। पड़ोसियों के बयान में भी यह बात सामने आई है कि रात को घर में झगड़ा हो रहा था। पुलिस का मानना है कि यह मामला पारिवारिक कलह का भी हो सकता है। इसलिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।
शव लेकर गेट पर बैठे
उधर, जितेंद्र की मौत के बाद डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर परिजनों ने करीब ढाई घंटे हंगामा किया। शोर मचाने से रोकने पर उनकी गार्डो से हाथापाई भी हुई। अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर परिजन इमरजेंसी के बाहर शव लेकर बैठ गए। करीब ढाई घंटे बाद पुलिस के उच्चाघिकारी पहुंचे।
मंगलवार सुबह करीब 11 बजे जितेन्द्र की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में करीब ढाई घंटे हंगामा किया। उनका आरोप है कि भर्ती करने के बाद से कोई चिकित्सक जितेन्द्र को देखने नहीं आया। महेश नगर थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
घर के बाहर लगाई आग
कृष्णा नगर करतारपुरा निवासी जितेन्द्र एसएमएस अस्पताल में अपने पर्चा बयान में पुलिस को बताया कि वह सोमवार रात ऑटो से घर लौट रहा था। तभी ओवरटेक की बात पर बाइक सवार दो युवक ऑटो चालक से झगड़ा करने लगे। जितेन्द्र ने समझाइश का प्रयास किया तो बाइक सवारों को यह नागवार गुजरा। युवक जितेन्द्र को देख लेने की धमकी देकर निकल गए। इधर ऑटो चालक जितेन्द्र को घर के पास छोड़ चला गया, तभी बाइक सवार लौटे और घर के बाहर ही जितेन्द्र पर पेट्रोल डाल आग लगा भाग गए।
आग से घिरा देख कूदा भाई
जितेन्द्र के चिल्लाने पर छत पर सोया छोटा भाई विपिन यह देख उसे बचाने के लिए छत से कूद गया। उसके पैर में भी फे्रक्चर हो गया।
बेहोश हो रही थी मां
अस्पताल में जितेंद्र की मां बेटे का नाम लेकर बार-बार बेहोश हो रही थी। बड़े भाई योगेन्द्र का भी रो-रो कर बुरा हाल था। उधर, शव लेकर एम्बुलेंस जितेन्द्र के घर पहुंची तो वहां उसकी पत्नी डॉली के विलाप से सभी की आंखें भर आई।
कब आएंगे पापा
अस्पताल में परिजनों के साथ आई मासूम गुनगुन नहीं जानती थी कि उसके पिता जितेन्द्र अब कभी नहीं लौटेंगे। उसने रोते हुए चाचा से पूछा कि आप क्यों रो रहे हो, मेरे पापा कहां गए।
पुलिस के गले नहीं उतर रही घटना
देर रात घर के बाहर जितेन्द्र को जला देने की घटना पुलिस के गले नहीं उतर रही है। पुलिस व एफएसएल ने अपनी जांच में पाया कि घटना स्थल व मृतक के घर पर एक समान साक्ष्य व सबूत मिले हैं। इसके अलावा घर से एक बोतल भी मिली है, जिसमें कुछ पेट्रोल भरा था। पड़ोसियों के बयान में भी यह बात सामने आई है कि रात को घर में झगड़ा हो रहा था। पुलिस का मानना है कि यह मामला पारिवारिक कलह का भी हो सकता है। इसलिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।
शव लेकर गेट पर बैठे
उधर, जितेंद्र की मौत के बाद डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर परिजनों ने करीब ढाई घंटे हंगामा किया। शोर मचाने से रोकने पर उनकी गार्डो से हाथापाई भी हुई। अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर परिजन इमरजेंसी के बाहर शव लेकर बैठ गए। करीब ढाई घंटे बाद पुलिस के उच्चाघिकारी पहुंचे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें