नई दिल्ली।।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की नाराजगी झेल रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
पृथ्वीराज चव्हाण के खिलाफ पार्टी के विधायकों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
उनके खिलाफ बगावत की सुगबुगाहट को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
ने उन्हें दिल्ली तलब किया है। दूसरी तरफ, राजधानी दिल्ली की सियासी फिजा
में इस बात की खूब चर्चा उड़ रही है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को प्रमोट
करके सेंटर में भेजा जा रहा है। प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति चुने जाने के
बाद कैबिनेट में फेरबदल संभावित है। सोनिया गांधी और शीला दीक्षित की
मुलाकात के बाद अटकलें हैं कि दिल्ली की मुख्यमंत्री सेंट्रल कैबिनेट में
चिदंबरम की जगह होम मिनिस्ट्री की कमान संभालने वाली हैं।
महाराष्ट्र में चव्हाण सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कांग्रेस के 40 विधायकों ने उनके खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक शिकायती चिट्ठी भी लिखी है। सोनिया के साथ ही ये चिट्ठी महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे और पार्टी प्रवक्ता मोहन प्रकाश को भी भेजी गई है। शिकायत में विधायकों ने लिखा है कि अगर राज्य सरकार ऐसे ही काम करती रही तो हमारा अगली बार चुनाव में जीत पाना मुमकिन नहीं होगा। इन विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री उनकी बात नहीं सुनते और उनका काम नहीं हो पाता है।
बताया जा रहा है कि एनसीपी के 24 विधायकों ने भी पृथ्वीराज चव्हाण के खिलाफ पवार को चिट्ठी लिखी है।
उच्च पदस्थ सूत्रों की अगर मानें तो कैबिनेट के आगामी फेरबदल में शीला दीक्षित को गृह मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, पी. चिदंबरम को फिर से वित्त मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है। शीला के बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर कोई नाम फिलहाल सामने नहीं आया है। उनके विकल्प के तौर पर केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अजय माकन, डॉ. अशोक कुमार वालिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री और परिवहन मंत्री अरविंदर सिंह में से किसी एक के नाम पर विचार किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में चव्हाण सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कांग्रेस के 40 विधायकों ने उनके खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक शिकायती चिट्ठी भी लिखी है। सोनिया के साथ ही ये चिट्ठी महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे और पार्टी प्रवक्ता मोहन प्रकाश को भी भेजी गई है। शिकायत में विधायकों ने लिखा है कि अगर राज्य सरकार ऐसे ही काम करती रही तो हमारा अगली बार चुनाव में जीत पाना मुमकिन नहीं होगा। इन विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री उनकी बात नहीं सुनते और उनका काम नहीं हो पाता है।
बताया जा रहा है कि एनसीपी के 24 विधायकों ने भी पृथ्वीराज चव्हाण के खिलाफ पवार को चिट्ठी लिखी है।
उच्च पदस्थ सूत्रों की अगर मानें तो कैबिनेट के आगामी फेरबदल में शीला दीक्षित को गृह मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, पी. चिदंबरम को फिर से वित्त मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है। शीला के बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर कोई नाम फिलहाल सामने नहीं आया है। उनके विकल्प के तौर पर केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अजय माकन, डॉ. अशोक कुमार वालिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री और परिवहन मंत्री अरविंदर सिंह में से किसी एक के नाम पर विचार किया जा सकता है।
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