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3 अग॰ 2012

सिंहासन छोड़ो जनता आती है: जनरल वीके सिंह

अन्‍ना हजारे के अनशन स्‍थल पर पहुंचे जनरल वीके सिंह ने मंच से लोगों में एक तरह से जैसे नया जोश भर दिया. आंदोलन के बारे में बोलते हुए पूर्व सेनाध्‍यक्ष ने कहा कि भ्रष्‍टाचार सब समस्‍याओं की जड़ और यह आंदोलन उसी भ्रष्‍टाचार को मिटाने के लिए है.
जनरल वीके सिंहउन्‍होंने यह भी कहा कि भ्रष्‍टाचार से लड़ने वालों की राह कठिन है और भ्रष्‍टाचार से लड़नेवालों का दमन होगा. इसके लिए भी आंदोलनकारियों को तैयार रहना होगा. 1975 के जेपी आंदोलन का उल्‍लेख करते हुए जनरल वीके सिंह ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा कि उस दौरा में एक नारा दिया गया था 'सिंहासन छोड़ो जनता आती है'. उन्‍होंने कहा कि आज हालात वैसे ही हो गए हैं इसलिए हमें फिर से उस नारे की जरूरत है.
जनरल सिंह ने कहा कि आज हर आदमी महंगाई से परेशान है. संविधान के प्रावधानों का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि देश में भ्रष्‍टाचार मिटाने की कोशिश नहीं की गई ना कानूनों का ठीक से पालन हुआ, नहीं तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती.
टीम अन्‍ना द्वारा राजनीति में आने के फैसले को सही ठहराते हुए उन्‍होंने कहा, 'हमने की थी राजनीतिक विकल्‍प की अपील और अन्‍ना ने हमारी अपील को माना है. उन्‍होंने यह भी कहा कि बड़ा आंदोलन करना होगा और देश को एक और राजनीतिक विकल्‍प देना जरूरी है.
युवाओं का उत्‍साह बढ़ाते हुए पूर्व सेनाध्‍यक्ष ने कहा कि आंदोलन की असली ताकत युवा ही हैं और अगर युवा चाहें तो देश की तकदीर बदल सकते हैं. सेना का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि जब सेना के लोग अच्‍छा काम कर सकते हैं तो प्रशासन के लोग क्‍यों नहीं कर सकते. उन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अच्‍छे लोगों को आगे आना चाहिए और जनता ही देश की तकदीर बदल सकती है.

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