नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल की पार्टी के संस्थापक सदस्यों की शनिवार को हुई बैठक में उनकी पार्टी का नाम ‘आम आदमी पार्टी’ रखा गया और इस दौरान संगठन के संविधान को भी मंजूरी दी गई।
सूत्रों ने कहा कि करीब 300 संस्थापक सदस्यों की बैठक आज कंस्टीट्यूशन क्लब में हुई। इस दौरान केजरीवाल ने पार्टी के नाम का प्रस्ताव दिया, जिसे अन्य सदस्यों ने स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि बैठक में पार्टी के संविधान को भी स्वीकार किया गया। मयंक गांधी ने इसका प्रस्ताव दिया जिसका चंद्रमोहन ने समर्थन किया।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के केजरीवाल की इच्छा के मुताबिक राजनीतिक रूप लेने के सवाल पर अन्ना हजारे के साथ मतभेद के बाद पार्टी का गठन हुआ है।
अगस्त में अनशन के दौरान हजारे और केजरीवाल ने यह कहते हुए आंदोलन समाप्त कर दिया कि देश को कांग्रेस और भाजपा का राजनीतिक विकल्प मुहैया कराने के लिए वे काम करेंगे।
बहरहाल हजारे और केजरीवाल ने पार्टी बनाने को लेकर हुए मतभेद के बाद 19 सितम्बर को अपने रास्ते अलग कर लिए। हजारे अपने रुख पर कायम रहे कि आंदोलन को गैर राजनीतिक रहना चाहिए।
केजरीवाल ने दो अक्तूबर को पार्टी के गठन की घोषणा की थी और कहा था कि आधिकारिक रूप से इसे 26 नवम्बर को शुरू किया जाएगा। इसी दिन 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया था।
बैठक से पहले केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी, महिलाएं, बच्चे उनकी पार्टी का गठन कर रहे हैं।
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