शादी-ब्याह के लिए छपवाए जाने वाले निमंत्रण पत्रों पर अब दूल्हा-दुल्हन की जयपुर, 24 नवम्बरजन्मतिथि अंकित करने के साथ ही बालिग होने का प्रमाण पत्र देना आवश्यक होगा। उनके जन्म का प्रमाण पत्र देने के बाद ही प्रिटिंग प्रेस मालिक शादी के कार्ड छापकर देगा।
अबूझ सावों पर ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बाल विवाह होने की घटनाओं के बीच यह अनूठी पहल की है बांसवाड़ा जिला कलेक्टर कुंजबिहारी गुप्ता ने। जिन्होंने जिले में बाल विवाह रोकने के लिए इस आशय के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बाल विवाह रोकने के लिए सभी प्रिन्टिंग पे्रस मालिकों को निर्देशित किया है कि वे विवाह कार्ड छापते समय वर एवं वधू के माता-पिता से वर एवं वधू की आयु के संबंध में प्रमाण पत्र लें और वर तथा वधू की जन्मतिथि आवश्यक रूप से निमंत्रण पत्र पर अंकित करें।
गौरतलब है कि देव प्रबोधनी एकादशी, बसंत पंचमी, फुलेरा दूज तथा अक्षय तृतीया पर बाल विवाहों की संभावनाओं को देखते हुए उनकी रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर के कार्मिक यथा पटवारी, गिरदावर, सचिव, बीट कांस्टेबल, हेल्पर, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सहयोगिनी, साथिन, गांव में स्थित किसी भी स्तर के विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं गांव के किसी भी सरकारी कार्यालय के कर्मचारी को पाबंद करती है कि वे बाल विवाह के आयोजन की सूचना तत्काल प्रभाव से उस क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी को दें। इसके अलावा उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को विवाह में प्रयुक्त होने वाले वाहनों को परमिट देते समय इस बात को प्रमाणित करने के निर्देश दिए हैं कि वाहन बाल विवाह में उपयोग में नहीं लिया जाएगा। विवाह के कार्य करवाने वाले बैंड-बाजा मालिक, हलवाई, पंडित को भी बाल विवाह नहीं करवाए जाने के लिए कहा जाता है लेकिन इसके बावजूद बाल विवाह होने की घटनाएं हो रही हंै।
इन घटनाओं के बीच आज देव प्रबोधनी एकादशी के अबूझ सावे पर जिला कलेक्टर की ओर से की गई यह पहल जनचेतना का जरिया बनेगी।
गौरतलब है कि देव प्रबोधनी एकादशी, बसंत पंचमी, फुलेरा दूज तथा अक्षय तृतीया पर बाल विवाहों की संभावनाओं को देखते हुए उनकी रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर के कार्मिक यथा पटवारी, गिरदावर, सचिव, बीट कांस्टेबल, हेल्पर, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सहयोगिनी, साथिन, गांव में स्थित किसी भी स्तर के विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं गांव के किसी भी सरकारी कार्यालय के कर्मचारी को पाबंद करती है कि वे बाल विवाह के आयोजन की सूचना तत्काल प्रभाव से उस क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी को दें। इसके अलावा उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को विवाह में प्रयुक्त होने वाले वाहनों को परमिट देते समय इस बात को प्रमाणित करने के निर्देश दिए हैं कि वाहन बाल विवाह में उपयोग में नहीं लिया जाएगा। विवाह के कार्य करवाने वाले बैंड-बाजा मालिक, हलवाई, पंडित को भी बाल विवाह नहीं करवाए जाने के लिए कहा जाता है लेकिन इसके बावजूद बाल विवाह होने की घटनाएं हो रही हंै।
इन घटनाओं के बीच आज देव प्रबोधनी एकादशी के अबूझ सावे पर जिला कलेक्टर की ओर से की गई यह पहल जनचेतना का जरिया बनेगी।
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