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2 फ़र॰ 2013

वसुंधरा प्रदेशाध्यक्ष, कटारिया नेता प्रतिपक्ष


जयपुर. भाजपा ने वसुंधरा राजे को राजस्थान की कमान सौंप दी है और कल तक उनकी खुलकर खिलाफत करने वाले संघनिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद देकर मना लिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शनिवार शाम दिल्ली में इसका एलान किया। वसुंधरा को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के साथ ही अगले मुख्यमंत्री के स्वाभाविक उम्मीदवार के तौर पर भी प्रोजेक्ट किया गया है।
इस बीच पार्टी के निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने इस्तीफा दे दिया है। कटारिया के चयन की औपचारिकता विधानसभा के बजट सत्र से पहले होने वाली विधायक दल की बैठक में पूरी होगी।
वसुंधरा राजे संभवत: ७ फरवरी को जयपुर आएंगी और ८ को पद ग्रहण करेंगी। इससे पहले वसुंधरा राजे २००२ में प्रदेश अध्यक्ष थीं और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। तब भाजपा को १२० सीटें मिली थीं।
सवाल उठा- ये राजस्थान है, मध्यप्रदेश का उपनिवेश नहीं

घोषणा से पहले बैठकों का दौर चला। जैसे ही फैसला सुनाया गया, पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा- ये राजस्थान है, मध्यप्रदेश का उपनिवेश नहीं। कप्तानसिंह सोलंकी, सौदानसिंह, सुरेश सोनी और वसुंधरा सभी मध्यप्रदेश से हैं।

आप सब राजस्थान का फैसला कैसे कर सकते हैं। आपको राजस्थान के नेताओं की सुननी चाहिए। उनसे कहा गया कि अब तक के सर्वे में वसुंधरा की लोकप्रियता को राजस्थान में कोई नहीं छू पाया। जेटली के फीडबैक में भी सबने वसुंधरा को कमान सौंपने की बात कही थी।

पार्टी का आदेश मानना ही मेरा धर्म
पार्टी ने जो आदेश दिया है, उसके अनुसार काम करना मेरा धर्म है। मैं कार्यकर्ता हूं। पार्टी नेतृत्व का आदेश मानना मेरा कर्तव्य है। मैं समझता हूं, जो विषय है, उसमें हम सबको साथ लेकर, आत्मीयता से, संगठन के साथ जोड़कर काम करेंगे। वसुंधरा राजे और सब कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान रखते हुए सबको साथ लेकर चलूंगा।
-गुलाबचंद कटारिया
हम पूरी तरह एकजुट, सरकार बनाएंगे
हम पूरी तरह एकजुट हैं। पूरी तैयारी के साथ चुनाव में उतरेंगे और अच्छी तरह से जीत हासिल कर सरकार बनाएंगे। भारतीय जनता पार्टी एक परिवार है। इस परिवार में हम ही नहीं हैं, हमारे कार्यकर्ता भी हैं। ये एक बहुत बड़ा परिवार है और बहुत सारे सदस्यों को साथ लेकर चलने का काम करना है। सबको साथ लेकर चलेंगे। राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी को गुलाबचंद कटारिया और हम सब मिलकर आगे बढ़ाएंगे।
-वसुंधरा राजे
आगे क्या? आगे क्या?नई भूमिका
  •  वसुंधरा को संतुलित टीम बनानी होगी। इसमें संघनिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की भूमिका भी जरूरी होगी।
  •  टिकट बंटवारे में वसुंधरा की ही चलेगी। पार्टी में नए समीकरण बनेंगे। सोशल इंजीनियरिंग होगी।
  •  गुलाबचंद कटारिया को लाल बत्ती और सुविधाएं तो मिलेंगी, लेकिन बजट सत्र के अलावा करने को कुछ नहीं रहेगा।

नई चुनौती
  •   पार्टी की खेमेबंदी से निबटना। सभी पक्षों को साथ लेकर चलना।
  •  चुनावी रण के लिए पार्टी को आक्रामक तेवर में लाना। सरकार को घेरने की रणनीति बनाना।
...और नई तस्वीर
  • संगठन पर अब तक संघनिष्ठ खेमे का वर्चस्व था, जो अब पूरी तरह टूट गया है।
  •  पार्टी के अग्रिम संगठनों में शामिल चेहरों में बदलाव दिखाई देगा।
  •  वसुंधरा के कमान संभालते ही प्रदेश के राजनीतिक समीकरण भी पलटेंगे। कांग्रेस संगठन में भी फेरबदल संभव है।
७ घंटे, मीटिंग दर मीटिंग ...और सुलह
शनिवार सुबह 10:३० बजे : दिल्ली में जेटली, प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह और सौदान सिंह आदि ने वसुंधरा राजे, कटारिया, अरुण चतुर्वेदी और घनश्याम तिवाड़ी के साथ करीब डेढ़ घंटे बैठक की। हाईकमान का फैसला सुनाया कि राजे अध्यक्ष और कटारिया नेता प्रतिपक्ष होंगे। घनश्याम तिवाड़ी बैठक छोड़ गए। कहा- परिवार का सीकर में कार्यक्रम है, जाना जरूरी है।
शाम ०५:३० बजे : राजनाथ ने कटारिया और राजे के बारे में घोषणा कर दी। इससे पहले उन्होंने शाम साढ़े 4 बजे राजस्थान के नेताओं के साथ मीटिंग की। इसमें सुषमा और अरुण जेटली भी थे।

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