हेलीकॉप्टर घोटाले की पड़ताल में एक-एक कर कई राज खुलते जा रहे हैं. इस
मामले की तहकीकात में जुटी इटली की टीम ने अदालत के सामने जो दस्तावेज पेश
किए हैं उससे खुलासा हुआ है कि अगस्टा वेस्टलैंड से जो घूस की रकम थी
उसमें से साठ फीसदी त्यागी बंधुओं तक पहुंची. बाकी 40 फीसदी रकम इस मामले
में जुड़े अन्य लोगों को दी गई.
इटली की एजेंसी ने जो 64 पेज की चार्जशीट दायर की है उसके मुताबिक अगस्टा वेस्टलैंड ने आईडीएस इंफोटेक और आईडीएस ट्यूनिशिया के साथ कॉन्टैक्ट साइन किए थे. दस्तावेजों में साफ कहा गया है कि इन ठेकों का मकसद घूस की रकम भेजना था. यही नहीं टैक्स के बचने के लिए इस रकम को 2007 से 2010 के बीच कई हिस्सों में इन दोनो कंपनियों को भेजे गए.
इतना ही नहीं जब घूस की रकम बढ़ गई तो आईडीएस इंफोटेक की एक सब्सिडरी कंपनी एअरोमैट्रिक्स बना दी गई. इटली की एजेंसी के दस्वावेज के ही जरिए आईडीएस इंफोटेक से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष बागरोडिया के परिवार के लोगों के जुड़े होने का मामला भी सामने आ रहा है.
दस्तावेजों के मुताबिक संतोष बागरोडया के छोटे भाई सतीश और उनके पुत्र मनीष इस कंपनी में 1989 से ही डायरेक्टर हैं. जबकि संतोष के दूसरे बेटे आशीष साल 2005 में डायरेक्टर बनाए गए.
इटली की एजेंसी ने जो 64 पेज की चार्जशीट दायर की है उसके मुताबिक अगस्टा वेस्टलैंड ने आईडीएस इंफोटेक और आईडीएस ट्यूनिशिया के साथ कॉन्टैक्ट साइन किए थे. दस्तावेजों में साफ कहा गया है कि इन ठेकों का मकसद घूस की रकम भेजना था. यही नहीं टैक्स के बचने के लिए इस रकम को 2007 से 2010 के बीच कई हिस्सों में इन दोनो कंपनियों को भेजे गए.
इतना ही नहीं जब घूस की रकम बढ़ गई तो आईडीएस इंफोटेक की एक सब्सिडरी कंपनी एअरोमैट्रिक्स बना दी गई. इटली की एजेंसी के दस्वावेज के ही जरिए आईडीएस इंफोटेक से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष बागरोडिया के परिवार के लोगों के जुड़े होने का मामला भी सामने आ रहा है.
दस्तावेजों के मुताबिक संतोष बागरोडया के छोटे भाई सतीश और उनके पुत्र मनीष इस कंपनी में 1989 से ही डायरेक्टर हैं. जबकि संतोष के दूसरे बेटे आशीष साल 2005 में डायरेक्टर बनाए गए.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें